Indian Railways News: एक्सप्रेस बनते ही घट गया वैशाली का किराया, नहीं लगेगा सुपरफास्ट चार्ज
पूर्वोत्तर रेलवे रूट पर वैशाली एक्सप्रेस अब एक्सप्रेस ट्रेन बन गई है, जिससे इसका किराया कम हो गया है। सुपरफास्ट चार्ज अब नहीं लगेगा। मार्ग विस्तार के ...और पढ़ें

ललितग्राम तक मार्ग विस्तार के साथ बदल गया है ट्रेन का नंबर। जागरण
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। पूर्वोत्तर रेलवे रूट पर रेलवे बोर्ड की निगरानी में चलने वाली महत्वपूर्ण सुपरफास्ट ट्रेन वैशाली एक्सप्रेस के एक्सप्रेस बनते ही किराया भी कम हो गया है। अब इस ट्रेन में सुपरफास्ट का चार्ज नहीं लगेगा। दो अक्टूबर से ललितग्राम (सुपौल) तक मार्ग विस्तार के बाद सात दिसंबर से इस ट्रेन का नंबर भी बदल गया है।
12553/12554 नंबर से चलने वाली वैशाली एक्सप्रेस का नंबर अब 15565/15566 हो गया है। जानकारों का कहना है कि 15565/15566 नंबर की वैशाली एक्सप्रेस की निगरानी पूर्व मध्य रेलवे के पास चली गई है। रेलवे बोर्ड अब इस ट्रेन की निगरानी नहीं करेगा।
बोर्ड की निगरानी हटते ही यह ट्रेन सुपरफास्ट से सामान्य एक्सप्रेस ट्रेन हो गई है। सुपरफास्ट हटते ही स्लीपर के किराये में 30 रुपये, एसी थर्ड व सेकेंड श्रेणी में 45 रुपये तथा एसी फर्स्ट में 75 रुपये सुपरफास्ट चार्ज कम हो गए हैं। गोरखपुर से नई दिल्ली तक वैशाली के स्लीपर क्लास में 420, एसी थर्ड में 1135, एसी टू में 1615 व एसी फर्स्ट में 2700 रुपये किराया लग रहा है। जबकि, गोरखधाम में नई दिल्ली के लिए स्लीपर क्लास में 450, एसी थर्ड में 1180, एसी टू में 1665 व एसी फर्स्ट में 2780 रुपये किराया लग रहा है।
वैशाली एक्सप्रेस का गोरखपुर से छूटने का समय भी पांच मिनट बढ़ गया है। शाम 04:55 की जगह 05:00 बजे से रवाना हो रही है। हालांकि, नई दिल्ली पहुंचने में 13:30 घंटे का समय ले रही है। जबकि, गोरखधाम 12:55 घंटे, बिहार संपर्क क्रांति एक्सप्रेस 13:05 घंटे तथा सप्तक्रांति एक्सप्रेस 12:55 घंटे का समय ले रही हैं। वर्ष 1973 में तत्कालीन रेलमंत्री स्व. ललित नारायण मिश्र ने इसे जयंती जनता एक्सप्रेस के रूप में इस ट्रेन को समस्तीपुर से नई दिल्ली के लिए शुरू कराया था।
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1975 में इसका नाम बदलकर 'वैशाली सुपरफास्ट एक्सप्रेस' कर दिया गया और फिर यह मुजफ्फरपुर से दिल्ली तक चलने लगी। बाद में यह ट्रेन बरौनी तक चलने लगी। 5 मार्च 2019 को इस ट्रेन का मार्ग विस्तार सहरसा तक किया गया। दो अक्टूबर 2025 से ललितग्राम कर दिया गया है।
कभी यह ट्रेन पूर्वोत्तर रेलवे और पूर्व मध्य रेलवे की शान हुआ करती थी। इस ट्रेन से दिल्ली तक की यात्रा करने वाले लोग अपने आप को गौरवान्वित महसूस किया करते थे। पूर्वांचल और बिहार के अधिकतर जनप्रतिनिधि वैशाली से ही यात्रा पूरी करते थे।

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