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    गोरखपुर से कैलाश मानसरोवर यात्रा पर निकले सद्गुरु जग्गी वासुदेव, रामगढ़ताल को देख बोले- यह तो बहुत सुंदर है

    ईशा फाउंडेशन के संस्थापक जग्गी वासुदेव कैलाश मानसरोवर की यात्रा के लिए गोरखपुर पहुंचे। चार्टर्ड प्लेन से उतरकर वह रेडिसन ब्लू होटल गए और फिर बाइक से सोनौली होते हुए नेपाल के लिए रवाना हुए। उन्होंने होटल में भोजन नहीं किया और अपने साथ लाया भोजन किया। सद्गुरु पंचभूत सिद्धांत के प्रतिपादक हैं जिसमें पृथ्वी जल अग्नि वायु और आकाश शामिल हैं।

    By Durgesh Tripathi Edited By: Vivek Shukla Updated: Sun, 10 Aug 2025 10:17 AM (IST)
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    बाइक से कैलाश मानसरोवर की यात्रा पर नेपाल के लिए हुए रवाना। जागरण

    जागरण संवाददाता, गोरखपुर। ईशा फाउंडेशन के संस्थापक जगद्गुरु (जग्गी वासुदेव) कैलाश मानसरोवर की यात्रा शुरू करने के लिए शनिवार दोपहर गोरखपुर पहुंचे। मोहद्दीपुर स्थित होटल रेडिसन ब्लू में थोड़ी देर ठहरे जगद्गुरु को होटल के निदेशक सुरक्षा करुणेश मिश्र ने ऊपर से रामगढ़ताल दिखाया तो वह वाह कर उठे।

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    बोले, रामगढ़ताल बहुत सुंदर है। जगद्गुरु बाइक से सुरक्षा के बीच महराजगंज के सोनौली के लिए रवाना हुए। वहां से वह नेपाल चले गए।

    दोपहर 1:05 बजे जगद्गुरु चार्टर्ड प्लेन से गोरखपुर एयरपोर्ट पहुंचे। यहां से वह होटल रेडिसन ब्लू आए। होटल के स्टाफ को भी उनके आने की खबर नहीं थी। हालांकि, पुलिस को इसकी जानकारी दी गई थी।

    कैंट इंस्पेक्टर संजय कुमार सिंह के नेतृत्व में पुलिसकर्मी पहुंच गए थे। जगद्गुरु को बाइक से रवाना होना था। इसके लिए कर्नाटक के नंबर की बाइक (केए 04 केएक्स 3111) से रवाना हुए। पुलिस के वाहन सुरक्षा में चलते रहे। उनके साथ पांच चारपहिया और दो बाइक भी चलती रही। पीपीगंज, कैंपियरगंज होते हुए वह महराजगंज जिले की सीमा में पहुंचे।

    1158 सीसी की है बाइक

    जगद्गुरु जिस बाइक से गोरखपुर से सोनौली के लिए रवाना हुए वह 1158 सीसी क्षमता की है। कर्नाटक के बेंगलुरु नार्थ आरटीओ कार्यालय में चार अप्रैल, 2025 को बाइक का बालाजी सूर्यनारायणा के नाम से पंजीकरण हुआ है। बाइक से वह नेपाल के भैरहवां स्थित टाइगर रिजार्ट पहुंचे। यहां से रविवार सुबह काठमांडू रवाना होंगे। वहां से फिर कैलाश मानसरोवर की यात्रा शुरू करेंगे।

    होटल में नहीं किया भोजन

    एयरपोर्ट से उतरने के बाद जगद्गुरु रेडिशन ब्लू होटल में कुछ देर रुके। उन्होंने होटल का भोजन नहीं किया। अपने साथ लाया भोजन किया और फिर बाइकर्स का ड्रेस पहनकर होटल की लाबी में पहुंच गए। उनके आने की सूचना पर कई अनुयायी भी पहुंचे और आशीर्वाद लिया।

    पंचभूत का दिया है सिद्धांत

    सद्गुरु का जन्म तीन सितंबर, 1957 को मैसूर में हुआ है। वह ईशा फाउंडेशन नामक लाभरहित मानव सेवी संस्थान के संस्थापक हैं। ईशा फाउंडेशन भारत सहित संयुक्त राज्य अमेरिका, इंग्लैंड, लेबनान, सिंगापुर और आस्ट्रेलिया में योग सिखाता है। साथ ही साथ कई सामाजिक और सामुदायिक विकास योजनाओं पर भी काम करते हैं। इन्हें संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक परिषद विशेष सलाहकार की पदवी प्राप्त है।

    उन्होंने आठ भाषाओं में सौ से अधिक पुस्तकें लिखी हैं। वर्ष 2017 में भारत सरकार ने उन्हें सामाजिक सेवा के लिए पद्म विभूषण से सम्मानित किया है। सद्गुरु ने पंचभूत सिद्धांत दिया है। इन्हें पंचतत्व भी कहा जाता है। इनमें पांच मूल तत्व पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश शामिल हैं। ये तत्व न केवल ब्रह्मांड का निर्माण करते हैं, बल्कि मानव शरीर सहित सभी जीवित प्राणियों का भी आधार हैं।