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    गाजीपुर जिले में मुंसफी गली में बरामद हुई थाना में सीज की गई बाइक, महकमे में मची खलबली

    By Abhishek SharmaEdited By:
    Updated: Wed, 13 Oct 2021 09:01 AM (IST)

    वरिष्ठ उप निरीक्षक घनानंद त्रिपाठी व कस्बा चौकी इंचार्ज देवेंद्र बहादुर सिंह ने पहुंचकर सिविल बार एसोसिएशन के अध्यक्ष सुनील कुमार पांडेय एवं अन्य अधिवक्ताओं से बातचीत कर किसी तरह मामला निपटाया। बाइक को थाना से ही रिलीज करा दिया गया और महिला बाइक को लेकर चली गई।

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    सीज की गई बाइक रिलीज कराने पहुंची महिला को मुंसफी व डायट के संयुक्त गली में खड़ी दिखी।

    गाजीपुर, जागरण संवाददाता। सैदपुर मुंसफी परिसर में मंगलवार की दोपहर उस समय खलबली मच गई जब सीज की गई बाइक रिलीज कराने पहुंची महिला को मुंसफी व डायट के संयुक्त गली में खड़ी दिखी। महिला ने अपने वकील को बताया कि जिस बाइक को रिलीज कराने आई हूं, वह यहीं पर खड़ी है। इसका पता चलते ही पुलिस में खलबली मच गई। वरिष्ठ उप निरीक्षक घनानंद त्रिपाठी व कस्बा चौकी इंचार्ज देवेंद्र बहादुर सिंह ने पहुंचकर सिविल बार एसोसिएशन के अध्यक्ष सुनील कुमार पांडेय एवं अन्य अधिवक्ताओं से बातचीत कर किसी तरह मामला निपटाया। बाइक को थाना से ही रिलीज करा दिया गया और महिला बाइक को लेकर चली गई।

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    बीते 24 मई को औड़िहार में हुए ट्रक व बाइक के बीच हुए भिड़ंत में वाराणसी के पहड़िया निवासी मनोज जायसवाल की मौत हो गई थी। उस समय मनोज की बाइक को सीज कर दिया गया था। दोपहर में मृतक मनोज की विधवा शारदा देवी अपने पुत्र के साथ सीज की गई बाइक को रिलीज कराने के लिए मुंसफी में अपने अधिवक्ता के पास पहुंची, तभी रास्ते में मुंसफी व डायट के संयुक्त गली में वह बाइक दिख गई। महिला ने अपने वकील के पास पहुंचकर मामला बताया तो अधिवक्ता अपने-अपने टेबल से उठकर बाइक के पास पहुंच गए। मामले का पता चलते ही वरिष्ठ उप निरीक्षक व कस्बा चौकी इंचार्ज समेत पुलिसकर्मी पहुंच गए। बाइक मुंसफी वहां कैसे पहुंची इसका सटीक जवाब पुलिस नहीं दे पा रही थी। काफी देर के जद्दोजहद के बाद सिविल बार एसोसिएशन के अध्यक्ष सुनील कुमार पांडेय व अन्य अधिवक्ताओं से बातचीत कर मामले का निबटारा हुआ। बाइक को थाना से ही पुलिस द्वारा छोड़ दिया गया। कस्बा चौकी इंचार्ज ने बताया कि बाइक सीज होती तो डीजी में दर्ज होती, लेकिन ऐसा नहीं है। थाना के हेड मुहर्रीर गुलाब पांडेय ने बताया कि बाइक को सीज नहीं किया गया था। इधर, वाकये का पता चलते ही पुलिस पर लोगों ने आरोप लगाना शुरू कर दिया कि हो न हो पुलिस की मिलीभगत से ही बाइक मुंसफी परिसर में आई होगी।