Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पितृपक्ष में खरीदारी शुभ है या अशुभ, धर्मशास्त्र भी इस बात से सहमत

    Updated: Mon, 08 Sep 2025 05:04 PM (IST)

    पितृपक्ष में खरीदारी को लेकर लोगों में अलग-अलग मत हैं। कुछ इसे अशुभ मानते हैं वहीं विद्वानों के अनुसार यह पूर्वजों के प्रति कृतज्ञता प्रकट करने का पवित्र समय है। इस दौरान नए काम गाड़ी कपड़े या आभूषण खरीदना अशुभ नहीं माना जाता बल्कि बुजुर्गों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। व्यापारी भी इसे शुभ मानते हैं।

    Hero Image
    पितृपक्ष में खरीदारी करना शुभ बताया गया है।

    जागरण संवाददाता, हमीरपुर। पितृपक्ष में हमेशा खरीदारी को शुभ और अशुभ को लेकर विवाद रहा है। नए कार्यों को लेकर मतभेद सामने आए हैं। कहा जाता रहा है कि इससे पितृ नाराज होते हैं। क्योंकि यह समय पितरों की स्मृति और तर्पण का होता है न कि भौतिक वस्तुओं के लाभ लेने का। लेकिन इसको लेकर अब विद्वानों की राय सामने आई है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पितृपक्ष अशुभ पक्ष नही होता है। पितृपक्ष पूर्वजों के प्रति कृतज्ञता और सम्मान प्रकट करने का पवित्र काल है और भारतीय संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा है। समाज में कुछ भ्रांतियां प्रचलित है कि पितृपक्ष में नए कार्य शुरू करना, खरीददारी करना, मंदिर जाना या पूजा पाठ करना अशुभ है। लेकिन धर्मशास्त्रों में ऐसी कोई बात नहीं कही गई है। विद्धानों के अनुसार यह काल पितरों के आशीर्वाद से धन धान्य, सम्मान और संतान की प्राप्ति के लिए अत्यंत पुण्यदायी माना गया है।

    पितृपक्ष अशुभ पक्ष नही होता है। पितृपक्ष में नया काम करना, गाड़ी खरीदना, कपड़े खरीदना, आभूषण लेना आदि चीजों की खरीदारी में कोई रोक नही है। यह 15 दिन बुजुर्गों के लिए होते हैं। इसमें अधिकांश समय उनकी पूजा अर्चना में लगाया जाता है। ऐसे समय में भी की गई खरीदारी लाभकारी होती है।

    पं.बाबूप्रसाद अवस्थी

    पितृपक्ष में लोगों के अंदर एक भ्रम है कि इन दिनों कोई भी सामान नहीं खरीदा जाता है। जब कि यह सबसे शुभ माना जाता है। पितृपक्ष में बड़े बुजुर्गों का आर्शीवाद होता है। इन दिनों सोना चांदी, नए कपड़े, जमीन की खरीददारी करना बुजुर्गों का आर्शीवाद प्राप्त होना माना जाता है।

    - मुकेश कुमार गुप्ता सर्राफा कारोबारी।

    पितृपक्ष में जब पितरों का पानी देने में शुद्ध व नए कपड़े पहने जाते हैं। तो फिर दूसरा सामान क्यों नही खरीदा जा सका है। लोगों में भ्रम होता है कि इन दिनों खरीददारी करना सही नहीं होती है।

    - कन्हैया ओमर कपड़ा व्यापारी।

    माता पिता के निधन के बाद पितृपक्ष में उन्हें पानी दिया जाता है। जिसे पूरे नियम व शुद्धता के साथ किया जाता है। कुछ लोगों का कहना है कि कोई भी खरीददारी करना अशुभ होता है। इसलिए खरीददारी नहीं करते हैं।

    - हरिश्चंद्र

    पितृपक्ष में अधिकांश लोग शुभ कार्य नही करते हैं इसीलिए खरीदारी भी नही करते है। यह 15 दिन पूर्वजों के लिए होते हैं। ताकि उनकी पूजा अर्चना कर सकें। पुरानी परंपरा को देखते हुए हम भी नया कुछ नही कर रहे हैं और सब पुराना ही चल रहा है।

    शिवशंकर।