UP में छठ घाटों पर गूंजने लगे श्रद्धा के गीत, रील बनाने वाले लोगों ने बढ़ाई तैयारियों की रौनक
उत्तर प्रदेश में छठ पूजा की तैयारियां पूरे जोर शोर से चल रही हैं। घाटों पर श्रद्धा के गीत गूंज रहे हैं, जिससे वातावरण भक्तिमय हो गया है। रील्स बनाने वाले लोगों ने भी घाटों पर आकर तैयारियों की रौनक बढ़ा दी है, जिससे उत्सव का माहौल और भी जीवंत हो गया है। युवा पीढ़ी में रील्स बनाने का क्रेज है, और वे छठ घाटों पर रील्स बनाकर इस उत्सव को और भी लोकप्रिय बना रहे हैं।

राप्ती नदी के तट राजघाट पर छठ पूजा पर रील बनाती युवती पारूल़ कनक लता मिश्रा व अमरनाथ मिश्र। पंकज श्रीवास्तव
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। लोक आस्था के महापर्व छठ से पहले ही घाटों पर श्रद्धा और भक्ति का माहौल बन गया है। राप्ती नदी किनारे गुरु गोरक्षनाथ घाट पर छठी मईया के गीतों की मधुर धुन गूंज रही है।
घाटों पर पूजा की तैयारी के साथ ही रील बनाने वालों की भी चहल-पहल बढ़ गई है। फिल्मों के सेट की तरह सजे-संवरे घाटों पर श्रद्धालु और कलाकार मिलकर पारंपरिक गीतों पर रील बनाते दिख रहे हैं।
शनिवार को गुरु गोरक्षनाथ घाट पर पारूल, कनकलता और अमरनाथ मिश्रा सहित कई कलाकारों ने केलवा के पात पर उगेले सुरुज देव , पटना के घाट पर हमहूं अरगिया देहब हे छठी मैया और उग हो सुरुज देव अरघ के बेरिया जैसे लोकप्रिय छठ गीतों पर रील शूट की।
कलाकारों ने बताया कि वे पहले गीतों और लोकेशन का चयन कर शूटिंग की योजना बनाते हैं। इसके लिए उच्च गुणवत्ता वाले कैमरे और आधुनिक वीडियो संपादन तकनीक का प्रयोग किया जा रहा है, ताकि छठ पूजा की परंपरा को आधुनिक माध्यमों से दुनिया तक पहुंचाया जा सके।
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शहर के मोहल्लों में भी भक्ति का माहौल नजर आने लगा है। सुबह-सुबह पहिले पहिले बानी कईली छठी मंईया और कांच ही बांस के बहंगिया, बहंगी लचकत जाए जैसे गीतों की धुन गली-गली में सुनाई दे रही है। घरों और आंगनों में साफ-सफाई के साथ सजावट हो रही है।
महिलाएं सूप, दौरा और फल-सामग्री की तैयारी में जुटी हैं। रोहिन नदी के डोमिनगढ़, रामगढ़ताल और महेसरा सहित अन्य घाटों पर भी श्रद्धालु सजावट और व्यवस्था में लगे हैं। वहीं लोगों में रील बनाकर छठ पर्व की भावना को साझा करने का उत्साह खूब दिख रहा है।

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