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    ED ने मोनाड यूनिवर्सिटी के फर्जी डिग्री घोटाले में की छापेमारी, हापुड़ में विवि और कर्मचारियों के घरों पर कार्रवाई

    Updated: Thu, 06 Nov 2025 11:55 PM (IST)

    प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मोनाड यूनिवर्सिटी के फर्जी डिग्री घोटाले के संबंध में हापुड़ में विश्वविद्यालय और कर्मचारियों के घरों पर छापेमारी की। इस कार्रवाई से विश्वविद्यालय प्रशासन में हड़कंप मच गया। ईडी को घोटाले से जुड़े कई अहम दस्तावेज मिले हैं, जिनकी जांच जारी है। अधिकारियों ने बताया कि घोटाले में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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    नवरपुर स्थित मोनाड यूनिवर्सिटी के मुख्य कैंपस में भी पहुंची ईडी की टीम। जागरण

    जागरण संवाददाता, हापुड़। दिल्ली से रवाना हुई प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीमें बृहस्पतिवार तड़के तीन बजे हापुड़ पहुंचीं और एक साथ चार ठिकानों पर छापेमारी शुरू कर दी। इस कार्रवाई से क्षेत्र में हड़कंप मच गया है। वहां पढ़ रहे विद्यार्थियों को अपनी डिग्री की वैधता पर भी संशय हो रहा है।

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    चार टीमों ने अलग-अलग की कार्यवाही

    पहली टीम अनवरपुर स्थित मोनाड यूनिवर्सिटी के मुख्य कैंपस में दाखिल हुई। दूसरी टीम हापुड़ शहर के अर्जुन नगर इलाके में विश्वविद्यालय के पूर्व कर्मचारी सनी कश्यप के आवास पर पहुंची। तीसरी टीम स्वर्ग आश्रम रोड स्थित विपुल चौधरी और चौथी टीम ने रेलवे रोड स्थित इमरान के घर पर पहुंची। चारों जगहों पर खबर लिखे जाने तक दस्तावेजों की बारीकी से जांच चल रही है और अधिकारियों ने किसी भी तरह की जानकारी साझा करने से इनकार कर दिया है।

    एसटीएफ ने किया था एक खुलासा

    बता दें कि यह कार्रवाई मई 2025 में उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स द्वारा उजागर किए गए फर्जी डिग्री घोटाले के वित्तीय पहलुओं से जुड़ी हुई है। उस समय विश्वविद्यालय के चेयरमैन विजेंद्र सिंह हुड्डा, प्रो-चांसलर नितिन कुमार सिंह सहित दस लोगों को गिरफ्तार किया गया था। इनमें सनी कश्यप, कुलदीप, विपुल चौधरी, इमरान और संदीप कुमार जैसे कर्मचारी भी शामिल थे जो नकली मार्कशीट और डिग्री तैयार करने में सीधे तौर पर संलिप्त पाए गए थे।

    डिग्री की वैधता को लेकर बेचैनी का माहौल

    ईडी की टीमें सुबह साढ़े तीन बजे से कैंपस के प्रशासनिक भवन, रजिस्ट्रार कार्यालय और अकाउंट्स सेक्शन में फैली हुई हैं। अधिकारियों ने सभी कंप्यूटरों की हार्ड डिस्क जब्त कर ली हैं और सर्वर रूम को सील कर दिया गया है। कैंपस के मुख्य द्वार पर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के जवानों ने घेराबंदी कर रखी है और किसी को भी अंदर जाने की अनुमति नहीं दी जा रही। विश्वविद्यालय के दो सौ से अधिक कर्मचारियों को घर भेज दिया गया है जबकि छात्रों में अपनी डिग्री की वैधता को लेकर बेचैनी का माहौल है।

    गिरफ्तारी के बाद जमानत पर बाहर आए

    दूसरी ओर अर्जुन नगर में सनी कश्यप, रेलवे रोड पर इमरान व स्वर्ग आश्रम रोड पर विपुल चौधरी के घर पर पहुंची टीमों ने सबसे पहले परिवार के सदस्यों को बाहर निकाला और फिर सर्च वारंट दिखाकर तलाशी शुरू की। घरों से नकदी, कुछ बैंक पासबुक और एक लैपटाॅप बरामद किया गया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि रात के सन्नाटे में अचानक दस से अधिक वाहन पहुंचे और पुलिस ने मोबाइल फोन से फोटो खींचने पर सख्त मनाही कर दी। सनी कश्यप, इमरान और विपुल चौधरी मई में गिरफ्तारी के बाद जमानत पर बाहर आए थे।

    फर्जी डिग्री रैकेट का 2023 से शुरू हुआ था जाल

    मोनाड यूनिवर्सिटी का फर्जी डिग्री रैकेट साल 2023 से सक्रिय था। विश्वविद्यालय फेल छात्रों को पचास हजार से दो लाख रुपये तक लेकर नकली डिग्री और मार्कशीट जारी करता था। ये दस्तावेज वाट्सएप के जरिए मंगवाए जाते थे। भुगतान यूपीआई, नकद या अन्य रूप में होता था। तैयार डिग्री दो दिन के अंदर कोरियर से पहुंचा दी जाती थी।

    हवाला की रसीदों से होगा बड़ा खुलासा

    एसटीएफ की जांच में पांच साल में 18 से 22 करोड़ रुपये की कमाई का अनुमान लगाया गया था। आयकर विभाग अब इसी कमाई के अंतिम ठिकाने की तलाश कर रहा है। सूत्रों का कहना है कि फर्जी डिग्री से आए रुपयों को रियल एस्टेट, शेल कंपनियों और विदेशी खातों में लगाया गया। विभाग को उम्मीद है कि कैंपस से मिलने वाले बैंक स्टेटमेंट, हवाला रसीदों की जानकारी इस पूरे नेटवर्क को उजागर कर देगी। इसके अलावा विदेशी छात्रों से ली गई फीस को का हिसाब-किताब और चेयरमैन के निजी निवेश भी जांच के दायरे में हैं।

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