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    गोरखपुर के पाश इलाकों में ‘कौड़ियों’ के भाव में मिले आवासों का बढ़ेगा किराया, नगर निगम बोर्ड ने दी है मंजूरी

    Updated: Wed, 22 Oct 2025 01:50 PM (IST)

    गोरखपुर महानगर में नगर निगम के 104 आवासों का किराया बढ़ने वाला है। नगर निगम बोर्ड ने 11 साल पुराने शासनादेश के आधार पर यह फैसला लिया है। सर्वेक्षण में पाया गया कि कई पॉश इलाकों में स्थित आवासों का किराया बाजार दर से काफी कम है, जिससे निगम को नुकसान हो रहा था। नई दरों के लागू होने से निगम के राजस्व में वृद्धि होगी।

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    गोरखपुर नगर निगम। जागरण

    जागरण संवाददाता, गोरखपुर। महानगर के विभिन्न इलाकों में वर्षों से कौड़ियों के भाव पर नगर निगम के 104 आवासों में रह रहे आम लोगों को अब अपनी जेब ज्यादा ढीली करनी पड़ेगी। नगर निगम बोर्ड की 15वीं बैठक में इन आवासीय संपत्तियों का किराया बढ़ाने का फैसला लिया गया है। यह फैसला 11 साल पुराने शासनादेश के आधार पर किया गया है, जिसके बाद किराए में बड़ी बढ़ोतरी होना तय है।

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    दरअसल, नगर निगम ने अपने किराए पर आवंटित आवासीय भवनों का सर्वेक्षण कराया था, जिसमें 100 से ज्यादा आवास आम लोगों को आवंटित किया गया है। इनमें पूर्व सांसद, विधायक, पत्रकार भी शामिल हैं। साथ ही यह बात भी सामने आई कि महानगर के प्रतिष्ठित और पाश इलाकों में स्थित इन भवनों का किराया वर्तमान बाजार दरों के मुकाबले काफी कम है। मौजूदा किराया 150 रुपये से लेकर 1000 रुपये तक है, जो इन महंगे इलाकों में रहने वालों के लिए मामूली है।

    इस स्थिति को देखते हुए, नगर निगम ने एक दिसंबर 2014 के शासनादेश का पालन करने का निर्णय लिया है। दिसंबर 2014 के शासनादेश के अनुसार, श्रेणी 01 से श्रेणी 03 तक के आवासों का किराया 120 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से निर्धारित होगा।

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    वहीं, श्रेणी 04 और उच्च श्रेणी के आवासों के लिए 150 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर निर्धारित है। वहीं, जिस तरह से पिछले वित्तीय वर्ष में नगर निगम ने शहर के विभिन्न इलाकों में किराए पर दी गई दुकानों के किराए में पांच से 10 गुना तक की बढ़ोतरी की है।

    यह किराया सर्किल रेट के हिसाब से तय किया गया है। ऐसे में प्राइवेट आवासीय भवनों के किराए में और ज्यादा बढ़ोतरी की संभावना है। नई दरें जल्द ही लागू होने की उम्मीद है इससे निगम के राजस्व में अच्छी खासी बढ़ोतरी की संभावना है।

    शहर की सबसे महंगी जगहों में आवासों को इतने कम किराए पर दिए जाने से निगम को भारी नुकसान हो रहा था। इस फैसले से न सिर्फ निगम की आय बढ़ेगी, बल्कि किराए की दरें भी बाजार के अनुरूप हो जाएंगी। सदन से मिली अनुमति के बाद इस फैसले को जल्द ही अंतिम रूप दिया जाएगा।


    - लोक निर्माण विभाग द्वारा निर्धारित दर के अनुसार ही नगर निगम के आवासों का किराया तय करने का निर्णय लिया गया है। पुनरीक्षण का काम अंतिम चरण में है। जल्द ही किराया तय कर लिया जाएगा।

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    दुर्गेश मिश्रा, अपर नगर आयुक्त