मामूली मेडिकल स्टोर संचालक से करोड़पति बन गया डंपी, उगल सकता बीएसएनएल टावरों के डीजल घोटाले का राज
गाजीपुर में एक मामूली मेडिकल स्टोर चलाने वाला शादाब उर्फ डंपी कुछ ही सालों में करोड़पति बन गया। ईडी की हिरासत में आने के बाद बीएसएनएल के टावरों को डीजल आपूर्ति घोटाले का राज खुल सकता है। मुख्तार अंसारी से नजदीकी और टेंडर प्रक्रिया में दखल से वह रातोंरात अमीर हो गया। 2019 में घोटाले के खुलासे के बाद वह दुबई भाग गया था।

जागरण संवाददाता, गाजीपुर: जिला महिला चिकित्सालय के सामने एक मामूली मेडिकल स्टोर चलाने वाला शादाब उर्फ डंपी चंद सालों में करोड़पति बन गया। प्रवर्तन निदेशालय के हिरासत में आने के बाद बीएसएनएल के टावरों को डीजल आपूर्ति को लेकर हुए घोटाले का राज खुल सकता है। कई साल से वह दुबई में छिपा रहा है।
शहर के बरबरहना निवासी शादाब उर्फ डंपी की जिला महिला अस्पताल के सामने डंपी मेडिकल स्टोर के नाम से दुकान है। वह मेडिकल स्टोर पर दवा बेचता था। अचानक उसकी दोस्ती मुख्तार अंसारी के सालों से हो गई।
इस दरम्यान ही वह मुख्तार अंसारी के करीब आया। तब जनपद में मुख्तार अंसारी की तूती बोलती थी। इस दौरान ही वह बीएसएनएल के मोबाइल टावरों के डीजल आपूर्ति से अप्रत्यक्ष रूप से जुड़ गया। फिर तो उसकी प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से पूरी दखलअंदाजी इस टेंडर प्रक्रिया में चली। फिर तो वह रातोंरात फर्श से अर्श पर पहुंच गया। उसका जीवन लग्जरी हो गया।
वर्ष 2019 में बीएसएनएल टावरों के करोड़ों के डीजल घोटाला सामने आया और इसकी जांच शुरू हो गई। प्रवर्तन निदेशालय प्रयागराज ने इसकी जांच की। इसके बाद डंपी का भी नाम चर्चा में आया। वह कई साल तक भूमिगत रहा। इस दौरान वह दुबई भागने में सफल रहा। ईडी की पूछताछ में कई अन्य लोगों का भी नाम प्रकाश में आ सकता है। डंपी के पिता नफीस अहमद नगर पालिका परिषद के वार्ड 19 (डा. राही मासूम रजा नगर) के सभासद हैं।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।