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    Indian Railway News: ट्रेनों की रफ्तार और ट्रैक क्षमता बढ़ाएंगी रेलवे की वाई कनेक्शन लाइनें

    Updated: Thu, 10 Jul 2025 09:01 AM (IST)

    पूर्वोत्तर रेलवे वाई कनेक्शन लाइनों के माध्यम से ट्रेनों की गति और ट्रैक क्षमता बढ़ाएगा। इन वाई कनेक्शन लाइनों से ट्रेनों को इंजन की दिशा बदलने की आवश्यकता नहीं होगी जिससे समय की बचत होगी। रेलवे बोर्ड ने कई बाईपास लाइनों को मंजूरी दी है जिससे गोरखपुर-वाराणसी जैसे मार्गों पर ट्रेनों का आवागमन सुगम होगा। इससे यात्री और मालगाड़ी दोनों का समय पर परिचालन हो सकेगा।

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    ट्रेनों की रफ्तार और ट्रैक क्षमता बढ़ाएंगी रेलवे की वाई कनेक्शन लाइनें

    जागरण संवाददाता, गोरखपुर। पूर्वोत्तर रेलवे की वाई कनेक्शन लाइनें (बाइपास लाइनें) ट्रेनों की रफ्तार बढ़ाने के साथ ट्रैक की क्षमता भी बढ़ाएंगी। ट्रेनें बिना इंजन की दिशा बदले निर्बाध गति से संचालित हो सकेंगी। ट्रैक क्षमता बढ़ने से मांग के अनुसार ट्रेनें चलाई जाएंगी।

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    ट्रेनों का समय पालन भी और बेहतर होगा। गोरखपुर समेत अन्य प्रमुख स्टेशनों पर ट्रेनों का लोड भी कम होगा। पूर्वोत्तर रेलवे में 15 नई बाईपास लाइन सहित कुल 16 नए प्रोजेक्टों का लगभग सर्वे पूरा हो चुका है। इन प्रोजेक्टों पर आगे की प्रक्रिया भी आरंभ हो चुकी है।

    सर्वे के लिए रेल मंत्रालय ने 1228.74 लाख रुपये का बजट प्रदान किया था। फाइनल लोकेशन सर्वे पूरा होने के बाद कई प्रोजेक्ट के डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट भी तैयार हो चुके हैं। कुछ प्रोजेक्ट के निर्माण पर रेलवे बोर्ड की सहमति भी मिल गई है। जिसमें रेलवे बोर्ड ने सहजनवां-मगहर और मनकापुर-झिलाही-टिकरी वाई कनेक्शन लाइन के निर्माण को मंजूरी देते हुए बजट भी स्वीकृत कर दिया है।

    दरअसल, वाई कनेक्शन जंक्शन बनाती हैं, जो वाई आकार की होती हैं। इससे होकर सभी दिशाओं से ट्रेनों का निर्बाध संचालन संभव हो पाता है। उदाहरण स्वरूप, गोरखपुर-लखनऊ मुख्य रेलमार्ग पर मनकापुर से अयोध्या के लिए भी एक लाइन कटती है।

    इस रेल लाइन से गोरखपुर से अयोध्या जाने वाली ट्रेनें तो सीधे बिना रुके चली जाती हैं, लेकिन लखनऊ या बहराइच से मनकापुर होते हुए अयोध्या जाने वाली ट्रेनों को इंजन की दिशा बदलनी पड़ती है। ऐसे में अतिरिक्त समय तो लगता ही है, ट्रेनों का संचालन भी बाधित होता है।

    अब जब मनकापुर-झिलाही-टिकरी वाई कनेक्शन लाइन बन जाएगी तो लखनऊ या बहराइच की ट्रेनें भी सीधे अयोध्या तक चल सकेंगी। भटनी-वाराणसी मार्ग पर वाई कनेक्शन पर ट्रेनें चल रही हैं।

    फिलहाल, रेलवे बोर्ड ने गोरखपुर और गोरखपुर कैंट दो बाईपास लाइन को भी स्वीकृति प्रदान की है। इसमें गोरखपुर बाईपास लाइन गोरखपुर-छपरा मुख्य रेलमार्ग और सहजनवां-दोहरीघाट नई लाइन को आपस में जोड़ेगी। गोरखपुर कैंट बाईपास लाइन गोरखपुर-छपरा मुख्य रेलमार्ग और गोरखपुर-नरकटियागंज लाइन को जोड़ेंगी।

    इन बाईपास लाइनों से गोरखपुर-वाराणसी, गोरखपुर-छपरा और गोरखपुर-नरकटियागंज रूट पर ट्रेनों का आवागमन सुगम हो जाएगा। यात्री ट्रेनें ही नहीं मालगाड़ियों का परिचालन भी समय से हो सकेगा। रोजगार सृजन के साथ क्षेत्र का भी विकास होगा।

    पूर्वोत्तर रेलवे में स्वीकृत बाइपास रेल लाइनें

    • सहजनवां-दोहरीघाट नई रेललाइन पर मगहर वाई कनेक्शन लाइन
    • मनकापुर-मनकापुर-झिलाही-टिकरी वाई कनेक्शन नई रेल लाइन
    • गोरखपुर कैंट बाईपास वाई कनेक्शन- कुसम्ही से उनौला के बीच 12 किमी
    • गोरखपुर बाईपास लाइन - खजनी से सरदारनगर के बीच 35 किमी
    • कप्तानगंज बाईपास लाइन - लक्ष्मीगंज से घुघली के बीच 08:50 किमी
    • घुघली बाईपास लाइन वाई कनेक्शन- 02 किमी
    • इंदारा बाईपास लाइन- किड़िहरापुर-रतनपुरा के बीच 16 किमी
    • औड़िहार बाईपास- सादात से सैदपुर भितरी के बीच 20 किमी
    • मऊ बाईपास- खुरहट से पिपरीडीह के बीच 15 किमी
    • वाराणसी जंक्शन बाईपास- सारनाथ से हरदत्तपुर के बीच 32 किमी
    • सिवान बाईपास- जिरादेई से अमलोरी के बीच 11.75 किमी
    • छपरा बाईपास- टेकनिवास से छपरा ग्रामीण के बीच 12 किमी
    • डालीगंज बाईपास- बादशाहनगर से महिबुल्लापुर के बीच 06 किमी
    • लालकुआं बाईपास- हल्दीरोड से पंतनगर के बीच 07 किमी
    • सीतापुर वाई कनेक्शन- सीतापुर सिटी से बहराइच के बीच 99 किमी

    ट्रेन संचालन को सुगम एवं निर्बाध बनाने के लिए रेलवे द्वारा बाइपास लाइन अथवा वाई-कनेक्शन बनाने का कार्य किया जा रहा है। इन कार्यों के होने से इंजन रिवर्सल से मुक्ति मिल रही है, जिससे समय एवं संसाधनों की बचत हो रही है।

    - पंकज कुमार सिंह, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी- पूर्वोत्तर रेलवे