प्राथमिक विद्यालय में लापरवाही : सोते रह गए मासूम को कमरे में बंद कर चली गई प्रधानाध्यापक
गाजीपुर के एक प्राथमिक विद्यालय में लापरवाही का मामला सामने आया। प्रधानाध्यापक द्वारा छुट्टी के बाद कमरे बंद कर देने से एक 5 वर्षीय बच्चा अंदर ही सोता रह गया। ग्रामीणों की सूचना पर प्रधानाध्यापक ने वापस आकर ताला खोला और बच्चे को बाहर निकाला। ग्रामीणों ने बीईओ पर लापरवाही का आरोप लगाया है।
जागरण संवाददाता, करीमुद्दीनपुर (गाजीपुर)। करीमुद्दीनपुर स्थित प्राथमिक विद्यालय प्रथम में गुरुवार को लापरवाही का बड़ा मामला सामने आया। विद्यालय की प्रभारी प्रधानाध्यापक सुमन गुप्ता छुट्टी के बाद सभी कमरे बंद कर घर चली गईं, जबकि कमरा नंबर दो में पांच वर्षीय छात्र सारांश सोता रह गया। करीब दो घंटे बाद जब बच्चे की नींद खुली तो उसने जोर-जोर से रोना शुरू कर दिया।
बच्चे के रोने की आवाज सुनकर पास से गुजर रहे ग्रामीण स्कूल की चारदीवारी फांदकर अंदर पहुंचे तो देखा कि बच्चा कमरे में बंद है और बाहर से ताला जड़ा है। ऐसे में ग्रामीणों ने दीवार पर लिखे मोबाइल नंबर से प्रधानाध्यापक को फोन कर बुलाया और ताला खुलवाकर बच्चे को बाहर निकाला। इस दौरान बच्चे के दादा अर्जुन राम भी मौके पर पहुंच गए और उसे घर ले गए।
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करीमुद्दीनपुर गांव निवासी श्रवण कुमार का पुत्र सारांश गांव स्थित प्राथमिक विद्यालय परिसर स्थित आंगनबाड़ी केंद्र में पढ़ाई करता है। करीब चार माह से आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ममता राय के नहीं आने से बच्चों की पढ़ाई का जिम्मा विद्यालय के शिक्षक उठाते हैं। दोपहर करीब दो बजे स्कूल की छुट्टी के बाद प्रभारी प्रधानाध्यापक सुमन गुप्ता कमरों का ताला बंदकर घर चली गई।
उस वक्त सारांश कक्ष में ही सो रहा था। ग्रामीणों के अनुसार करीब चार बजे बच्चे की नींद खुली तो वह चीखने के साथ ही दरवाजा पीटने लगा। उसी वक्त रास्ते से गुजर रहे लोगों को आवाज सुनाई दी तो वे पहुंचे और इसकी जानकारी प्रभारी प्रधानाध्यापक को देने के साथ ही खंड शिक्षा अधिकारी निलेंद्र चौधरी को दिए। करीब आधे घंटे बाद प्रधानाध्यापक पहुंची और ताला खोलकर बच्चे को बाहर निकाली। उधर बच्चे को कमरे में बंद कर घर चले जाने के मामले को गंभीरता से लेते हुए सीडीपीओ एजाज अहमद ने जांच का आदेश दिया।
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ग्रामीणों का आरोप बीईओ ने गंभीरता से नहीं लिया मामला
ग्रामीणों का आरोप है कि उन्होंने इस संबंध में खंड शिक्षा अधिकारी निलेंद्र चौधरी को सूचना दी थी, लेकिन उनकी ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई। इस कारण बच्चा करीब ढाई घंटे तक कमरे में बंद रहा। हालांकि खंड शिक्षा अधिकारी ने कहा कि मामला मेरे संज्ञान में नहीं था।
बोली प्रभारी प्रधानाध्यापक
प्रभारी प्रधानाध्यापक सुमन गुप्ता ने कहा बच्चा आंगनबाड़ी केंद्र में पढ़ता है। चार महीने से आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ममता राय के नहीं आने से बच्चों की पढ़ाई विद्यालय के शिक्षकों द्वारा कराई जाती है। रही बात बच्चे के ढाई घंटा बंद होने की तो यह गलत है। स्कूल बंद होने के आधे घंटे बाद ही सूचना मिल गई थी। ऐसे में तुरंत स्कूल पहुंचकर बच्चे को कमरे से बाहर निकाला गया। बच्चा मेज के नीचे सो गया था। इस कारण देख नहीं सकी।
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