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    गोरखपुर में गोरखनाथ नए पुल का निर्माण कार्य में आई तेजी, बंद किया गया रेलवे क्रासिंग

    Updated: Wed, 05 Nov 2025 09:28 AM (IST)

    गोरखपुर में गोरखनाथ रेलवे लाइन पर नए पुल का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है, जिसके चलते रेलवे क्रॉसिंग को बंद कर दिया गया है। सुरक्षा के मद्देनजर क्रॉसिंग पर बैरिकेडिंग की गई है और गार्ड तैनात किए गए हैं। 127.87 करोड़ की लागत से बन रहे इस पुल के बनने से आवागमन सुगम होगा और जाम की समस्या भी खत्म हो जाएगी।

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    दिसंबर तक पूरा हो जाएगा गोरखनाथ रेलवे लाइन के ऊपर नए पुल का निर्माण कार्य

    जागरण संवाददाता, गोरखपुर। गोरखनाथ रेलवे लाइन के ऊपर नए पुल के निर्माण कार्य में तेजी आ गई है। रेल लाइनों पर जरूरत के अनुसार छोटे-छोटे ब्लाक (ट्रेनों को रोककर चलाना) लेकर कार्य कराया जा रहा है। छोटे ब्लाक के चलते गोरखपुर-लखनऊ रूट पर ट्रेनों का संचालन प्रभावित नहीं हो रहा। निर्माण कार्य के लिए रेलवे क्रासिंग भी बंद कर दी गई है। क्रासिंग से होकर लोगों की आवाजाही पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है।

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    गोरखनाथ क्रासिंग बंद करने के साथ रेलवे प्रशासन ने गेट से सिग्नल सिस्टम की व्यवस्था को भी बंद कर दिया है। यद्यपि, गेट पर गेटमैन 24 घंटे तैनात रहते हैं। जबतक निर्माण कार्य चल रहा है, तब तक गेटमैन की तैनाती रहेगी। जानकारों का कहना है कि नया पुल चालू होने के साथ गोरखपुर रेलवे क्रासिंग को भी तरंग क्रासिंग की तरह स्थायी रूप से बंद कर दिया जाएगा।

    क्रासिंग बंद करने को लेकर रेलवे प्रशासन ने अपनी तैयारी लगभग पूरी कर ली है। क्रासिंग पूरी तरह बंद होने के साथ लोग दोनों पुल से होकर आवागमन करेंगे। रेलवे क्रासिंग पर सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह पुख्ता हो जाएगी। रेलवे क्रासिंग पर आवाजाही को रोकने के लिए रेलवे प्रशासन ने अभी से बैरिकेडिंग कर दी है।

    रेलवे ने गार्ड भी तैनात कर दिए हैं, जो लोगों को जागरूक करते रहते हैं। पुराना पुल बनने के बाद भी गोरखनाथ रेलवे क्रासिंग से लोगों का आवागमन जारी था। भीड़ के चलते हर पल दुर्घटना की आशंका बनी रहती थी। गोरखपुर-डोमिनगढ रेलमार्ग पर प्रतिदिन 150 से अधिक ट्रेनें चलती हैं।

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    14 फरवरी 2023 को गोरखनाथ ओवरब्रिज के समानांतर नए ओवरब्रिज के निर्माण की शुरुआत हुई थी। 127.87 करोड़ की लागत वाले 600 मीटर लंबे और 7.5 मीटर चौड़े इस ओवरब्रिज का निर्माण हो जाने से आवागमन सुगम होने के साथ ही गोरखनाथ क्षेत्र में जाम की समस्या भी खत्म हो जाएगी।

    वर्ष 1980 में वर्तमान गोरखनाथ ओवरब्रिज का निर्माण हुआ था, लेकिन मोहद्दीपुर से जंगल कौड़िया तक फोरलेन सड़क बनने के बाद इस पर दबाव बढ़ गया, जिसके बाद पुराने दो-लेन वाले पुल के समानांतर एक नया दो-लेन वाला ओवरब्रिज बनाने की मंजूरी दी गई।

    दोनों तरफ ढका रहेगा पुल, रोशनी का होगा अच्छा इंतजाम
    गोरखनाथ का नया ओवरब्रिज दोनों तरफ ऊंचाई तक ढका रहेगा। पुल को इस तरह तैयार किया जा रहा है कि कोई इसकी रेलिंग पर न चढ़ सके। इसके साथ ही पुल पर रोशनी के लिए नई तकनीक का भी इंतजाम किया जा रहा है। यह महानगर का दूसरा ऐसा पुल है जिसे बो स्ट्रिंग गर्डर से तैयार किया गया है, जो राहगीरों को पूरी सुरक्षा प्रदान करेगा। देखने में भी मनमोहक लगेगा।