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    सूदखोरी के आरोप में पुलिसकर्मी सहित आठ पर मुकदमा, उच्च न्यायालय के आदेश पर जांच शुरू

    Updated: Mon, 08 Sep 2025 12:26 PM (IST)

    गाजीपुर में एक पुलिसकर्मी और उसकी पत्नी समेत आठ लोगों पर सूदखोरी का मामला दर्ज किया गया है। व्यापारी रवि गुप्ता ने हेड कांस्टेबल रणधीर सिंह से ब्याज पर पैसे लिए थे जिसे चुकाने के बाद भी चेक बाउंस कराकर मुकदमा दर्ज कराया गया। उच्च न्यायालय के आदेश पर आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।

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    पुल‍िसकर्मी पर पत्‍नी सहि‍त सूदखोरी के आरोप में कार्रवाई की गई है।

    जागरण संवाददाता, सैदपुर (गाजीपुर)। सूदखोरी के गंभीर आरोप में एक पुलिसकर्मी दंपती सहित कुल आठ व्यक्तियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। यह कार्रवाई उच्च न्यायालय के आदेश पर एडीजी जोन वाराणसी की संस्तुति पर की गई है। पुलिस ने इस मामले की जांच प्रारंभ कर दी है।

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    प्राप्त जानकारी के अनुसार, वाराणसी के जदीदपुर बाजार निवासी सेनेटरी व्यापारी रवि गुप्ता ने वर्ष 2020 में वाराणसी क्राइम ब्रांच सीआईडी में तैनात हेड कांस्टेबल रणधीर सिंह से 30 लाख रुपये 10 प्रतिशत ब्याज पर उधार लिए थे। रवि ने 2022 में ब्याज समेत पूरी राशि चुका दी थी। इसके बदले में उसने रणधीर को सात सिग्नेचर किए हुए सादा चेक दिए थे।

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    रवि के अनुसार, रणधीर ने इन चेकों का दुरुपयोग करते हुए गाजीपुर में अपने साथियों के नाम से 10 लाख और 20 लाख रुपये की राशि भरकर चेक बाउंस करा दिए। इसके बाद रवि के परिवार के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज करा दिया गया। इस स्थिति से परेशान होकर रवि ने कैट कोतवाली में तहरीर दी, लेकिन पुलिस ने दबाव में मुकदमा दर्ज नहीं किया।

    अंततः रवि ने उच्च न्यायालय का सहारा लिया, जिसके आदेश पर शनिवार को रणधीर सिंह, उनकी पत्नी रीना सिंह और अन्य आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। कोतवाल योगेंद्र सिंह ने बताया कि मामले की जांच चल रही है और सभी पहलुओं पर ध्यान दिया जा रहा है।

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    इस घटना ने पुलिस विभाग की छवि पर सवाल उठाए हैं, क्योंकि एक पुलिसकर्मी का इस प्रकार का आचरण समाज में विश्वास को कमजोर करता है। सूदखोरी एक गंभीर अपराध है, जो न केवल आर्थिक रूप से लोगों को प्रभावित करता है, बल्कि समाज में असमानता और अन्याय को भी बढ़ावा देता है।

    पुलिस प्रशासन ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने का आश्वासन दिया है। यह मामला न केवल गाजीपुर बल्कि पूरे प्रदेश में सूदखोरी के खिलाफ एक उदाहरण बनेगा। पीड‍़‍ित ने आशा जताई है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच होगी और दोषियों को सजा मिलेगी, ताकि समाज में कानून का राज स्थापित हो सके। इस प्रकार की घटनाएं हमें यह याद दिलाती हैं कि हमें हमेशा सतर्क रहना चाहिए और किसी भी प्रकार के अन्याय के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए।

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