यूपी के इस शहर में 21 किशोरों-युवकों पर भारी पड़ा इंटरनेट मीडिया का पटाखा ज्ञान, कराना पड़ रहा इलाज
गोरखपुर में इंटरनेट मीडिया पर पटाखा बनाने की विधि देखकर 21 किशोरों और युवकों को गंभीर चोटें आई हैं। इनमें से अधिकांश ने अपनी एक आंख खो दी है। बीआरडी मेडिकल कॉलेज के नेत्र रोग विभाग में उनका इलाज चल रहा है। डॉ. रामकुमार जायसवाल ने इंटरनेट मीडिया पर देखकर कुछ भी बनाने के खतरों के बारे में चेतावनी दी है। दीपावली पर बाल रोग विभाग में बच्चों को उपहार भी दिए गए।

तस्वीर का इस्तेमाल प्रतीकात्मक प्रस्तुतीकरण के लिए किया गया है। जागरण
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। इंटरनेट मीडिया का पटाखा बनाने का ज्ञान 21 किशोरों-युवकों पर भारी पड़ा है। इनमें से ज्यादातर की एक आंख खराब हो गई है। दीपावली से लेकर गुरुवार तक 21 किशोर-युवक बीआरडी मेडिकल कालेज के नेत्र रोग विभाग में उपचार के लिए पहुंचे। इन सबकी उम्र 16 से लेकर 21 वर्ष के बीच में है। ये यूट्यूब पर वीडियो देखकर कार्बाइड से पटाखा बना रहे थे और अपनी एक आंख क्षतिग्रस्त कर लिए।
अनेक की एक आंख समेत चेहरे का कुछ हिस्सा भी झुलसा है। उन्हें दवा देकर घर भेजा गया है। फालोअप में बुलाया गया है। दीपावली के दिन कार्बाइड से बैलून गन बनाते समय अपनी आंख क्षतिग्रस्त कर चुका गुलरिहा का किशोर गुरुवार को फालोअप में पहुंचा। प्राचार्य व नेत्र रोग विशेषज्ञ डा. रामकुमार जायसवाल ने उसकी जांच की। आंख काफी क्षतिग्रस्त हो गई है। कार्निया पूरी तरह खराब हो चुका है।
इसी तरह ये सभी युवक इंटरनेट मीडिया पर वीडियो देखकर कार्बाइड से पटाखा बनाने की कोशिश में झुलसे हैं। इनमें से 15 इमरजेंसी में पहुंचे थे, छह ओपीडी में आए। जिनका चेहरा भी झुलसा है, उन्हें आंख की दवा देने के साथ चर्म रोग विभाग में भी रेफर किया गया। डा. रामकुमार जायसवाल ने कहा कि इंटरनेट मीडिया पर वीडियो देखकर कुछ भी बनाना खतरनाक है। जिन किशोरों-युवकों की दृष्टि चली गई है, वह दोबारा नहीं लौटेगी।
बाल रोग विभाग में बच्चों को दिया गया उपहार
बीआरडी मेडिकल कालेज के बाल रोग विभाग में ओपीडी में आए व भर्ती बच्चों को दीपावली पर उपहार प्रदान किया गया। जो छोटे बच्चे हैं, उनके स्वजन को यह उपहार दिया गया। उपहार में मिठाई, नमकीन व अन्य खाद्य पदार्थ थे। प्राचार्य डा. रामकुमार जायसवाल ने उपहारों का वितरण किया।

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