रेलवे में 46 श्रेणी के सुपरवाइजरों का पीसीओ एलाउंस बंद, बोर्ड ने जारी किया दिशा-निर्देश
रेलवे बोर्ड ने उत्पादन इकाइयों में कार्यरत 46 श्रेणी के सुपरवाइजरों का पीसीओ एलाउंस बंद कर दिया है। यह नियम लेवल-7 से लेवल-8 और फिर लेवल-9 में अपग्रेड होने वाले कर्मचारियों पर लागू होगा। हालांकि, लेवल-8 तक मिले एलाउंस की वसूली नहीं होगी। बोर्ड का कहना है कि अपग्रेडेशन वेतन वृद्धि से जुड़ा है, तकनीकी जिम्मेदारी से नहीं। इस फैसले से सुपरवाइजरों में निराशा है। यह निर्देश 1 सितंबर 2025 से लागू होगा।

लेवल- 9 पर अपग्रेड होते ही बंद हो जाएंगे नेशनल हाली डे और नाइट ड्यूटी एलाउंस का लाभ। जागरण
प्रेम नारायण द्विवेदी, गोरखपुर। रेलवे की उत्पादन इकाइयों (यांत्रिक कारखाना, सिग्नल कारखाना, पुल कारखाना, लोको कारखाना और अनुसंधान केंद्रों आदि) में तैनात 46 श्रेणी के सुपरवाइजरों का पीसीओ (प्रोडक्शन कंट्रोल आर्गनाइजेशन) एलाउंस बंद हो गया है। रेलवे बोर्ड ने एक ताजा आदेश जारी करके साफ कर दिया है कि लेवल- 7 से अपग्रेड होकर लेवल-8 और उसके बाद नान फंक्शनल लेवल- 9 तक पहुंचने वाले सुपरवाइजरों को पीसीओ एलाउंस नहीं मिलेगा।
राहत की बात यह है कि लेवल- 8 में अपग्रेड के बाद जिन कर्मचारियों को पीसीओ एलाउंस दिया गया है, उनसे इसकी कोई रिकवरी नहीं होगी। यद्यपि, सुपरवाइजर्स को नेशनल हाली डे एलाउंस और नाइट ड्यूटी एलाउंस का लाभ मिलता रहेगा, लेकिन जैसे ही वे लेवल-9 तक पहुंचेंगे यह भत्ते भी बंद हो जाएंगे।
रेलवे बोर्ड के ज्वाइंट डायरेक्टर (पे कमीशन एंड एचआरएमएस) जय कुमार जी ने भारतीय रेलवे के सभी क्षेत्रीय व उत्पादन इकाइयों के महाप्रबंधकों को पत्र लिखकर 46 श्रेणी के सुपरवाइजरों को दो स्तरीय अपग्रेडेशन के बाद दिए जा रहे भत्तों के भुगतान को लेकर आवश्यक स्पष्ट आदेश जारी कर दिया है। रेलवे बोर्ड की यह व्यवस्था लेवल- 7 से लेवल- 8 और आगे चार वर्ष की सेवा पर नान फंक्शनल लेवल- 9 में अपग्रेड होने वाले कर्मचारियों पर लागू होगी।
ज्वाइंट डायरेक्टर का कहना है कि उत्पादन इकाइयों में कार्य करने वाले कर्मचारियों को पीसीओ एलाउंस इसलिए मिलता रहा है कि वे उत्पादन से जुड़ी योजना, निगरानी और गुणवत्ता नियंत्रण जैसे महत्वपूर्ण कार्य संभालते हैं। लेकिन रेलवे बोर्ड के नियमों के तहत जब कई सुपरवाइजर लेवल- 7 से लेवल- 8 में अपग्रेड हुए, तो सवाल उठने लगे कि क्या वे आगे भी पीसीओ एलाउंस पाएंगे।
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भारतीय रेलवे स्तर पर उत्पादन इकाइयों में असमंजस की स्थिति बन गई थी। असमंजस व उलझन को दूर करने के लिए ही स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए जा रहे हैं। बोर्ड का कहना है कि अपग्रेडेशन कैरियर प्रगति और उच्च वेतन संरचना से जुड़ा है। न कि प्रोडक्शन कंट्रोल आर्गनाइजेशन की तकनीकी जिम्मेदारियों से। ऐसे में अपग्रेडेशन के बाद यह माना गया है कि पीसीओ एलाउंस देना उचित नहीं है।
यह निर्देश एक सितंबर 2025 से लागू होंगे। जिन कर्मचारियों को पीसीओ एलाउंस दे दिया गया है, उनसे एलाउंस की वापसी नहीं होगी। रेलवे बोर्ड का यह फैसला हजारों सुपरवाइजरों को सीधे प्रभावित करेगा। इसको लेकर सुपरवाइजरों में निराशा है। उनका कहना है कि अपग्रेडेशन के बाद भी वे तकनीकी कार्य से जुड़े रहते हैं।
एनई रेलवे मजदूर यूनियन के महामंत्री केएल गुप्ता कहते हैं कि रेलवे बोर्ड ऐसे ही धीरे-धीरे भत्तों को समाप्त कर देगा। मिलने वाले भत्ते, कर्मचारियों के अधिकार हैं। भत्तों को छीना नहीं जा सकता। यह रेलवे को निजी हाथों में सौंपने की साजिश है।

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