बिजली विभाग के मुख्य अभियंता समेत तीन इंजीनियरों की बढ़ेगी मुश्किलें, कमेटी ने अभी तक नहीं पूरी की जांच
बिजली विभाग के मुख्य अभियंता समेत तीन इंजीनियरों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं क्योंकि जांच कमेटी ने अभी तक अपनी जांच पूरी नहीं की है। इस वजह से इन इंजीनियरों पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है और उन पर संकट बना हुआ है। जांच में देरी के कारण मामला अटका हुआ है।

बिजली विभाग के मुख्य अभियंता समेत तीन इंजीनियरों की बढ़ेगी मुश्किल।
जागरण संवाददाता, गोंडा। खातेदार की भूमि को विभाग की भूमि बताने वाले बिजली विभाग के अधिकारियों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष ने मानहानि को लेकर न्यायालय में परिवाद दर्ज कराया है। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) अमित सिंह द्वितीय ने परिवाद स्वीकार करते हुए सुनवाई के लिए 22 दिसंबर को पत्रावली तलब की है।
सिविल लाइन निवासी व भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष पीयूष मिश्र ने छह अक्टूबर को डीएम को पत्र देकर जांच कराकर कार्यवाही की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि मनकापुर तहसील के ग्राम विश्नोहरपुर में भूखंड संख्या 46 में दस बीघा भूमि ग्राम जगन्नाथपुर निवासी अनिरुद्ध मिश्र उर्फ विक्की व रानीजोत निवासी विशाल गुप्ता के साथ संयुक्त रूप से खातेदार से 21 अगस्त को बैनामा कराई है।
बिजली विभाग बिना किसी साक्ष्य के विद्युत उपकेंद्र की भूमि बैनामा कराने का आरोप लगाकर उनकी छवि धूमिल कर रहा है। डीएम प्रियंका निरंजन ने प्रकरण की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित की थी।
कमेटी में एसडीएम मनकापुर, अधिशासी अभियंता विद्युत वितरण प्रखंड मनकापुर व उप निबंधक शामिल हैं। कमेटी से एक सप्ताह में अभिलेखीय व स्थलीय जांच करके रिपोर्ट मांगी गई थी। अभी तक जांच पूरी नहीं हो सकी है।
अधिवक्ता विवेकमणि श्रीवास्तव ने बताया कि मानहानि को लेकर सीजेएम न्यायालय पर मुख्य अभियंता यदुनाथ यथार्थ, अधिशासी अभियंता विद्युत वितरण खंड चतुर्थ मनकापुर कमर फारुख व अवर अभियंता विकास कुमार सिंह के खिलाफ परिवाद दाखिल किया गया है।
दो करोड़ रुपये की क्षतिपूर्ति दिलाने के साथ ही कारावास से दंडित करने की मांग की गई है। मामले की सुनवाई 22 दिसंबर को होगी।

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