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    साइबर ठगों की जाल में फंसे शिक्षक ने पांच साल में गंवाए 70 लाख, कर्ज और गहना बेचकर दिए थे पैसे

    Updated: Wed, 26 Nov 2025 10:18 AM (IST)

    गाजीपुर में एक शिक्षक साइबर ठगी का शिकार हो गए। उन्होंने पिछले पांच सालों में 70 लाख रुपये गंवा दिए। ठगों को पैसे देने के लिए शिक्षक ने कर्ज लिया और अपने गहने भी बेच दिए। पुलिस मामले की जांच कर रही है और ठगों को पकड़ने की कोशिश कर रही है।

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    साइबर ठगों की जाल में फंसे शिक्षक ने पांच साल में गंवाए 70 लाख।

    जागरण संवाददाता, कासिमाबाद (गाजीपुर): साइबर ठगों की जांच में फंसे शिक्षक ने पांच साल में 70 लाख रुपये गंवा दिए। साइबर ठग डेढ़ करोड़ की लॉटरी निकलने के नाम पर जाल में फंसा लिया।धीरे-धीरे लाटरी की धनराशि बढ़ाकर सात करोड़ होने का लालच दिया। ठगी के शिकार खजुआ निवासी अध्यापक प्रमोद कुमार कौल ने इसकी शिकायत की तो साइबर थाना पुलिस ने 11 बैंक खाता धारकों और 12 अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ जांच शुरू कर दी है।

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    शिक्षक के मुताबिक अक्टूबर 2019 में उसे लॉटरी लगने की कॉल आयी थी। एक लिंक पर 250 रुपये भेजने पर लॉटरी मिलने का झांसा दिया। इसके बाद उसे लगातार फोन आने लगे। कभी महिला फोन कर खुद को वित्त मंत्री बताकर उसे फोन करती थी तो कभी कोई व्यक्ति आरबीआई का गवर्नर व बोडाफोन कंपनी का मालिक बता कर फोन करता था। कॉल आने का सिलसिला 2024 तक चलता रहा।

    पीड़ित के अनुसार साइबर ठगों ने लाटरी की कीमत डेढ़ करोड़ से बढ़ाकर सात करोड़ करने का लालच दिया। इसके लिए उन्हें 'प्रोसेसिंग चार्ज' और 'कानूनी शुल्क' के नाम पर दस प्रतिश धन की मांग की।

    ठगों के दबाव और झांसे में आकर पीड़ित ने कई अलग-अलग खातों में पैसे ट्रांसफर किए, जिनमें बुलंदशहर के पीएनबी बैंक शाखा में राकेश सिंह के खाते में फोन पे से 56,000 रुपये, गोरखपुर के मिश्रौलिया के इंडियन बैंक के शोभा साहनी के खाते में लगभग 4 लाख रुपये सहित विभिन्न खातों में कुल 70 लाख रुपये ले लिए।

    आरोप है कि ठगों ने पत्नी-बच्चों को अगवा करने की धमकी देकर उससे पैसे लिए। बताते थे कि लाटरी के कागजात तैयार हैं, पैसा न देने पर सब डूब जाएगा।

    डर व दबाव में आकर शिक्षक ने सर्विस अकाउंट से लोन, रिश्तेदारों व मित्रों से कर्ज, पत्नी के गहने बेचकर, एलआइसी से लोन लेकर, जमीन खरीदने के लिए जमा पैसा वापस मंगाकर लगातार रकम भेजे।

    रकम बढ़ने पर पीड़ित को शक हुआ और उसने साइबर सेल में शिकायत की। इसके बाद साइबर सेल ने प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।