छठ पूजा के बाद रेलवे स्टेशन परिसर में वाहनों के प्रवेश पर पूरी तरह रोक, भीड़ को सहेजने के लिए बनाया मास्टर प्लान
छठ पर्व के बाद घर लौट रहे परदेसियों के लिए रेलवे प्रशासन ने गोरखपुर स्टेशन पर वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया है। स्टेशन को 'फ्री ह्वीकल' जोन घोषित किया गया है। यात्रियों की सुविधा के लिए कुली और सुरक्षा बल तैनात हैं। दिल्ली जाने वाले यात्रियों की भीड़ बढ़ रही है, जबकि बिहार के लोग चुनाव के बाद लौटेंगे। रेलवे पूजा स्पेशल ट्रेनें चला रहा है।

गेटों पर ही रोक दिए जा रहे वाहन, प्लेटफार्म पर पैदल जा रहे यात्री
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। छठ पर्व पर घर आए परदेसियों को सुरक्षित वापस भेजने के लिए रेलवे प्रशासन ने कमर कस ली है। भीड़ को सहेजने के लिए गोरखपुर रेलवे स्टेशन को 'फ्री ह्वीकल' जोन बना दिया गया है। स्टेशन परिसर में वाहनों के प्रवेश पर पूरी तरह रोक लग दी गई है।
प्लेटफार्म नंबर एक के कैब वे और नौ नंबर पर पर ही वाहनों को प्रवेश दिया जा रहा है। नौ नंबर पर भी सिर्फ यात्रियों को छोड़ने या बैठाने (पिक एंड ड्राप) की सुविधा मिल रही है। गेट नंबर एक से छह तक वाहनों को गेट पर ही रोक दिया जा रहा है।
स्टैंड में ही वाहन खड़े किए जा रहे हैं। यात्री पैदल ही होल्डिंग एरिया (आश्रय स्थल), काउंटर और प्लेटफार्म तक पहुंच रहे हैं। गेट पर ही कुलियों की व्यवस्था सुनिश्चित कर दी गई है। रेलवे सुरक्षा बल भी तैनात कर दिए गए हैं। ताकि, यात्रियों को कोई परेशानी न उठानी पड़े।
छठ महापर्व बाद गोरखपुर जंक्शन पर धीरे-धीरे भीड़ बढ़ने लगी है। दीपावली और छठ पर्व पर घर आए छात्र, व्यवसायी और नौकरीपेशा वापस होने लगे हैं। बुधवार को प्लेटफार्म नंबर पर नौ पर दिल्ली जाने वाले लोगों की चहल-पहल बढ़ गई थी। 12555 नंबर की गोरखधाम एक्सप्रेस पकड़ने के लिए बड़ी संख्या में यात्री प्लेटफार्म नंबर नौ पर पहुंचे थे।
रेलवे सुरक्षा बल की टीम ने प्रभारी निरीक्षक दशरथ प्रसाद के नेतृत्व में यात्रियों की लाइन लगवाकर जनरल बोगियों में बैठाया। सभी यात्रियों को सीट मिल गई। जानकारों का कहना है कि पूर्वांचल के लोग तो वापस होने लगे हैं लेकिन बिहार के अधिकतर लोग चुनाव बाद ही वापस जाएंगे। गांव पहुंचे अधिकतर परदेसी धान की कटाई और गेहूं की बुआई के लिए भी रुक गए हैं।
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नवंबर के अंत में लग्न भी शुरू हो रहा है। कुछ लोग लग्न के बाद जाने की प्लानिंग कर रहे हैं। ऐसे में परदेसियों की वापसी दिसंबर तक होगी। हालांकि, रेलवे प्रशासन परदेसियों के लिए पर्याप्त संख्या में पूजा स्पेशल ट्रेनों का संचालन कर रहा है। यात्रियों की मांग को ध्यान में रखते हुए पूर्वोत्तर रेलवे के विभिन्न स्टेशनों से देश के महानगरों एवं प्रमुख नगरों के लिए 117 पूजा स्पेशल ट्रेनें 1,551 फेरों में चलाई जा रही हैं।
इसके अतिरिक्त 82 पूजा स्पेशल ट्रेनें पूर्वोत्तर रेलवे के विभिन्न स्टेशनों से होकर देश के प्रमुख नगरों के लिए 1,362 फेरों में चलाई जा रही हैं। इस प्रकार, पूर्वोत्तर रेलवे के स्टेशनों से बनकर व होकर 199 पूजा स्पेशल ट्रेनें 2,913 फेरों में चलाई जा रही हैं। इन पूजा विशेष ट्रेनों के माध्यम से यात्रियों की बढ़ती संख्या के अनुरूप रिकार्ड संख्या में स्पेशल ट्रेनें चलाई जा रही हैं।

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