Gorakhpur Double Murder: कमरे में संघर्ष के निशान, एक से अधिक थे हमलावर
गोरखपुर में विमला और उनकी मां की हत्या से सनसनी फैल गई है। पुलिस को विमला के कमरे में संघर्ष के निशान मिले हैं, जिससे पता चलता है कि हमलावर एक से अधिक थे। संपत्ति विवाद और विमला की जीवनशैली को लेकर भी जांच की जा रही है। पड़ोसियों ने किसी संदिग्ध को देखने से इनकार किया है, जिससे पुलिस परिचित पर शक कर रही है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से हत्या की टाइमलाइन का पता चलेगा।

बाएं से मृतका शांति देवी और विमला। जागरण
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। पुलिस को विमला के कमरे में संघर्ष के निशान मिले हैं जिससे अाशंका जताई जा रही है कि घटना में एक से अधिक लोग शामिल थे।वहीं छानबीन में पता चला कि पीपीगंज मूल निवासी रामनरेश की पहली पत्नी शांति जायसवाल थीं, जिनसे दो बेटियां विमला और सुशीला जन्मीं। बाद में उनकी दूसरी शादी हुई और दूसरी पत्नी अपनी दो बेटियों के साथ इसी घर में ऊपर वाले हिस्से में रहती थी जिनकी पांच वर्ष पहले कैंसर से मौत हो गई।
इसी दूसरे परिवार ने घर का 40 लाख रुपये में एग्रीमेंट कर दिया था। पड़ोसियों ने बताया कि रविवार रात में विमला को आखिरी बार देखा।बयान के आधार पर पुलिस हत्या के संभावित समय जोड़ रही है। पड़ोसियों के मुताबिक विमला विमला की दिनचर्या लड़को जैसी थी।
वह पैंट-शर्ट पहनती, बाइक व कार चलाती थी और अपनी मां की सेवा के कारण उसने शादी नहीं की थी। पुलिस यह भी समझने की कोशिश कर रही है कि क्या उसकी यह जीवन-शैली किसी को खटकती थी या किसी पुराने विवाद की पृष्ठभूमि बनी थी।कमरे की स्थिति सबसे चौंकाने वाली साबित हुई।
फर्श पर गिरी वस्तुएं, टूटे सामान बता रहे थे कि हाथ-पैर मारकर खुद को बचाने के संकेत बताते हैं कि विमला ने हमलावर से भि ड़ने की कोशिश की थी। मगर संख्या ज्यादा होने के कारण वह दब गई। दूसरी ओर, मां शांति देवी उम्रदराज़ थीं और चल नहीं पाती थीं, इसलिए उनके कमरे में प्रतिरोध या संघर्ष के संकेत नहीं मिले।
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पड़ोसियों ने किसी भी संदिग्ध व्यक्ति, आवाज या अंदर-बाहर जाने वाले शख्स को देखने से इनकार किया है। यह बात भी जांच टीम को चौंका रही है, क्योंकि गली में हलचल आम रहती है और किसी के आते-जाते का ध्यान न जाना असामान्य माना जा रहा है। हालांकि रविवार की रात इलाके में सामान्य से ज्यादा शांति बताई जा रही है, जिसने पुलिस को यह सोचने पर मजबूर किया कि हमलावर या तो परिचित था, या इतना सावधान कि उसने किसी को सुनने का मौका नहीं दिया।
पोस्टमार्टम के लिए डॉक्टरों का विशेष पैनल बनाया गया है और पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी होगी। चोटों की संख्या, वार के कोण, समय और इस्तेमाल किए गए हथियारों से हत्या की पूरी टाइमलाइन तय होगी। इस बीच मृतका की बड़ी बहन सुशीला, जो लखनऊ में रहती हैं, गोरखपुर के लिए रवाना हो चुकी हैं। परिवार के भीतर क्या तनाव थे, क्या संपत्ति को लेकर किसी पक्ष को नाराजगी या लालच था,इन सभी सवालों के उत्तर पुलिस सुशीला से भी लेगी।

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