20 करोड़ से अधिक बकाया पर 51 निवेशकों को नोटिस, रुपये न जमा करने पर GIDA की भूखंड निरस्तीकरण की तैयारी
गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) ने बकायादारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए 51 निवेशकों को भूखंड निरस्तीकरण का नोटिस जारी किया है, जिन पर कुल 20 करोड़ रुपये से अधिक का बकाया है। इन निवेशकों को 2009 से 2022 के बीच भूखंड आवंटित किए गए थे, लेकिन वे किश्तें जमा करने में विफल रहे। गीडा ने अंतिम मोहलत देते हुए भुगतान न करने पर आवंटन रद्द करने की चेतावनी दी है।

भूखंड आवंटियों पर 10 लाख से चार करोड़ रुपये तक का बकाया
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) ने उद्योगिक भूखंड आवंटित कराकर किस्तें नहीं जमा करने वाले निवेशकों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। गीडा ने 20 करोड़ रुपये से अधिक बकाये वाले 51 आवंटियों को भूखंड निरस्तीकरण का नोटिस जारी किया है। इन निवेशकों पर 10 लाख से लेकर 4 करोड़ रुपये तक की बकाया राशि दर्ज है।
गीडा प्रशासन के अनुसार, जिन आवंटियों को नोटिस जारी किए गए हैं, उन्हें औद्योगिक विकास के लिए भूखंड वर्ष 2009 से 2022 के बीच आवंटित किए गए थे। लेकिन, कई निवेशक न तो निर्माण कार्य शुरू कर पाए, न ही किस्तों का भुगतान कर सके। अब प्राधिकरण ने सख्ती दिखाते हुए सभी को सात दिन की अंतिम मोहलत दी है। तय समय सीमा में भुगतान न होने की स्थिति में उनके भूखंडों का आवंटन रद्द कर नए सिरे से पुनः आवंटन प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
गीडा प्रशासन का मानना है कि इस तरह की लापरवाही से औद्योगिक विकास की गति प्रभावित होती है और वास्तविक उद्यमियों को जमीन नहीं मिल पाती।
गीडा के अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी (एसीईओ) राम प्रकाश ने बताया कि कुल 51 आवंटियों पर लगभग 20 करोड़ रुपये से अधिक की बकाया राशि है। सभी को नोटिस जारी कर सात दिन में भुगतान का निर्देश दिया गया है। यदि राशि जमा नहीं की गई तो भूखंड निरस्तीकरण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
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गीडा प्रशासन ने इसी वर्ष अप्रैल 2025 में भी लगभग 150 आवंटियों को इसी प्रकार के नोटिस जारी किए थे, जिनमें से दो दर्जन से अधिक नोएडा और हरियाणा के निवेशक थे। तब भी कई भूखंडों का आवंटन रद्द कर दिया गया था।
प्राधिकरण का उद्देश्य निष्क्रिय निवेशकों से भूमि वापस लेकर उसे ऐसे उद्यमियों को देना है जो वास्तव में उद्योग स्थापित कर स्थानीय लोगों को रोजगार उपलब्ध करा सकें।

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