गोरखपुर रंग महोत्सव के तीसरे दिन दिखे खूब रंग, कठपुतली बन कलाकारों ने रामायण के प्रसंगों को किया जीवंत
गोरखपुर रंग महोत्सव के तीसरे दिन रामायण के प्रसंगों को कठपुतली कला के माध्यम से जीवंत किया गया। कलाकारों ने अपनी कला से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। महोत्सव में विभिन्न रंगों की छटा बिखरी, जिससे दर्शक आनंदित हुए।

योगिराज बाबा गंभीरनाथ प्रेक्षागृह में आयोजित गोरखपुर रंग महोत्सव में रामायण नाटक की प्रस्तुती देते कलाकार। संगम दूबे
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। गोरखपुर रंग महोत्सव के तीसरे दिन योगिराज बाबा गंभीरनाथ प्रेक्षागृह का मंच कठपुतली का रूप धरे कलाकारों से सजा। कलाकारों ने अपने शानदार अभिनय से रामायण के प्रसंगों को जीवंत कर दिया। गीत-संगीत से सजी नाटिका ने दर्शकों को देश की सांस्कृतिक विविधता का संदेश दिया। रंगश्री लिटिल बैले ट्रुप भोपाल की प्रस्तुति दर्शक उत्साहित हो गए।
वर्ष 1953 से निरंतर मंचित यह नाटक दर्शकों पर अमिट छाप छोड़ गया। संगीत नाटिका में प्रभु श्रीराम के वनागमन के सभी मार्गों को लोकगीतों में समाहित किया गया। नाटिका की शुरुआत गांव के बाजार से होती है, जहां कठपुतली के माध्यम से रामकथा सुनायी जाती है। कथा से प्रभावित होकर वहां पहुंचे दर्शक ही इसके पात्र बनते जाते हैं। नाटिका प्रभु श्रीराम व सीता विवाह के बाद अयोध्या लौटने से शुरू होती है।
राज्याभिषेक की तैयारी होती है लेकिन मंथरा की कुटिल नीति से श्रीराम को वनवास मिलता है। केवट प्रसंग के बाद खर-दूषण, शूर्पनखा, सीताहरण, जटायु बलिदान और अंत में रावण वध व श्रीराम के राज्यभिषेक प्रसंग को बहुत ही आकर्षक रूप से मंचित किया गया। नाटिका में दो सूत्रधार राजस्थानी कठपुतली शैली में नाटिका को आगे बढ़ाते हैं। अपनी भाव-भंगिमा दर्शकों का दिल जीत लेते हैं।
नाटक का निर्देशन कलाकारों ने खुद ही किया। नाटक की खास बात यह रही कि 52 भूमिकाओं को मात्र 12 कलाकारों ने निभाया। दशरथ लाल सिंह का लिखे गीत और बहादुर हुसैन खान व अवधि दासगुप्ता के सुरीला संगीत से नाटक गोरखपुर के दर्शकों के लिए यादगार बन गया।
प्रताप मोहता ने राम, उपेन्द्र मोहता ने लक्ष्मण, दीप्ति मोहता ने सीता की भूमिका निभाई। दशरथ और हनुमान की भूमिका को दयानिधि मोहता और रामण की भूमिका को अपूर्व दत्त मिश्रा ने जीवंत किया। सूत्रधार की भूमिका लक्ष्मण सावंत व अर्पित पांडेय ने निभाई।
इस दौरान डा. एसके लाट, डा. रोली लाट, विकास केजरीवाल, नितिन मातनहेलिया, संदीप टेकरीवाल, शोभित मोहन दास अग्रवाल, माधवेंद्र पांडेय, बृजेंद्र नारायण, राजू जायसवाल आदि अतिथि के रूप में मौजूद रहे। अतिथियों व दर्शकों का स्वागत आयोजक संस्था अभियान थिएटर ग्रुप के निदेशक श्रीनारायण पांडेय ने किया। संचालन मृत्युंजय उपाध्याय नवल और आभार ज्ञापन आयोजन समिति की अध्यक्ष सुधा यादव ने किया। रंग महोत्सव के चौथे दिन भारतेन्दु नाट्य अकादमी रंगमंडल की ओर से नाटक ''''कर्ण गाथा'''' मंचन होगा।
प्रशिक्षुओंं ने सीखी अभिनय की बारीकियां
रंग महोत्सव में एनएसडी कलाकार मृणाली पांडेय के निर्देशन में थिएटर कार्यशाला का आयोजन भी किया जा रहा है। कार्यशाला के तीसरे दिन मशहूर नाट्य निर्देशक महादेव सिंह लखावत ने भी प्रशिक्षुओं को अभिनय की बारीकियां बतायीं। प्रशिक्षुओं ने कार्यशाला में उत्साह के साथ हिस्सा लिया। रंगकर्म से जुड़े कई सवाल भी पूछे।
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श्री बालाजी दरबार में भंडारे का आयोजन
श्री बालाजी दरबार में नव दिवसीय अखंड कीर्तन की पांचवें दिन प्रोफेसर पंकज सिंह के द्वारा विशाल भंडारे का आयोजन किया गया। शाम 6:00 से भक्तों की ताता लगा रहा, मशहूर कीर्तन गायक अखिलेश शुक्ला एवं महेंद्र गिरी के कीर्तन ने समा बांध दिया।
बालाजी सेवा समिति ट्रस्ट के अध्यक्ष जितेंद्र मणि तिवारी की तरफ से बालाजी मंदिर में वाटर कूलर भी भेंट किया गया। बालाजी सेवा समिति के उपाध्यक्ष अमितेश्वर कुमार दुबे बबलू एवं सचिव आशुतोष कुमार सिंह, राजेश विश्वावा सिंह, सुयश दुबे, रंजन तिवारी, कामाख्या नारायण सिंह, गोरख पांडेय मौजूद रहे।
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