Updated: Tue, 26 Mar 2024 11:18 AM (IST)
Geeta Press Gorakhpur गीताप्रेस को 20 एकड़ जमीन उपलब्ध कराने के लिए गीडा से लेकर शासन स्तर तक पहल शुरू हो गई है। शासन से आए पत्र का जवाब देते हुए गीडा प्रबंधन ने जमीन आवंटन की प्रक्रिया व शर्तों से संबंधित पत्र प्रमुख सचिव को भेजकर मागदर्शन की अपेक्षा की है। इससे गीताप्रेस को शीघ्र जमीन मिलने की उम्मीदें बढ़ गई हैं।
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। गीताप्रेस को 20 एकड़ जमीन उपलब्ध कराने के लिए गीडा से लेकर शासन स्तर तक पहल शुरू हो गई है। शासन से आए पत्र का जवाब देते हुए गीडा प्रबंधन ने जमीन आवंटन की प्रक्रिया व शर्तों से संबंधित पत्र प्रमुख सचिव को भेजकर मागदर्शन की अपेक्षा की है। इससे गीताप्रेस को शीघ्र जमीन मिलने की उम्मीदें बढ़ गई हैं।
विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
शताब्दी वर्ष मना चुका गीताप्रेस अगले 100 साल बढ़ने वाली पुस्तकों की मांग पूरी करने की तैयारी में जुट गया है। जिला प्रशासन से 20 एकड़ जमीन की मांग की गई है। ताकि सभी पाठकों को पुस्तकें उपलब्ध कराई जा सकें। क्योंकि बीतें सौ वर्षों में प्रेस ने 100 करोड़ से अधिक पुस्तकें (विभिन्न पुस्तकों की कुल प्रतियां) प्रकाशित की हैं। अगले सौ वर्षों में मांग कई गुणा बढ़ सकती है।
वर्तमान जगह व संसाधनों से आगामी सौ वर्षों में अधिकतम 135 करोड़ पुस्तकें ही प्रकाशित की जा सकती हैं। प्रबंधन के अनुसार आगामी सौ वर्षों में पूरे विश्व को भारतीय ज्ञान परंपरा से परिचित कराने के लिए उसी हिसाब से पुस्तकों की छपाई करनी पड़ेगी। आगामी 25 वर्षों में ही सौ करोड़ पुस्तकें प्रकाशित करने का लक्ष्य है।
अभी 1850 तरह की पुस्तकें प्रकाशित होती हैं, इनकी भी संख्या बढ़ाई जाएगी। जरूरत के मुताबिक मशीनें लगाई जाएंगी, तभी पाठकों की मांग पूरी की जा सकेगी। प्रबंधक लालमणि तिवारी ने कहा कि भारत में तो लगातार मांग बढ़ ही रही है। आगामी वर्षों में सात विदेशी भाषाओं में भी पुस्तकों का प्रकाशन करने का निर्णय लिया गया है, ताकि अधिकतम देशों के लोगों को भारतीय धर्म-संस्कृति के मूल्यों से परिचित कराया जा सके। इसलिए मांग वहां से भी आएगी। इसके लिए 20 एकड़ जमीन की जरूरत है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।