गोरखपुर में रेलवे के यांत्रिक कारखाना में लगी आग, दो तकनीशियन झुलसे; चल रहा उपचार
गोरखपुर में रेलवे के यांत्रिक कारखाने में आग लगने से दो तकनीशियन घायल हो गए। आग लगने का कारण अज्ञात है और मामले की जांच जारी है। दोनों तकनीशियनों का अस्पताल में इलाज चल रहा है।

28 अगस्त को भी यांत्रिक कारखाना में लग गई थी आग, जल गई थी पावरकार. Concept Photo
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। यांत्रिक कारखाना गोरखपुर के फर्निशिंग शाप में शुक्रवार को दोपहर बाद एक बजे के आसपास आग गई। आग लगने से दो रेलकर्मी (तकनीशियन) झुलस गए हैं। कारखाना प्रबंधन ने दो कर्मचारियों को ललित नारायण मिश्र केंद्रीय रेलवे अस्पताल गोरखपुर में भर्ती कराया है। दोनों का उपचार चल रहा है। दोनों खतरे से बाहर बताए जा रहे हैं।
जानकारों का कहना है कि फर्निशिंग शाप के लाइन नंबर छह पर खड़ी एसी बोगी के अंदर वेल्डिंग का कार्य चल रहा था। कोच में ऊपर आउटसोर्स कर्मचारी वेंल्डिंग कर रहे थे। नीचे रेलवे के कर्मचारी मरम्मत का कार्य कर रहे थे। वेल्डिंग से निकल रही चिंगारी नीचे गिर रही थी। नीचे सीट पर तेल फैला था। चिंगारी गिरने से आग पकड़ ली।
कर्मचारी अभी कुछ समझ पाते और कोच से बाहर भागते कि आग की चपेट में आ गए। रेलकर्मी योगेंद्र पाल और हिमांशु शर्मा आग की चपेट में आने से झुलस गए। एक रेलकर्मी की बाह और शर्ट जल गई है। दूसरा रेलकर्मी भी आग की चपेट में आ गया है। सूचना मिलते ही कारखाना में अफरातफरी मच गई। मौके पर पहुंचे कर्मचारियों ने झुलसे कर्मियों को बचाने के साथ आग पर भी काबू पा लिया।
कारखाना में लगातार आग लगने की घटना से कर्मचारी संगठनों में आक्रोश है। एनई रेलवे मजदूर यूनियन और पूर्वोत्तर रेलवे कर्मचारी संघ ने कारखाना प्रबंधन पर कर्मचारियों की सुरक्षा के प्रति उदासीनता का आरोप लगाया है। यांत्रिक कारखाना में 28 अगस्त को भी आग लग गई थी। पावरकार में वेल्डिंग के दौरान ही आग लगी थी। कर्मचारी तो बच गए थे, लेकिन पावरकार पूरी तरह जल गई थी। इस मामले में रेलवे प्रशासन ने
यांत्रिक कारखाना के सात सीनियर सेक्शन इंजीनियर (एसएसई) स्तर के सुपरवाइजरों (फोरमैन) और दो कर्मचारियों समेत नौ रेलकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की थी।

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