गाजीपुर में नाबालिग से दुष्कर्म करने वाले को कोर्ट ने सुनाई 20 साल की सजा, 20 हजार रुपये लगाया अर्थदंड
विशेष न्यायाधीश पॉक्सो प्रथम रामअवतार प्रसाद की अदालत ने शुक्रवार को नाबालिग के साथ दुष्कर्म के मामले में एक को 20 साल के कारावास की सजा सुनाने के साथ ही 20 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया है। साथ ही अर्थदंड की राशि से आधी राशि पीड़िता को देने का आदेश दिया है।

जागरण संवादाता, गाजीपुर। विशेष न्यायाधीश पॉक्सो प्रथम रामअवतार प्रसाद की अदालत ने शुक्रवार को नाबालिग के साथ दुष्कर्म के मामले में एक को 20 साल के कारावास की सजा सुनाने के साथ ही 20 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया है। साथ ही अर्थदंड की राशि से आधी राशि पीड़िता को देने का आदेश दिया है।
अभियोजन के अनुसार सैदपुर के एक गांव निवासी नाबालिग पीड़िता ने इस आशय की तहरीर दी कि वह गांव के एक लड़के से प्यार करती थी। दो जून 2023 की रात इसे फोन करके नदी किनारे बुलाई थी। जिस बात की जानकारी इसके भाई को हो गई। उसका भाई उसको पकड़ने के लिए गया, तो वहां से सतीश भाग गया।
पीड़िता को अकेला पाकर वीरू उर्फ बृजेश उससे कहा कि चलो तुमको सतीश के यहां लेकर चलता हूं। पीड़िता उसके झांसे में आ गई और साथ चली गई। वीरू उर्फ बृजेश अपने सहयोगी परमेश्वर के ईंट भट्टे के कमरे में ले गया और उसके साथ दुष्कर्म किया। पीड़िता की तहरीर पर मुकदमा दर्ज हुआ और पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
विवेचना के उपरांत आरोपियों के विरुद्ध न्यायालय में आरोप पत्र पेश किया गया। विचारण के दौरान अभियोजन की तरफ से विशेष लोक अभियोजक रविकांत पाण्डेय ने कुल सात गवाहों को पेश किया। शुक्रवार को दोनों तरफ की बहस सुनने के बाद न्यायालय ने परमेश्वर को संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त कर दिया। वही वीरू उर्फ बृजेश को दोषी पाते हुए उपरोक्त सजा सुनाते हुए जेल भेज दिया।

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