Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    हेल्थ इंश्योरेंस की ठगी मामला: जांच में मिले चार ईमेल, फाइलें डिलीट कर मिटाए जा रहे थे साक्ष्य

    Updated: Sun, 14 Sep 2025 09:03 AM (IST)

    गोरखपुर के डिसेंट हॉस्पिटल में हेल्थ इंश्योरेंस में ठगी का मामला सामने आया है। पुलिस जांच में अस्पताल के मैनेजर के कंप्यूटर से कई और नर्सिंग होम के दस्तावेज मिले हैं जिनसे फर्जी क्लेम किए गए थे। कंप्यूटर से डाटा डिलीट कर सबूत मिटाने की कोशिश की गई। पुलिस ने अस्पताल के संचालकों समेत कई लोगों को गिरफ्तार किया है और अन्य अस्पतालों पर भी नजर रख रही है।

    Hero Image
    डिसेंट हास्पिटल की जांच करते डिप्टी सीएमओ डा. एके सिंह (दाएं) व अन्य। सौ. स्वास्थ्य विभाग

    जागरण संवाददाता, गोरखपुर। डिसेंट हास्पिटल में चल रहे हेल्थ इंश्योरेंस की ठगी का जाल अब और बड़ा होता जा रहा है। पुलिस की जांच में शनिवार को नए मामले सामने आए।तारामंडल और बस्ती के डिसेंट हास्पिटल के मैनेजर के कंप्यूटर से चार और नर्सिंग होमों से जुड़े दस्तावेज के साथ ही ईमेल आइडी मिले हैं।इस ईमेल आइडी का इस्तेमाल कर हेल्थ बीमा करने वाली कंपनियों को फर्जी रोगियों के दस्तावेज भेजे गए थे।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    जांच में यह भी सामने आया है कि कंप्यूटर से डाटा डिलीट कर सबूत मिटाने की कोशिश की गई थी, लेकिन साइबर सेल की तकनीकी टीम ने कई फाइलों को रिकवर कर लिया है। कुछ फाइलें अभी रिकवरी की प्रक्रिया में हैं।

    पुलिस का मानना है कि इन दस्तावेजों के आधार पर अब गोरखपुर और आसपास के अन्य नर्सिंग होम भी जांच के दायरे में आएंगे।इस मामले की शुरुआत बजाज आलियांज फाइनेंस कंपनी की शिकायत से हुई थी।

    कंपनी ने पुलिस को बताया था कि दिल्ली निवासी सत्यदीप के नाम पर फर्जी तरीके से एक लाख 80 हजार रुपये का हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम निकाला गया, जबकि सत्यदीप ने स्पष्ट किया कि वह कभी अस्पताल में भर्ती ही नहीं हुए।

    मामले का पर्दाफाश होने के बाद पुलिस ने डिसेंट अस्पताल के संचालक गेंहुआसागर निवासी शमशुल और उसके पार्टनर मेवातीपुर निवासी प्रवीण उर्फ विकास त्रिपाठी को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। जांच में अब तक सामने आया है कि इन दोनों ने गोरखपुर और बस्ती के डिसेंट अस्पताल में 15 मरीजों के नाम पर 1.20 करोड़ रुपये का फर्जी क्लेम पास कराया था।

    इसके बाद गगहा के नर्रे निवासी डा. अफजल अंसारी और मैनेजर ताहीर खान को भी गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में दोनों ने माना कि जिन मरीजों काे एपेक्स अस्पताल में दिखाया गया था, वह अस्पताल असल में अस्तित्व में ही नहीं है।

    वहीं, डिसेंट हॉस्पिटल के रिकार्ड से भी कई संदिग्ध फाइलें मिलीं, जो इस ठगी की पुष्टि करती हैं।अब मैनेजर के कंप्यूटर से चार नर्सिंग होमों की मेलिंग डिटेल सामने आने के बाद पुलिस की नजर शहर के अन्य अस्पतालों पर भी टिकी हुई है।

    यह भी पढ़ें- गोरखपुर में इंजीनियर की कार पर ताबड़तोड़ फायरिंग, पार्किंग विवाद या हत्या की कोशिश..जांच शुरू

    सूत्रों के मुताबिक, शनिवार से ही इन नर्सिंग होमों के संचालकों और संबंधित डाक्टरों से पूछताछ शुरू की जाएगी।पुलिस सूत्रों ने बताया कि शुरुआती जांच में केवल 1.20 करोड़ रुपये की ठगी की बात सामने आई है, लेकिन यह रकम और ज्यादा हो सकती है।

    एसपी सिटी अभिनव त्यागी ने कहा कि जो भी अस्पताल और एजेंट इस फर्जीवाड़े में शामिल पाए जाएंगे, उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।