गोरखपुर चिड़ियाघर में बढ़ी लकड़बग्घों की संख्या, कानपुर से लाए गए जोड़े
गोरखपुर के शहीद अशफाक उल्ला खां प्राणी उद्यान में कानपुर चिड़ियाघर से लकड़बग्घों की एक नई जोड़ी लाई गई है जिससे उनकी कुल संख्या तीन हो गई है। क्वारंटीन के बाद उन्हें दर्शकों के लिए छोड़ा जाएगा। इस पहल से चिड़ियाघर में वन्यजीवों की विविधता बढ़ेगी पर्यावरणीय संतुलन बेहतर होगा और पर्यटकों की संख्या में भी वृद्धि होने की उम्मीद है। यह कदम संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण है।

जागरण संवाददाता, गोरखपुर। शहीद अशफाक उल्ला खां प्राणी उद्यान (चिड़ियाघर) में वन्यजीवों की संख्या और विविधता बढ़ाने की दिशा में प्रयास तेज हो गए हैं। बर्ड फ्लू की घटना के बाद जहां सुरक्षा और निगरानी पर जोर दिया गया, वहीं अब चिड़ियाघर में नए वन्यजीव लाकर आकर्षण बढ़ाने की तैयारी चल रही है। इसी क्रम में सोमवार को कानपुर चिड़ियाघर से लकड़बग्घों (हायना) की एक जोड़ी गोरखपुर लाई गई है।
चिड़ियाघर में पहले से एक लकड़बग्घा मौजूद था। नई जोड़ी के आने से अब इनकी संख्या तीन हो गई है। कानपुर से विशेष टीम द्वारा लाए गए इन हायनाओं को क्वारंटीन में रखा गया है। निर्धारित समय पूरा होने के बाद इन्हें दर्शकों के लिए बाड़े में छोड़ा जाएगा।
चिड़ियाघर प्रशासन के मुताबिक, वन्यजीवों की विविधता बढ़ाने की यह पहल पर्यावरणीय संतुलन के साथ-साथ शोध और संरक्षण की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। नए प्रजातियों के जानवरों के आने से बच्चों, छात्रों और पर्यटकों को जानकारी मिलने के साथ चिड़ियाघर का शैक्षिक महत्व भी बढ़ेगा।
चिड़ियाघर के उप निदेशक एवं मुख्य पशु चिकित्सक डा. योगेश प्रताप सिंह ने बताया कि लकड़बग्घों की नई जोड़ी से प्रजनन की संभावना भी बढ़ेगी। हायना प्रजाति का संरक्षण जरूरी है, क्योंकि ये पारिस्थितिक तंत्र में सफाईकर्मी की भूमिका निभाते हैं और प्राकृतिक संतुलन बनाए रखने में सहायक होते हैं।
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उन्होंने कहा कि भविष्य में और भी प्रजातियों को चिड़ियाघर में लाने की योजना है, जिससे यहां आने वाले पर्यटकों को और अधिक वन्यजीव देखने को मिल सकें। नई जोड़ी के जुड़ने से चिड़ियाघर का आकर्षण बढ़ेगा और पर्यटकों की संख्या में भी इजाफा होने की उम्मीद है।
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