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    नासा से जुड़कर मुनाफा पाने का झांसा देकर करोड़ो ठगने वाला गिरफ्तार, लखनऊ-कानपुर में भी फैलाया था जाल

    Updated: Tue, 11 Nov 2025 08:09 AM (IST)

    गोरखपुर पुलिस ने नासा के नाम पर करोड़ों की ठगी करने वाले सुकांता सुब्रत बनर्जी को कोलकाता से गिरफ्तार किया है। उसने निवेशकों को नासा में निवेश करने पर भारी मुनाफे का लालच दिया था और फर्जी दस्तावेज दिखाए थे। गोरखपुर और देवरिया में उसके खिलाफ कई मुकदमे दर्ज हैं। पुलिस उसके साथियों की तलाश कर रही है और पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश करने में जुटी है।

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    जागरण संवाददाता, गोरखपुर। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के नाम पर ठीकेदार समेत तीन लोगों से करोड़ों रुपये की ठगी करने वाला जालसाज सुकांता सुब्रत बनर्जी आखिरकार गाेरखपुर पुलिस के हत्थे चढ़ गया।रामगढ़ताल थाना पुलिस ने उसे कोलकाता से गिरफ्तार किया। साेमवार को उसे गोरखपुर लाया गया,पूछताछ कर दोपहर बाद उसे न्यायालय में पेश किया गया जहां से जेल भेज दिया गया। उसके साथियों की तलाश चल रही है।

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    कोलकाता के बारानगर स्थित समर्पण अपार्टमेंट,गोपाललाल ठाकुर रोड पर रहने वाले सुकांता सुब्रत बनर्जी ने खुद को नासा और परमाणु ऊर्जा से जुड़ी अंतरराष्ट्रीय कंपनी का समन्वयक बताकर निवेशकों को एक रुपये पर दो वर्ष में 100 रुपये तक मुनाफा मिलने का लालच दिया था।

    उसने नासा, पीएमओ और रिजर्व बैंक के फर्जी दस्तावेज दिखाकर देशभर के लोगों से करोड़ों रुपये वसूले। गोरखपुर में ही उसके खिलाफ तीन मुकदमे दर्ज हैं, जबकि देवरिया में पांच केस पंजीकृत हैं। लखनऊ, कानपुर और कोलकाता में भी उसके विरुद्ध धोखाधड़ी, कूटरचना और आपराधिक साजिश के मुकदमे दर्ज हैं।

    तारामंडल क्षेत्र के क्षेत्र के शिवाजी नगर निवासी मदन मोहन शुक्ला सिंचाई विभाग में ठीकेदारी करते हैं। रामगढ़ताल थाना में उन्होंने प्रार्थना पत्र देकर बताया था कि मार्च 2018 में उनकी मुलाकात कानपुर के सिंधी कालोनी निवासी सुरेश रमानी के माध्यम से लखनऊ महानगर सचिवालय कालोनी के अमित कुमार नंदी और कोलकाता के सुकांता बैनर्जी से हुई थी।

    सुकांता ने खुद को नासा से संबद्ध एक विज्ञानी प्रोजेक्ट का चीफ कोकार्डिनेटर बताते हुए दुर्लभ रेडियोधर्मी धातुओं और स्पेस उपकरणों की खरीद-फरोख्त में निवेश कराने का प्रस्ताव रखा। उसने कहा कि यह अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिक निवेश परियोजना है, जिसमें लाभांश नासा के वैज्ञानिक अनुबंध से जुड़ा है।

    ठीकेदार को उसने नासा, पीएमओ, रिजर्व बैंक और एक्सिस बैंक के कथित प्रमाणपत्र और लेटरहेड दिखाए। विश्वास में आकर ठेकेदार ने 80 लाख रुपये का निवेश कर दिया। रकम सुकांता बैनर्जी, चंडीचरण अधिकारी और शालिनी नासकर को दी गई। कुछ महीनों बाद जब ठीकेदार ने लाभांश के बारे में पूछा तो सुकांता ने बहाने बनाने शुरू कर दिए।

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    धीरे-धीरे उसने फोन उठाना भी बंद कर दिया। ठीकेदार को बाद में पता चला कि लखनऊ, देवरिया, वाराणसी और कोलकाता में भी कई लोगों से सुकांता ने करोड़ों रुपये वसूले हैं।एसपी सिटी अभिनव त्यागी ने बताया कि सुकांता के साथियों की तलाश चल रही है।जल्द ही उन्हें गिरफ्तार कर पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश किया जाएगा।सुकांता पर लखनऊ के महानगर थाने में वर्ष 2019 में दर्ज हुए जालसाजी के मुकदमे में 10 हजार का इनाम घोषित है।

    ठीकेदार ने सीबीआइ मुख्यालय में की थी शिकायत
    मदन मोहन शुक्ला ने जब रुपये वापस करने के लिए कहा तो सुकांता ने धमकी दी कि जो करना है कर लो, मैं कुछ नहीं दूंगा। इसकी शिकायत ठीकेदार ने सीबीआइ मुख्यालय में जाकर की थी। जांच के दौरान सामने आया कि सुकांता ने देश के विभिन्न हिस्सों में फर्जी कंपनियां और एनजीओ बनाकर निवेशकों को ठगा है। उसका नेटवर्क लखनऊ, कानपुर और कोलकाता तक फैला है।

    कोलकाता से हुआ गिरफ्तार, नेटवर्क की चल रही जांच:
    रामगढ़ताल थाना पुलिस की टीम ने लंबे समय से उसकी तलाश कर रही थी। सूत्रों के अनुसार, गिरफ्तारी से पहले सुकांता ने लखनऊ स्थित अपना मकान बेच दिया था और कोलकाता जाकर छिप गया था।वहीं से वह ऑनलाइन माध्यम से निवेशकों से संपर्क बनाए रखता था।