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    Jagran Dev Deepawali: आस्था अथाह, सुबह से शाम तक भक्ति भाव में उतराता रहा जन मन

    By Jitendra PandeyEdited By: Vivek Shukla
    Updated: Thu, 06 Nov 2025 08:03 AM (IST)

    गोरखपुर के राप्ती तट पर दैनिक जागरण द्वारा आयोजित दीपोत्सव में आस्था का अद्भुत संगम देखने को मिला। सुबह से ही श्रद्धालु घाट पर उमड़ पड़े, दीये सजाए और भक्ति में लीन हो गए। रंगोलियों से सजे घाट और दीपों की रोशनी ने मनमोहक दृश्य प्रस्तुत किया। गोरखपुर सहित कई जिलों के लोगों ने दीप जलाकर राप्ती तट को रोशन किया, जिससे हर मन श्रद्धा से भर गया।

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    देव दीपावली पर दैनिक जागरण द्वारा गुरू गोरक्षनाथ घाट पर आयोजित दीपोत्सव कार्यक्रम का दीप जलाकर उदघाटन करते डुमरियागंज के सांसद जगदम्बिका पाल, साथ में विधायक विपिन सिंह, एडीजी मुथा अशोक जैन व अन्य। जागरण

    जितेन्द्र पाण्डेय, जागरण, गोरखपुर। राप्ती के गुरु गोरक्षनाथ घाट पर बुधवार का दिन भक्ति, आस्था और उत्साह का अद्भुत संगम बन गया। सूर्योदय के साथ ही जैसे ही श्रद्धालुओं का सैलाब घाट की ओर उमड़ा, हर कोई इस दिव्य आयोजन का हिस्सा बनने को आतुर दिखा। कोई दीया सजा रहा था, कोई उसमें बाती डाल रहा था, तो कोई तेल भरने में जुटा था। रंग-बिरंगी रंगोलियों से सजे घाट का हर कोना मानो स्वर्ग का दृश्य बन गया।

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    सुबह सात बजे से ही घाट पर ऐसा वातावरण बना कि जो भी आया, लौटने का मन नहीं हुआ। दीपोत्सव की तैयारी इतनी सजीव और मनभावन थी कि श्रद्धालुओं के कदम घाट से बंधकर रह गए। कोई कार्तिक पूर्णिमा का पुण्य स्नान करने आया था तो कोई केवल दीपों की इस अनुपम छटा को निहारने। लेकिन जैसे-जैसे सूरज ऊपर चढ़ा, हर कोई अपने आप को इस महापर्व की तैयारी में शामिल करने लगा।

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    दैनिक जागरण परिवार की ओर से आयोजित दीपोत्सव की तैयारियों ने सबका मन मोह लिया। श्रद्धालु स्वयं दीपों में तेल डालने और कतारों में दीप सजाने लगे। हर घंटे घाट का रूप निखरता गया, मानो भक्ति का सौंदर्य बढ़ता जा रहा हो। दोपहर तक जब दैनिक जागरण गोरखपुर 50 वर्ष की रंगोली दीपों से सजी, तो हर आंख श्रद्धा और गर्व से भर उठी।

    यह भी पढ़ें- Jagran Dev Deepawali: आस्था का आलोक, राप्ती के आंचल में उतरा देवलोक

    शाम होते-होते जब गोरखपुर, सिद्धार्थनगर, महराजगंज, देवरिया, कुशीनगर, बस्ती और संतकबीर नगर जिलों के जनप्रतिनिधि व नागरिक घाट पर पहुंचे तो उनके सामने श्रद्धा का अद्भुत संसार साकार था। ज्यों ही दीप प्रज्ज्वलन की शुरुआत हुई, पूरा घाट आस्था की ज्योति से आलोकित हो उठा। हर कोई दीप जलाने को आतुर था। वृद्ध हों या बच्चे, महिलाएं हों या युवक, सबकी आंखों में एक ही भाव था कि इस दीप में उनका भी अंश हो।

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    इस प्रकाश में उनका भी योगदान हो। शाम छह बजे तक राप्ती तट दीपों से इस कदर नहाया कि हर लहर मानो आस्था की झिलमिल में झूम उठी। श्रद्धा का यह दृश्य देख लोगों के हृदय में भक्ति का सागर उमड़ पड़ा। घाट पर खड़े हर व्यक्ति को लगा कि आज यहां आना ही उनके जीवन का सबसे पुण्य क्षण है।

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    सिद्धार्थनगर के धेन्सा गांव से आए करुणाकर मिश्रा सुबह से लेकर दीप जलने तक घाट पर डटे रहे। उन्होंने कहा कि ऐसा दिव्य दृश्य जीवन में पहली बार देखा है, मन पूर्णतः तृप्त हो गया। महराजगंज के विक्रम ने भी कहा, आज की शाम जीवन भर याद रहेगी। दीपों की यह गंगा देखकर लगा जैसे स्वयं देवता उतर आए हों।

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    पावन राप्ती तट पर दीपों से सजी यह भक्ति की अलौकिक ज्योति देखकर हर किसी का मन निहाल हो उठा। श्रद्धा की ऐसी गंगा में डुबकी लगाकर सभी ने यही कहा कि आज का दिन सार्थक हो गया। राप्ती ने सच में कर दिया रौशन हर मन।