Updated: Tue, 09 Sep 2025 04:11 PM (IST)
गोरखपुर में एक अनोखा मामला सामने आया है जहां दो व्यक्तियों का पैन कार्ड नंबर एक ही पाया गया है। अधिवक्ता संजय कुमार मिश्र के पैन कार्ड पर दूसरे व्यक्ति के खाते में लाखों का लेनदेन हुआ। आयकर विभाग इस मामले की जांच कर रहा है कि दो लोगों को एक ही पैन कार्ड कैसे जारी हो गया।
सुनील सिंह, गोरखपुर। दो व्यक्तियों के नाम, जन्मतिथि और पिता का नाम तो संयोगवश समान सकता है। लेकिन पैनकार्ड का नंबर एक होना लापरवाही या साजिश का संकेत है।
गोरखपुर के अधिवक्ता संजय कुमार मिश्र को 17 वर्ष बाद पता चला कि उनका पैन कार्ड नंबर दूसरे को भी जारी हुआ है। यही नहीं बैंक आफ महाराष्ट्र के बैंक खाते में लाखों की नगद जमा-निकासी में उनके पैनकार्ड नंबर ATEPM3237C पर हुई है।
विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
छानबीन में स्पष्ट हुआ कि बैंक खाता तो बस्ती के संजय कुमार मिश्रा का है, लेकिन पैनकार्ड नंबर समान है। अंतर सिर्फ पता और जारी वर्ष में है। दो व्यक्तियों को एक पैनकार्ड नंबर कैसे जारी हो गया, आयकर विभाग के अधिकारी इसकी जांच करा रहे हैं।
चौरी चौरा के रामपुर रकबा निवासी संजय कुमार मिश्र दीवानी न्यायालय में अधिवक्ता हैं। अधिवक्ता ने बताया कि आयकर विभाग ने 14 मार्च, 2008 को उन्हें ATEPM3237C नंबर का पैनकार्ड जारी किया। इसी पैनकार्ड पर वह आयकर रिटर्न दाखिल करते हैं।
दस दिन पूर्व रिटर्न दाखिल करने पर पता चला कि उनके पैनकार्ड नंबर पर 15.75 लाख रुपये बचत खाता में नगद जमा हुआ है। इसमें से 13 लाख रुपये की एफडी (फिक्स डिपाजिट) की गई है।
अधिवक्ता ने बैंक आफ महाराष्ट्र की गोलघर शाखा में संपर्क किया तो बताया गया कि मामला बस्ती जनपद से संबंधित है। मंगलवार को अधिवक्ता बस्ती पहुंचे।
खाते की जांच में पता चला कि दोनों पैनकार्ड का नंबर एक ही है, बस पता अलग है। खाते में लगाया गया पैनकार्ड 11 फरवरी 2009 को जारी किया गया है। यद्यपि पैनकार्ड पर नाम, पिता का नाम, जन्मतिथि एक ही है।
आधार कार्ड से पता चला कि दूसरा व्यक्ति बस्ती का रहने वाला है। एक नंबर से दो पैनकार्ड जारी नहीं हो सकता। भारत सरकार के वित्त मंत्री व आयकर विभाग के अधिकारियों से इसकी शिकायत करेंगे।
शाखा प्रबंधक ने नहीं बताया खाता नंबर
बैंक आफ महाराष्ट्र की बस्ती शाखा के प्रबंधक ने अधिवक्ता को खाता नंबर का डिटेल नहीं बताया। उनके आवेदन पर एक पत्र लिखकर दिया। इसमें उन्होंने लिखा है कि जिस संजय कुमार मिश्र का खाता है, वह बस्ती के रहने वाले हैं और वर्ष 2009 के अप्रैल से खाता संचालित हो रहा है। रामपुर रकबा के संजय कुमार मिश्र से इसका कोई संबंध नहीं है।
यह अपने तरह का अलग मामला है। एक नंबर से दो लोगों को पैनकार्ड जारी नहीं होता है। जिनका पैनकार्ड पहले जारी हुआ है, उन्हीं का मान्य होगा। उनके नंबर पर दूसरा पैनकार्ड बन गया है तो वह प्रधान आयकर आयुक्त के नाम से प्रार्थना दें। पूरे मामले की जांच कराई जाएगी। बाद में बने पैनकार्ड को निरस्त करा दिया जाएगा। उनके आवेदन पर दोबारा पैनकार्ड बनाने की कार्रवाई होगी।
-गौरव प्रकाश, इनकम टैक्स अधिकारी, गोरखपुर
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।