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    दो बोगस फर्मों ने किया 114 करोड़ का GST फ्रॉड, CM योगी के आदेश के बाद SIT करेगी जांच

    Updated: Tue, 18 Nov 2025 04:16 AM (IST)

    उत्तर प्रदेश में दो बोगस फर्मों ने 114 करोड़ रुपये का जीएसटी फ्रॉड किया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश के बाद इस मामले की जांच एसआईटी को सौंपी गई है, ताकि निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से जांच हो सके और दोषियों पर कार्रवाई की जा सके।

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    जागरण संवाददाता, गाजीपुर। प्रदेश के 44 जनपदों में जीएसटी चोरी के 188 मामलों में गाजीपुर के दो मामले शामिल हैं, जिनकी जांच के लिए एसआइटी का गठन किया गया है। शहर कोतवाली और करंडा थाने में दर्ज मामलों में 114 करोड़ से अधिक का जीएसटी फ्राड किया गया है। शासन द्वारा गठित एसआइटी कभी भी संबंधित फर्मों के संचालकों और आरोपितों से पूछताछ कर सकती है।

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    कुछ ने फर्जी बिलिंग की है, जबकि अन्य ने फर्जी कागजों पर जीएसटी का पंजीकरण कराकर करोड़ों का गोलमाल किया है। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद एसआइटी जांच में मामले का शीघ्र राजफाश होने की संभावना है।शहर कोतवाली क्षेत्र के हाथीखाना निवासी कपड़े के व्यापारी अजीत कुमार के जीएसटी नंबर से 113.65 करोड़ की फर्जी बिलिंग का मामला अक्टूबर में सामने आया था। यह मामला चार महीने पुराना है।

    इनके खिलाफ मामला दर्ज

    सीजेएम के आदेश पर कोतवाली पुलिस ने चार्टर्ड एकाउंटेंट गौरव गुप्ता, करंडा के चंदन सिंह और बैंक मैनेजर विनोद के खिलाफ केस दर्ज किया है। अजीत आदर्श बाजार में कपड़े की दुकान के विस्तार के लिए बैंक से ऋण लेना चाहते थे, जिसके लिए उन्होंने जीएसटी पंजीकरण कराया था। जांच में पाया गया कि उनके जीएसटी नंबर का दुरुपयोग कर भारी बिलिंग की गई।

    करंडा में भी फर्जी कागजात के आधार पर जीएसटी पंजीकरण लेकर करोड़ों की कर चोरी का मामला सामने आया है। उमेश इंटरप्राइजेज नाम की फर्म ने जाली कागजात के जरिए पंजीकरण प्राप्त किया। कर विभाग की जांच में यह स्पष्ट हुआ कि बताए गए स्थल पर कोई व्यापारिक गतिविधि नहीं चल रही थी। फर्म के अभिलेखों में वास्तविक खरीद या कर भुगतान नहीं दिखता, फिर भी करोड़ों का लाभ उठाया गया।