गोरखपुर से मऊ तक बनेंगे अंडरपास, इस वजह से NHAI ने लिया फैसला
गोरखपुर-वाराणसी राजमार्ग पर हादसों को रोकने के लिए एनएचएआई कई अंडरपास बनाएगा। मऊ तक अंडरपास बनाने के प्रस्ताव पर मुख्यालय से पूछे गए सवालों के जवाब भेज दिए गए हैं, और जल्द ही स्वीकृति मिलने की उम्मीद है। राजमार्ग पर यातायात बढ़ने और पहले से बने अंडरपास कम होने के कारण यह निर्णय लिया गया है। सुरक्षा के लिए लगाई गई बैरिकेडिंग हटाने वालों पर कार्रवाई होगी।

जागरण संवाददाता, गोरखपुर। गोरखपुर-वाराणसी राजमार्ग पर हादसों को रोकने के लिए जगह-जगह अंडरपास बनाए जाएंगे। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) ने अंडरपास बनाने की प्रक्रिया तेज कर दी है। मऊ तक अंडरपास बनाने के लिए भेजे गए प्रस्ताव पर मुख्यालय ने कुछ सवाल किए थे।
अधिकारियों ने अध्ययन कर इन सवालों का जवाब दे दिया है। माना जा रहा है कि जल्द ही अंडरपास बनाने की स्वीकृति मिल जाएगी। गोरखपुर-वाराणसी राजमार्ग का वर्षों पहले काम शुरू हुआ था। उस समय इस मार्ग पर यातायात का दबाव कम था। आसपास के गांवों की आबादी कम होने से लोगों का आना-जाना भी कम थे लेकिन जैसे-जैसे राजमार्ग का काम पूरा होता गया, यातायात का दबाव बढ़ने के साथ ही आसपास के गांवों की आबादी ने भी इसी रास्ते से गोरखपुर और अन्य स्थानों पर आना-जाना शुरू किया।
पहले के यातायात के हिसाब से कुछ जगहों पर ही अंडरपास बनाए गए थे। अब यातायात बढ़ने से रोजाना कहीं न कहीं हादसा हो रहा है। इसे देखते हुए अंडरपास बनाने की लंबे समय से मांग हो रही है। एनएचएआइ ने सुरक्षा के लिए कई जगहों पर बैरिकेडिंग लगाई है लेकिन लोग इसे हटाकर आ-जा रहे हैं। इससे भी हादसे बढ़ रहे हैं।
एनएचएआइ के परियोजना निदेशक ललित प्रताप पाल ने कहा कि प्रस्ताव पर मांगे गए जवाबों को भेजा जा चुका है। स्वीकृति मिलने के बाद आगे की प्रक्रिया की जाएगी। लोगों की सुरक्षा के लिए जगह-जगह बैरिकेडिंग की गई है। इसे हटाने वालों के खिलाफ कार्रवाई के लिए पत्र लिखा जाएगा।

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