यूपी में 22 हजार बिजली उपभोक्ताओं के बचेंगे 47.30 करोड़, इस योजना से मिलेगी बड़ी राहत
उत्तर प्रदेश में बिजली उपभोक्ताओं के लिए एक महत्वपूर्ण सूचना है। यदि बकाया राशि जमा करने के लिए पंजीकरण कराने के बाद भी भुगतान नहीं किया जाता है, तो उपभोक्ता को डिफ़ॉल्टर घोषित कर दिया जाएगा। किस्तों में भुगतान न करने पर अतिरिक्त शुल्क लगेगा और लगातार चार किस्तें चूकने पर डिफ़ॉल्टर घोषित कर दिया जाएगा।

जागरण संवाददाता, गोरखपुर। एकमुश्त समाधान योजना के दायरे में महानगर के 22 हजार 924 बिजली उपभोक्ता आ रहे हैं। इन पर 73 करोड़ 93 लाख 60 हजार रुपये बकाया है। इस बकाया में 38 करोड़ 80 लाख 39 हजार रुपये सरचार्ज है।
यदि उपभोक्ताओं ने एकमुश्त भुगतान कर दिया तो सरचार्ज पूरी तरह माफ हो जाएगा और मूल बकाया में से 25 प्रतिशत की अलग से छूट मिलेगी। यानी उपभोक्ताओं को तकरीबन 47 करोड़ 30 लाख रुपये का फायदा होगा। सबसे ज्यादा बकाया टाउनहाल खंड में है। यहां बिजली बिल का कभी भुगतान न करने वाले उपभोक्ताओं की संख्या भी सबसे ज्यादा है।
बिजली निगम ने एक दिसंबर से एकमुश्त समाधान योजना की घोषणा की है। इसमें बकाया भुगतान के तीन विकल्प दिए गए हैं। पहला विकल्प एकमुश्त भुगतान, दूसरा 750 रुपये मासिक किस्त में भुगतान और तीसरा पांच सौ रुपये मासिक किस्त में भुगतान है। हर विकल्प के लिए एक-एक महीने का समय दिया गया है।
दो किलोवाट क्षमता के घरेलू कनेक्शन और एक किलोवाट क्षमता के वाणिज्यिक कनेक्शन वाले उपभोक्ताओं को इस योजना में शामिल किया गया है। उपभोक्ता ने प्रथम चरण में पंजीकरण कर 30 दिन में भुगतान कर दिया तो उसे मूल बकाये में 25 प्रतिशत, दूसरे चरण में पंजीकरण कर 30 दिन में भुगतान पर मूल बकाये में 20 प्रतिशत और तीसरे चरण में मूल बकाये में भी 15 प्रतिशत का लाभ मिलेगा।
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अप्रैल से नहीं किया भुगतान
महानगर में 22 हजार 924 उपभोक्ताओं ने अप्रैल से अब तक बिजली बिल का भुगतान नहीं किया है। इनमें 2584 उपभोक्ता ऐसे हैं जिन्होंने कनेक्शन लेने के बाद आज तक भुगतान नहीं किया है।
बकाया जमा करने के लिए उपभोक्ता ने पंजीकरण करा लिया लेकिन रुपये नहीं जमा किया तो डिफाल्टर घोषित किया जाएगा। एक किस्त न देने पर 50 रुपये, लगातार दो किस्त न देने पर 150 रुपये और लगातार तीन किस्त न देने पर तीन सौ रुपये की अतिरिक्त राशि उपभोक्ता को देनी होगी। लगातार चार किस्त न देने पर उपभोक्ता को डिफाल्टर घोषित कर दिया जाएगा।
-लोकेंद्र बहादुर सिंह, अधीक्षण अभियंता शहर

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