यूपी के इस शहर में गुजरात हादसे के बाद परखे जा रहे सभी पुल, शासन को भेजी जाएगी कंपाइल रिपोर्ट
गाजीपुर में गुजरात पुल हादसे के बाद पीडब्ल्यूडी और ब्रिज कारपोरेशन ने पुलों की जांच शुरू कर दी है। हमीद सेतु जर्जर होने से बंद है जबकि कर्मनाशा नदी पुल की मरम्मत हुई है। गोमती नदी पर बना एक लेन कमजोर है। रामकरन सेतु 17 साल में बना था और जमानियां पुल का निर्माण 2018 में पूरा हुआ। अधिकारी पुलों की जांच कर रिपोर्ट शासन को भेजेंगे।

जागरण संवाददाता, गाजीपुर। गुजरात के वडोदरा जिले के महिसागर नदी पर बना 900 मीटर लंबा पुल गिरने से 13 लोगों की मौत के बाद प्रदेश सरकार ने पीडब्ल्यूडी व ब्रिज कारपोरेशन ने सभी पुलों की टेस्टिंग के आदेश दिए हैं। पीडब्ल्यूडी के तीनों डिविजन ने जनपद में सभी पुलों की जांच शुरू कर दी है। शासन ने पुलों की लंबाई के आधार पर अधिकारियों को जांच की जिम्मेदारी सौंपी है।
उधर, शहर के गंगा नदी पर बना हमीद सेतु जर्जर होने के कारण भारी वाहनों का आवागमन बंद है। इस कारण बिहारी से आने वाले बालू के भारी वाहन जमानियां पक्का पुल से होकर करंडा होते हुए नंदगंज और सैदपुर से मऊ, आजमगढ़, आंबेडकरनगर पहुंच जाते हैं।
इसके अलावा बिहार सीमा पर बारा में स्थित कर्मनाशा नदी पर बना पुल भी दो साल पहले डैमेज हो गया था। एनएचएआइ ने बाहर की कंपनी को बुलाकर उसकी मरम्मत कराई। वैसे पांच सौ मीटर से बड़े दो पुल पी़डब्ल्यूडी के अधीन हैं, जबकि बाकी ब्रिज कारपोरेशन की देखरेख में है।
वाराणसी-गाजीपुर सीमा के गोमती नदी पर बना एक लेन कमजोर हो गया है। 65 साल पुराना पुल के बगल में एनएचएआइ ने एनएच-31 के निर्माण के समय एक दूसरा पुल बना दिया। पुराना पुल आए दिन वाहनों की टक्कर से क्षतिग्रस्त हो गया है। पिछले दिनों रेलिंग तोड़ते हुए गिट्टी लदा ट्रक और बीज का ट्रक गिर गया था।
17 साल में बनकर तैयार हुआ था सैदपुर का पुल रामकरन सेतु
सैदपुर से चंदौली जनपद को जोड़ने वाला रामकरन सेतु 17 साल में बनकर तैयार हुआ था। वर्ष 1999 में तत्कालीन लोकनिर्माण मंत्री कलराज मिश्र ने इसकी आधारशिला रखी थी।वर्ष 2016 में तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने वर्चुअल उदघाटन किया था। करीब एक सौ करोड़ की लागत से करीब एक किमी से अधिक लंबा पुल बनकर तैयार हुआ था।
12 साल में बना था जमानियां का पुल, ओवरलोड वाहनों की खूब आवाजाही
सपा सरकार में तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने वर्ष 2006 में पुल का शिलान्यास किया था। इसके बाद गंगा नदी पर पुल का निर्माण शुरू हुआ।लेकिन पुल निर्माण का कार्य धीमी गति से चला। बीच में बसपा सरकार में कार्य बंद रहा। पुनः सपा सरकार में कार्य शुरू हुआ लेकिन निर्माण कार्य पूरा नहीं हुआ। वर्ष 2017 में जब भाजपा की सरकार बनी तो पुल निर्माण कार्य को रफ्तार मिली।
75 करोड़ की लागत से 23 पिलर का पक्का पुल वर्ष 2018 में बनकर तैयार हो गया।। उद्घाटन के बगैर आवाजाही भी शुरू हो गई। हालांकि पुल को सेतु निगम ने 2025 में लोकनिर्माण विभाग को हैंडओवर किया। इससे पहले पुल को लेकर सेतु निगम व लोकनिर्माण विभाग में खींचतान थी।
ये अधिकारी करेंगे जांच
- 500 मीटर से ऊपर दो पुलों को चीफ इंजीनियर जांचेंगे
- दो सौ से पांच मीटर तक कोई पुल नहीं
- 60 से दो सौ मीटर तक पुल की जांच एक्सईएन को करना होगा
शासन के निर्देश पर सभी पुलों की जांच की जा रही है। एक्सईएन, एसई, चीफ को शासन ने पुलों की जांच सौंपी है। पुलों की जांच रिपोर्ट आने के बाद जल्द शासन को रिपोर्ट भेजी जाएगी।
-बीएल गौतम, अधिशासी अभियंता लोकनिर्माण विभाग प्रांतीय खंड
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