पूर्वोत्तर रेलवे में एक ही पद पर वर्षों से जमे कर्मचारियों की तैयार हो रही कुंडली, सूचना मिलते ही मचा हड़कंप
पूर्वोत्तर रेलवे में सालों से एक ही पद पर जमे कर्मचारियों का ब्यौरा तैयार किया जा रहा है। इस कवायद से कर्मचारियों में हड़कंप मच गया है। रेलवे प्रशासन यह पता लगाने की कोशिश कर रहा है कि क्या इन कर्मचारियों की वजह से कोई अनियमितता हो रही है। कर्मचारी अपनी जानकारी दुरुस्त करने में जुट गए हैं।

गोरखपुर रेलवे स्टेशन। जागरण
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। पूर्वोत्तर रेलवे में एक ही पद पर वर्षों से जमे कर्मचारियों की कुंडली तैयार होगी। पूर्वोत्तर रेलवे के नवागत प्रमुख मुख्य कामिर्क अधिकारी (पीसीपीओ) ने मुख्यालय गोरखपुर के विभिन्न विभागों, अनुभागों, कारखानों व स्कूलों में लिपिकीय संवर्ग में तैनात कार्मिक कर्मचारियों का पूरा विवरण मांगा है। इसके लिए पीसीपीओ ने एक प्रोफार्मा भी तैयार किया है, जिसमें सभी कर्मचारियों का विवरण दर्ज किया जाएगा।
प्रोफार्मा में कर्मचारी का नाम, पद, पद लेवल, अनुभाग में कब से कार्यरत हैं, वर्तमान आवंटित कार्य कब से कर रहे हैं आदि जानकारियों भरी जाएंगी। उप मुख्य कार्मिक अधिकारी (मुख्यालय) ने सभी विभागों, डिपो, कारखानों से 31 अक्टूबर तक कर्मचारियों का विवरण उपलब्ध कराने के लिए निर्देशित किया है।
पीसीपीओ के फरमान के बाद कार्मिक विभाग और कर्मचारियों के बीच हड़कंप मचा है। अन्य विभागों में भी यह फरमान चर्चा का विषय बना हुआ है। चर्चा है कि कार्मिक ही नहीं सभी प्रमुख विभागों में तैनात कर्मचारियों की कुंडली तैयार की जाएगी।
दरअसल, कार्मिक विभाग आजकल चर्चा में है। कार्मिक विभाग ने 30 सितंबर को सहायक कार्मिक अधिकारी ग्रुप बी 70 प्रतिशत चयन के लिए आयोजित साक्षात्कार निरस्त कर दिया था। कार्मिक विभाग ने अपरिहार्य प्रशासनिक कारणों से साक्षात्कार निरस्त करने का हवाला दिया था, लेकिन साक्षात्कार में अनियमितता मिली थी।
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पैनल में चयनित अधिकारियों के अलावा अन्य अधिकारी भी साक्षात्कार में बैठे थे, मामला प्रकाश में आया तो कार्मिक विभाग ने आनन- फानन साक्षात्कार को निरस्त कर दिया। कुछ दिन बाद ही रेलवे बोर्ड ने तत्कालीन पीसीपीओ को मेडिकल लीव पर भेज दिया। उनकी जगह मनोज कुमार नए प्रमुख मुख्य कार्मिक अधिकारी बनाए हैं, जो अपने हिसाब से कार्मिक विभाग की कार्य प्रणाली को संचालित कर रहे हैं।
जानकारों का कहना है कि कार्मिक विभाग के अलावा रेलवे के स्कूलों, कारखानों और डिपो में कई कर्मचारी ऐसे हैं जो चार से 15 वर्ष से एक ही पद पर जमे हैं। मुख्यालय के अलावा पुल और गोरखपुर एरिया में तैनात लिपिकीय संवर्ग के कर्मचारी वर्षों से महत्वपूर्ण पदों पर तैनात हैं। यद्यपि, इनकी शिकायत होती रहती है, लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं है। कार्मिक पदों पर बैठक कर्मचारी अपने हिसाब से विभागों को संचालित कर रहे हैं।

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