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    गोरखपुर में दर्ज है FIR, JE-SSO पर कार्रवाई का इंतजार; लाइनमैन की पोल से गिरकर हुई थी मौत

    Updated: Sat, 18 Oct 2025 07:26 AM (IST)

    गोरखपुर में निविदा लाइनमैन की मृत्यु के मामले में जेई और एसएसओ पर एफआईआर के बाद भी कार्रवाई नहीं होने से परिजनों में आक्रोश है। परिजनों ने आरोप लगाया है कि शटडाउन के बाद भी बिजली आने से अनिल की पोल से गिरकर मौत हो गई। वे कार्रवाई की मांग कर रहे हैं, जबकि जेई संगठन एसडीओ पर भी एफआईआर दर्ज करने की मांग कर रहा है। मामले की जांच जारी है।

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    रामगढ़ताल थाना पुलिस और एक्सईएन की टीम कर रही मामले की जांच

    जागरण संवाददाता, गोरखपुर। निविदा लाइनमैन की मृत्यु के मामले में एफआइआर दर्ज होने के बाद भी लोहिया उपकेंद्र के अवर अभियंता (जेई) रवींद्र कुमार और सब स्टेशन आपरेटर (एसएसओ) मृत्युंजय सिंह पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। दोनों के खिलाफ लाइनमैन के स्वजन ने गंभीर शिकायत की है।

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    बिजली निगम के अभियंता अब मोहद्दीपुर के अधिशासी अभियंता (एक्सईएन) सतीश कुमार जायसवाल की रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं। स्वजन का कहना है कि चार अक्टूबर को ही जेई व एसएसओ के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए थी लेकिन न जाने किसके दबाव में कार्रवाई नहीं हो रही है। चेतावनी दी कि जल्द ही दोनों पर कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन किया जाएगा।

    चार अक्टूबर को आंधी-पानी के बाद लोहिया उपकेंद्र की आपूर्ति ठप हो गई थी। निविदा सीढ़ी मैन 42 वर्षीय अनिल को पोल पर चढ़ाकर काम लिया जा रहा था। आरोप है कि शटडाउन के बाद भी सुबह 10 बजे अचानक बिजली आ गई। उस समय अनिल पोल पर चढ़कर तार ठीक कर रहे थे।

    उन्होंने तार को पकड़ रखा था। बिजली आते ही करंट से हाथ झुलस गया और अनिल सिर के बल पोल से नीचे जमीन पर गिर गए। अभियंताओं ने रुपये बचाने के लिए समय से उचित उपचार नहीं कराया। घंटों बाद उपचार शुरू हुआ। अनिल की मृत्यु के बाद स्वजन शव लेकर लोहिया उपकेंद्र पर पहुंच गए।

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    उन्हाेंने देवरिया बाइपास पर जाम लगाने की भी कोशिश की। पुलिस के समझाने पर सभी माने। अनिल के भाई की तहरीर पर जेई व एसएसओ के खिलाफ एफआइआर दर्ज की गई है। टाउनहाल के अधिशासी अभियंता अंकित कुमार ने कहा कि मामले की जांच चल रही है।

    एसडीओ पर क्यों नहीं दर्ज हुई एफआइआर

    जेई पर एफआइआर दर्ज होने के बाद जूनियर इंजीनियर संगठन में नाराजगी है। उनका कहना है कि यदि जेई पर एफआइआर दर्ज की गई तो एसडीओ पर भी होनी चाहिए थी। हर मामले में बिना वजह जेई को जिम्मेदार बनाया जा रहा है। इसका विरोध किया जाएगा।