Jagran Film Festival: 'प्रहलाद चाचा' से संवाद और 'द ताज स्टोरी' से फिल्मी मेले का हुआ आगाज
गोरखपुर में जागरण फिल्म फेस्टिवल का भव्य शुभारंभ हुआ। पहले दिन 'द ताज स्टोरी' दिखाई गई, जिसमें ताजमहल के रहस्य को दर्शाया गया है। अभिनेता फैसल मलिक ने दर्शकों के साथ अपने अनुभव साझा किए। फेस्टिवल में 'अप्पू', 'भ्रष्टाचार', 'छावा' समेत कई फिल्में दिखाई जाएंगी। प्रवेश नि:शुल्क है।

तीन दिवसीय जागरण फिल्म फेस्टिवल की एडी मॉल में हुई भव्य शुरुआत। जागरण
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। दुनिया के सबसे बड़े घुमंतू फिल्म समारोह 'जागरण फिल्म फेस्टिवल' का शुक्रवार को शहर के एडी माल में भव्य आगाज हो गया। समाज को गहरा संदेश देने वाली फिल्मों का तीन दिनी मेला सज गया। फिल्मों के प्रदर्शन के साथ फिल्मी चर्चा का क्रम भी शुरू हो गया।
पहले दिन दो फिल्में दिखाई गईं। दोनों ही फिल्में सिने प्रेमियों के दिल को छू गईं। एक सत्र में हिट वेब सीरीज 'पंचायत' फेम अभिनेता फैसल मलिक उर्फ प्रहलाद चाचा से संवाद का अवसर मिला तो दर्शकों का दिल बाग-बाग हो गया। उनका फिल्मी अनुभव सुनने को मिला। कई अनुभव पर जमकर ठहाका लगा।
फेस्टिवल के शुभारंभ अवसर पर जागरण गोरखपुर के महाप्रबंधक प्रवीण कुमार ने रजनीगंधा के जोनल हेड मार्केटिंग शशिकांत मिश्र और रीजनल सेल्स मैनेजर अभयनाथ शुक्ल के साथ मां सरस्वती का वंदन किया। इसी क्रम में संस्थान के संस्थापक पूर्णचन्द्र गुप्त, पूर्व प्रधान संपादक नरेन्द्र मोहन और पूर्व चेयरमैन योगेन्द्र मोहन के चित्र पर माल्यार्पण कर उपस्थित जनसमूह का अभिनंदन किया। फिर शुरू हुआ फिल्मों के प्रदर्शन का सिलसिला।
पहली फिल्म के रूप में 'द ताज स्टोरी' दिखाई गई। करीब तीन घंटे की फिल्म से दर्शक तबीयत से जुड़े। पूरी फिल्म अपलक देखते रहे। फिल्म की कहानी साल 1959 के आगरा से शुरू होती है। ताजमहल के निचले हिस्से में मरम्मत का काम चल रहा होता है।
दीवार की एक दरार को दुरुस्त करने के लिए जैसी ही ईंटें निकाली जाती हैं, उसके पीछे की चीजें देखकर वहां मौजूद लोगों के होश उड़ जाते हैं। कहानी वहां से साल 2023 तक पहुंचती है। फिल्म देखने के बाद लोग परेश रावल के प्रभावी अभिनय की चर्चा करते दिखे। इतिहास की सच्चाई उजागर करवाने वाली कहानी बताते दिखे।

दूसरा सत्र संवाद के नाम रहा। इसमें दर्शकों को अभिनेता फैसल मलिक का साथ मिला। सवाल-जवाब के क्रम में उन्होंने प्रशंसकों के साथ अपने फिल्मी जीवन संघर्ष को साझा किया। साथ ही भविष्य की योजना भी बताई। युवाओं को फिल्मों में सफलता हासिल करने की राह भी दिखाई। एक घंटे के संवाद सत्र के दौरान पूरा हाल खचाखच भरा रहा। दर्शकाें को हर सवाल का अभिनेता से माकूल जवाब मिला।
पहले दिन का समापन फिल्म ब्लाडर चैप्टर-1 के प्रदर्शन के साथ हुआ। एक जोड़े के फार्महाउस पर कुछ समय बिताने के लिए हिल स्टेशन जाने और एक रहस्यमयी व्यक्ति से परेशान होने की कहानी जैसे-जैसे बढ़ती गई, लोग फिल्म से जुड़ते गए। इस फिल्म की मिस्ट्री दर्शकों को खूब भाई। फिल्म देर रात तक चली लेकिन दर्शक इसकी परवाह किए बिना सिनेमा हाल में जमे रहे।
आज की फिल्में
- सुबह 09:00 बजे : अप्पू
- सुबह 10:45 बजे : गोल्डेन होरिजन एंड रिफ्लेक्शन आफ छठ पूजा
- दोपहर 12 बजे : भोजपुरी फिल्म 'भ्रष्टाचार'
- शाम 3:45 बजे : छावा
- शाम 6:30 बजे : पापाज फिल्म
- रात 8:15 बजे : रेंडम यमाम
हाथी के बच्चे 'अप्पू' का संघर्ष दिखाएगी फिल्म
फिल्म 'अप्पू' में देखने को मिलेगा कि हाथी का बच्चा अप्पू अपने पिता को शिकारियों के चंगुल से बचाने के लिए समुद्र और खतरनाक जंगल की यात्रा करता है। इसमेें उसे वफादार कुत्ते, बाघ और बच्ची नीना की मदद मिलती है। इसके जरिये उसे अपनी असाधारण क्षमता का पता चलता है।
निडर पत्रकार की कहानी है फिल्म 'भ्रष्टाचार'
भोजपुरी एक्शन-ड्रामा फिल्म 'भ्रष्टाचार' एक निडर पत्रकार पर केंद्रित है, जो अकेले ही एक शक्तिशाली, भ्रष्ट व्यवस्था और राजनेताओं से लोहा लेता है। जिन ताकतों का वह विरोध करता है, उन्हीं द्वारा उसे फंसाया जाता है। यह फिल्म अन्याय के खिलाफ लड़ाई दिखाने वाली है। हौसला बढ़ाने वाली है।
मुराठा-मुगल संघर्ष की कहानी है 'छावा'
हिंदी फीचर फिल्म ''''छावा'''' मराठा-मुगल संघर्ष की कहानी है। फिल्म में दिखाया गया है कि छत्रपति शिवाजी की मृत्यु के बाद मराठा-मुगल संघर्ष छिड़ जाता है। उनके पुत्र संभाजी औरंगज़ेब की सेनाओं के विरुद्ध प्रतिरोध का नेतृत्व करते हैं। युद्ध और षड्यंत्रों के बीच, दोनों पक्ष सत्ता के संघर्ष में चुनौतियों का सामना करते हैं।
जिम्मेदारी से भागने की कहानी है 'पापाज फिल्म'
इस फिल्म में एक पारिवारिक व्यवसाय ध्वस्त हो जाता है और दिवालिया होने के कगार पर पहुंच जाता है। परिवार का मुखिया इस वास्तविकता से बचना चाहता है और अपने परिवार को एक पहाड़ी स्टेशन पर बजट अनुकूल छुट्टी पर ले जाना चाहता है और उन्हें उनके अपरिहार्य पतन के लिए तैयार करना चाहता है।
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छठ की संगीतमय कहानी है 'गोल्डन होराइज़न्स'
'गोल्डन होराइज़न्स'''' महापर्व छठ को मनाने का संगीतमय वृत्तचित्र है। अद्भुत दृश्यों, संगीत और व्यक्तिगत कहानियों का मिश्रण यह फिल्म भक्तों की भक्ति, सूर्योदय और सूर्यास्त के समय के पवित्र अनुष्ठानों और त्योहार के सांस्कृतिक महत्व को दर्शाती है। उत्सव का एक अंतरंग और भव्य चित्रण प्रस्तुत करती है।
प्रतिशोध की श्रृंखला है 'रेंडम यमाम'
मलेयालम फिल्म 'रेंडम यमाम' में दिखाया गया है कि घातक सर्पदंश के बाद सुदूर गांव में सोफिया नाम की एक महिला का जीवन खतरे में पड़ जाता है। एक प्रसिद्ध तांत्रिक का बेटा उसे बचाने के लिए आगे आता है, लेकिन उसके बुरे इरादों के कारण प्राचीन रहस्यवाद और प्रतिशोध से भरी घटनाओं की एक श्रृंखला शुरू हो जाती है।
क्यूआर कोड से पंजीकरण प्रवेश निश्शुल्क
जागरण फिल्म फेस्टिवल में शामिल होने के लिए आप इस क्यूआर कोड को स्कैन कर सकते हैं। इसके जरिये अपना पंजीकरण करा सकेंगे। फिल्म फेस्टिवल में प्रवेश शुल्क निश्शुल्क है।


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