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    गोड़धोइया नाला के डायर्वजन का गतिरोध सुलझाने में जुटा प्रशासन, कमिश्नर ने कालोनी वालों संग की बैठक, बोले-दोबारा बनेगी सड़क

    Updated: Sat, 08 Nov 2025 07:49 AM (IST)

    कमिश्नर अनिल ढींगरा ने गोड़धोइया नाला परियोजना को लेकर मैत्रीपुरम कालोनी के लोगों के साथ बैठक की। उन्होंने नाले के डायवर्जन से टूटने वाली सड़क को दोबारा बनवाने का आश्वासन दिया। कालोनी वालों ने अनियमित डायवर्जन का आरोप लगाया था, जिस पर कमिश्नर ने स्पष्टीकरण दिया कि परियोजना शहर को जलभराव से राहत देगी और निर्माण से किसी को नुकसान नहीं होगा।

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    जागरण संवाददाता, गोरखपुर। गोड़धोइया नाले के निर्माण को गति देने के लिए शुक्रवार को कमिश्नर अनिल ढींगरा ने मैत्रीपुरम कालोनी के लोगों के साथ दो घंटे से अधिक समय तक बैठक की। इस दौरान डीएम दीपक मीणा और कार्यदायी संस्था जल निगम के अलावा सिंचाई विभाग के भी अभियंता मौजूद रहे।

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    कमिश्नर ने कालोनी के लोगों की समस्याएं, आशंका और मांग को सुनने के बाद आश्वस्त किया कि नाले के डायवर्जन से टूटने वाली कालोनी की सड़क का कार्यदायी संस्था दोबारा निर्माण कराएगी। जैसे ही संबंधित हिस्से में नाला निर्माण पूरा होगा, सड़क निर्माण का कार्य शुरू हो जाएगा। उन्होंने यह भी भरोसा दिलाया कि नाले की वजह से किसी का निर्माण प्रभावित नहीं होगा। उन्होंने कालोनी के लोगों की जलभराव संबंधी आशंका भी खत्म की।

    मैत्रीपुरम में गोड़धोइया नाले का डायवर्जन होना है। निर्माण कार्य को लेकर मैत्रीपुरम के पार्षद विवेक कुमार मिश्रा के नेतृत्व में कालोनी वाले कार्यदायी संस्था जल निगम पर अनियमितता और अनावश्यक डायवर्जन का आरोप लगा रहे है। उन्होंने कमिश्नर और डीएम को प्रेषित पत्र में कहा है कि नाले का उद्देश्य शहर के गंदे पानी का निकास बाहर करना है, लेकिन मोहल्ले में पिछली पक्की सड़क को तोड़कर नाले का डायवर्जन किया जा रहा है, जिससे जनसुविधा और सरकारी धन दोनों की हानि होगी। शिकायत में कहा गया है कि इस निर्माण कार्य से क्षेत्र में प्रदूषण, जलभराव, भवनों की नींव कमजोर होने और भूमि धंसने जैसी गंभीर समस्याएं उत्पन्न होंगी।

    कालोनी वालों की आशंका को देखते हुए कमिश्नर ने शुक्रवार को उनके साथ बैठक की और उनके प्रत्येक बिंदु पर स्थिति स्पष्ट करते हुए भरोसा दिलाया कि डायवर्जन की वजह से जो सड़क टूटेगी, नाला निर्माण होते ही वहां तत्काल नई सड़क बनाई जाएगी। साथ ही यह भी भरोस दिलाया कि नाला निर्माण की वजह से मौके पर किसी का भी निर्माण प्रभावित नहीं होगा।

    उन्होंने गोड़धोइया नाला परियोजना के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए कालोनी के लोगों को उसकी अहमियत बताई और स्पष्ट किया कि यह नाला कैसे शहर की बड़ी आबादी को जलभराव की समस्या से स्थायी राहत देगा। इस दौरान सदर तहसील के अधिकारी भी मौजूद रहे।

    अंतिम चरण में है परियोजना
    मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर चल रही 474.42 करोड़ रुपये की गोड़धोइया नाला जीर्णोद्धार की परियोजना अब अंतिम चरण में है। प्रशासन का दावा है कि दिसंबर तक काम पूरा हो जाएगा। अब तक परियोजना का लगभग 75 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है। 9.20 किलोमीटर लंबा पक्का नाला, 38 एमएलडी क्षमता वाला सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी), 18 किमी इंटरसेप्टिंग सीवर लाइन और 16 कल्वर्ट के निर्माण कार्य तेजी से चल रहे हैं।

    इनमें से 16 में से 9 कल्वर्ट बनकर तैयार हो चुके हैं, जबकि लगभग 6 किमी सीवर लाइन बिछाई जा चुकी है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना के तहत नाले के दोनों ओर सुंदरीकरण का कार्य भी प्रस्तावित है।