Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    गोरखपुर में लिवर रोगियों के लिए खुशखबरी, मात्र दो जांचों से पता चल जाएगी बीमारी

    Updated: Sat, 23 Aug 2025 03:53 PM (IST)

    गोरखपुर में अब लिवर की बीमारी का पता सिर्फ दो सस्ती जांचों से लग सकेगा। बीआरडी मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों के अध्ययन में यह खुलासा हुआ है कि सीरम यूरिक एसिड और विटामिन डी की जांच से लिवर रोग की गंभीरता का पता चल सकता है। पहले इसके लिए सात-आठ जांचें करानी पड़ती थीं। यह नया तरीका सस्ता और जल्दी परिणाम देने वाला है जिससे रोगियों को तत्काल राहत मिलेगी।

    Hero Image
    बीआरडी मेडिकल कालेज , गोरखपुर । जागरण

    गजाधर द्विवेदी, जागरण, गोरखपुर। खराब लिवर की गंभीरता किस स्तर पर है, यह मात्र दो सस्ती जांचों से पता चल जाएगी। इसके पहले इसके लिए सात-आठ जांचें करानी पड़ती थीं। दोनों जांचें कम खर्च में हो जाएंगी। समय से रोग की गंभीरता पता चलने पर सटीक उपचार हो सकेगा और रोगियों को राहत मिलेगी। बीआरडी मेडिकल कालेज के मेडिसिन विभाग के डाक्टरों के अध्ययन में यह बात सामने आई है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    प्रो. राजकिशोर सिंह के निर्देशन में डा. गणेश ने लिवर रोगियों पर एक साल तक अध्ययन किया। अध्ययन में दो सौ रोगी शामिल किए गए। लिवर रोग की गंभीरता जानने के लिए पूर्व में प्रयोग किए जा रहे तरीकों का भी इस्तेमाल किया गया। सात-आठ जांचों को कराने के बाद उनका स्कोर निकाला गया। साथ ही एक नए तरीके से भी जांच कर उसका भी स्कोर निकाला गया। दोनों के स्कोर लगभग समान आए।

    नए तरीके में मात्र दो जांचें- सीरम यूरिक एसिड व 25-हाइड्राक्सीविटामिन डी, कराई गई। पुराने तरीके में सोडियम, बिलरुबिन, एसजीओटी, एसजीपीटी, सीरम क्रियेटनिन, पीटीआइएनआर (किसी अंग में रक्तस्राव की जांच) व आलबुमिन (सूजन का स्तर पता करने वाली जांच) करानी पड़ती है।

    पुराने तरीके से नया तरीका काफी सस्ता व जल्दी परिणाम देने वाला है। अध्ययन में यह बात सामने आई कि जिस रोगी की जितनी ज्यादा गंभीरता थी, उसका उतना ज्यादा सीरम यूरिक एसिड बढ़ा हुआ था और विटामिन डी का स्तर कम हुआ था। इन रोगियों का यूरिक एसिड कम करने व विटामिन डी बढ़ाने के लिए दवाएं दी गईं। उन्हें तत्काल राहत मिलने लगी।

    41-60 वर्ष के लोगों की संख्या ज्यादा

    जिन दो सौ रोगियों का लिवर खराब था, उनमें से 41 से 60 वर्ष तक की उम्र के रोगियों की संख्या सबसे ज्यादा 102 थी। 18 से 40 वर्ष के लोगों की संख्या 72 व 60 वर्ष से अधिक उम्र के रोगियों की संख्या 26 थी।

    पुरुषों को ज्यादा परेशान कर रहा लिवर रोग

    अध्ययन में शामिल 200 रोगियों में सबसे ज्यादा संख्या पुरुषों रही। पुरुष 196 व महिलाओं की संख्या मात्र चार रही। विशेषज्ञों के अनुसार लिवर खराब होने का एक बड़ा कारण अल्कोहल है, पुरुष इसका उपयोग ज्यादा करते हैं, इसलिए लिवर भी उनका खराब होता है।

    मेडिसिन विभाग में हर साल रोगियों के हित को ध्यान में रखकर अध्ययन किए जा रहे हैं। उनके परिणाम चिकित्सकों का मार्गदर्शन भी कर रहे हैं और रोगियों को सस्ती जांच व उपचार का विकल्प भी सुझा रहे हैं। इस अध्ययन से भी रोगियों का खर्च बचेगा।

    -डा. राजकिशोर सिंह, प्रोफेसर मेडिसिन विभाग, बीआरडी मेडिकल कालेज

    लिवर रोग अमीर-गरीब किसी को भी हो सकता है। इसलिए यह जानने की कोशिश की गई कि सस्ती जांचों से भी इस बीमारी की गंभीरता का पता चल सकता है क्या? परिणाम उत्साहजनक रहा। मात्र यूरिक एसिड व विटामिन डी की जांच कर उनकी गंभीरता पता कर ली गई।

    -डा. गणेश, अध्ययनकर्ता

    comedy show banner
    comedy show banner