Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    गोरखपुर RFSL में होगी बैलिस्टिक से लेकर डिजिटल फोरेंसिक की हर जांच, युवाओं को मिलेगा बड़ा अवसर

    Updated: Wed, 19 Nov 2025 07:15 AM (IST)

    गोरखपुर में उच्चीकृत क्षेत्रीय विधि विज्ञान प्रयोगशाला (आरएफएसएल) का उद्घाटन हुआ। मुख्यमंत्री ने इसे वैज्ञानिक पुलिसिंग का नया इंजन बताया। अब अपराध छिप नहीं सकेंगे, क्योंकि फोरेंसिक तकनीक हर सुराग को सबूत में बदल देगी। लैब में बैलिस्टिक परीक्षण, साइबर जांच, डीएनए प्रोफाइलिंग जैसे परीक्षण होंगे। इससे अपराधों की जांच में तेजी आएगी और अपराधियों पर शिकंजा कसा जा सकेगा।

    Hero Image

    क्षेत्रीय विधि विज्ञान प्रयोगशाला में उच्चीकृत भवन के लोकार्पण अवसर पर लैब का निरीक्षण करते मुख्यमंत्री योगीआदित्यनाथ। सौ. सूचना विभाग

    जागरण संवाददाता, गोरखपुर। उच्चीकृत क्षेत्रीय विधि विज्ञान प्रयोगशाला (आरएफएसएल) गोरखपुर का उद्घाटन करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह लैब वैज्ञानिक पुलिसिंग का नया इंजन बनेगी। अपराध अब छिप नहीं सकेंगे, क्योंकि फोरेंसिक तकनीक हर सुराग को सबूत में बदल देगी। गोरखपुर को पूर्वांचल की सबसे आधुनिक लैब मिलने से जांच में रफ्तार और सटीकता दोनों आएगी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि यूपी में वैज्ञानिक साक्ष्य आधारित पुलिसिंग को मजबूती देने के लिए सरकार ने अभूतपूर्व कदम उठाए हैं। गोरखपुर स्थित लैब अब ए श्रेणी में अपग्रेड हो चुकी है। यहां अब बैलिस्टिक परीक्षण, विस्फोटक पदार्थों का विश्लेषण, साइबर जांच, मोबाइल-लैपटाप-सीसी कैमरा फुटेज के डेटा की रिकवरी, वाइस मैचिंग और डीएनए प्रोफाइलिंग जैसे सभी परीक्षण किए जाएंगे।उन्होंने कहा कि पहले अच्छी लैब न होने से कई अपराधी साक्ष्य के अभाव में बच जाते थे, लेकिन अब यूपी में यह स्थिति खत्म हो गई है।

    तीन नए कानून लागू होने के बाद इन लैबों की जरूरत और बढ़ गई है।सीएम ने बताया कि हर जिले में दो मोबाइल फोरेंसिक वैन हैं, जो घटनास्थल पर तुरंत पहुंचकर वैज्ञानिक तरीके से साक्ष्य संकलन करती हैं। इससे केस की जांच पहले से कई गुना तेज हो गई है।

    फोरेंसिक शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए यूपी स्टेट इंस्टीट्यूट आफ फोरेंसिक साइंस की स्थापना की गई है, जहां सर्टिफिकेट, डिप्लोमा और डिग्री कोर्स चल रहे हैं। यहां एआइ, ड्रोन और रोबोटिक्स प्रयोगशालाएं भी संचालित हैं।उन्होंने कहा कि यह लैब पूर्वांचल और सरहदी क्षेत्रों में अपराध की जांच का मजबूत आधार बनेगी। अपराधी वैज्ञानिक जांच की पकड़ से बाहर नहीं बच पाएंगे।एडीजी तकनीकी सेवाएं नवीन अरोड़ा ने लैब की तकनीकी खूबियों पर प्रकाश डाला।

    यह भी पढ़ें- गोरखपुर में दुकान और गोदाम में लगी भीषण आग, लाखों का सामान जलकर हुआ राख


    नई फोरेंसिक लैब से होगा यह फायदा :

    • अब हत्या, डकैती, दुष्कर्म, साइबर क्राइम और धमकी जैसे मामलों में रिपोर्ट महीनों नहीं, दिनों में मिल सकेगी।
    • डिजिटल साक्ष्य, वाइस मैचिंग और डीएनए प्रोफाइलिंग से आरोपित की पहचान तेजी से संभव होगी।
    • वैज्ञानिक जांच यह सुनिश्चित करेगी कि बेगुनाह पर आरोप न टिकें और असली अपराधी बच न पाए।
    • मोबाइल, लैपटॉप और सीसी कैमरे से डेटा रिकवरी की आधुनिक सुविधा मिलने से साइबर अपराधियों पर तुरंत कार्रवाई होगी।
    • नेपाल बार्डर से जुड़े मामलों की जांच अब गोरखपुर में ही हो जाएगी, फाइलें लखनऊ भेजने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
    • घटनास्थल से दो फोरेंसिक मोबाइल वैन कुछ ही घंटों में सैंपल इकट्ठा कर लैब में भेज देंगी, जिससे केस में देरी कम होगी।
    • कारतूस व विस्फोटक पदार्थ की बैलिस्टिक व वैज्ञानिक जांच यहीं होगी, जिससे संगठित अपराध पर शिकंजा कसेगा।