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    गोरखपुर DM ने अधिकारियों को चेताया, कहा- शिकायतों पर केवल आदेश देकर खानापूर्ति न करें अफसर

    Updated: Sun, 17 Aug 2025 07:58 AM (IST)

    गोरखपुर के डीएम दीपक मीणा ने जन शिकायतों के गुणवत्तापूर्ण निस्तारण पर जोर दिया। उन्होंने तहसील विकास खंड और थानों पर जनसुनवाई के बावजूद जिला मुख्यालय और मुख्यमंत्री जनता दर्शन में शिकायतों की बढ़ती संख्या पर चिंता जताई। अधिकारियों को प्रतिदिन जनसुनवाई करने शिकायतों का समाधान करने और दोषी कार्मिकों पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए।

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    गोरखपुर के नए डीएम दीपक मीणा। जागरण

    जागरण संवाददाता, गोरखपुर। डीएम दीपक मीणा ने कहा कि जनपद में संवेदनशील और उच्च कोटि का प्रशासन सुनिश्चित करने के लिए जनशिकायतों का गुणवत्तापूर्ण व त्वरित निस्तारण अनिवार्य है। उन्होंने चेतावनी दी कि तहसील, विकास खंड और थानों पर जनसुनवाई के बावजूद बड़ी संख्या में लोग जिला मुख्यालय और मुख्यमंत्री के जनता दर्शन कार्यक्रम तक पहुंच रहे हैं, जो स्थानीय स्तर पर लापरवाही को दर्शाता है।

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    डीएम ने सभी जिला स्तरीय अधिकारियों, कार्यालयाध्यक्षों, उप जिलाधिकारियों, तहसीलदारों, खंड विकास अधिकारियों और थाना प्रभारियों को सख्त निर्देश दिए कि हर कार्यदिवस पर सुबह 10 से 12 बजे तक स्वयं जनसुनवाई करें और तत्काल समस्याओं का समाधान सुनिश्चित करें। यदि वे उपस्थित नहीं हो पाते तो सक्षम अधिकारी को नामित करें।

    उन्होंने कहा कि शिकायतों पर केवल आदेश देकर खानापूर्ति न की जाए, बल्कि पुराने प्रकरणों में अधिकारी स्वयं या अधीनस्थ टीम को मौके पर भेजकर नियमसम्मत समाधान कराएं और आवश्यकतानुसार फोटोग्राफ सहित रिपोर्ट लें। विशेषकर भूमि विवादों में तहसील दिवस और थाना समाधान दिवस पर राजस्व व पुलिस अधिकारियों की संयुक्त टीम बनाकर कार्यवाही की जाए।

    डीएम ने निर्देश दिया कि यदि कोई शिकायतकर्ता एक ही समस्या बार-बार प्रस्तुत करता है तो उसके मूल कारण का पता लगाकर दोषी कार्मिकों पर कार्रवाई की जाए। साथ ही समाधान दिवस की शिकायतों के निस्तारण की गुणवत्ता जांचने के लिए प्रभारी अधिकारी को दूरभाष पर आवेदक से बात करनी होगी। भूमि संबंधी विवादों में तहसील या थाना समाधान दिवस में राजस्व एवं पुलिस अधिकारियों की संयुक्त टीम बनाकर कार्रवाई सुनिश्चित की जाए ताकि समस्या का स्थायी रूप से निराकरण हो सके।

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    उन्होंने यह भी कहा कि हर कार्यालय में फीडबैक लेने के लिए एक कर्मचारी नामित किया जाए, जो प्रतिदिन रिपोर्ट प्रस्तुत करे। अधिकारियों को चौपाल और ग्राम भ्रमण के दौरान प्राप्त शिकायतों के निस्तारण की भौतिक समीक्षा करनी होगी।

    डीएम ने साफ कहा कि शासन की मंशा है कि जनता की समस्याओं का समाधान स्थानीय स्तर पर ही हो और इसके लिए हर अधिकारी को व्यक्तिगत रुचि लेते हुए शिकायतों का त्वरित और गुणवत्तापूर्ण निस्तारण सुनिश्चित करना होगा।