गोरखपुर में गैंगस्टर अजीत की डेढ़ लाख की बाइक जब्त, अन्य चल रही तलाश
गोरखपुर में एक गिरोह सरकारी अस्पतालों से मरीजों को बरगलाकर निजी अस्पतालों में भर्ती कराता था। ईशु अस्पताल की संचालिका रेनू समेत 12 लोगों पर गैंगस्टर एक्ट लगा है। आरोप है कि यह गिरोह बिना डॉक्टर के इलाज करता था। 17 फरवरी को एक मरीज की मौत के बाद मामला उजागर हुआ। पुलिस ने अजीत यादव की बाइक जब्त की है और अन्य संपत्तियों की जांच जारी है।

जागरण संवाददाता, गोरखपुर। बीआरडी मेडिकल कालेज व अन्य सरकारी अस्पतालों से मरीजों को बरगला कर निजी अस्पताल में भर्ती कराने, इलाज के नाम पर लाखों रुपये ऐंठने वाले गिरोह के विरुद्ध पुलिस ने कार्रवाई तेज कर दी है।
खोराबार पुलिस ने बुधवार को इस गिरोह के सदस्य गैंग्सटर अजीत यादव की डेढ़ लाख रुपये की बाइक जब्त कर ली। अन्य सदस्यों के संपत्ती की तलाश चल रही है। यह गिरोह बिना डाक्टर के रोगियों का उपचार करते थे और उनकी जान ले लेते थे।
पैडलेगंज स्थित ईशु अस्पताल की महिला संचालक रेनू समेत कुल 12 लोगों को गैंग्सटर एक्ट के तहत खोराबार थाने में केस दर्ज है। पुलिस जांच में सामने आया है कि यह गिरोह लंबे समय से बीआरडी मेडिकल कालेज और अन्य अस्पतालों में रोगियों को बरगला कर निजी अस्पतालों में भर्ती कराता था, जहां इलाज के नाम पर मोटी रकम वसूली जाती थी।
17 फरवरी 2024 को ईशु अस्पताल में एक मरीज की संदिग्ध परिस्थिति में मौत के बाद पूरा मामला उजागर हुआ। जांच में पता चला कि उस दिन अस्पताल में तीन रोगी भर्ती थे, लेकिन कोई भी डाक्टर मौजूद नहीं था। केवल पैरामेडिकल स्टाफ वहां कार्यरत था, जिनकी योग्यता डिप्लोमा इन फार्मेसी थी।
तीनों रोगियों के तीमारदारों ने बताया कि वे पहले बीआरडी मेडिकल कालेज में इलाज के लिए पहुंचे थे, लेकिन वहां मौजूद आरोपितों ने मेडिकल कालेज में समुचित इलाज न होने की बात कहकर उन्हें निजी अस्पताल में ले जाने के लिए उकसाया।
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इसके बाद निजी एंबुलेंस से ईशु अस्पताल लाया गया। यहां भर्ती कराने के बाद उनसे लाखों रुपये वसूले गए, लेकिन रोगियों को जरूरी इलाज नहीं मिल सका और एक की मौत हो गई।
थाना प्रभारी खोराबार इत्यानंद पांडेय ने प्रशासनिक टीम के साथ छापेमारी कर अजीत यादव की बाइक को जब्त कर लिया। अन्य आरोपितों के संपत्तियों की भी जांच चल रही है, जो अपराध से अर्जित की गई हैं। जल्द ही उसकी जब्ती की जाएगी।
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