यूपी के इस जिले में 'जहरीली हवा' से घुट रहा दम, AQI 750 के पार... विशेषज्ञों ने लोगों को दी ये सलाह
हापुड़ में हवा का प्रवाह बढ़ने के बावजूद प्रदूषण का स्तर जानलेवा बना हुआ है, एक्यूआई 758 तक पहुंच गया। हानिकारक रसायन और धूल के कारण लोगों को सांस लेने में परेशानी हो रही है। प्रदूषण कम करने के अभियान केवल कागजों तक ही सीमित हैं और एनजीटी के प्रतिबंध के बावजूद कूड़ा जलाया जा रहा है। विशेषज्ञों ने खुली हवा में सांस लेने से बचने की सलाह दी है और मास्क पहनने को कहा है।
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जागरण संवाददाता, हापुड़। हापुड़ में हवा का प्रवाह बढ़ने के बावजूद प्रदूषण का स्तर जानलेवा बना हुआ है। सोमवार को जिले का एक्यूआई 758 तक पहुंच गया। हालांकि, दोपहर में धूप निकलने के बाद इसमें थोड़ी कमी रिकॉर्ड की गई, लेकिन हवा की गुणवत्ता रेड जोन में ही रही। अभी भी वह जानलेवा स्तर पर बना हुआ है।
हवा में घुल रहे हानिकारक रसायनों और धूल-धुआं व रबर के कणों के चलते लोगों की सांस फूल रही है। घना प्रदूषण छाए रहने से जिला गैस चैंबर में बदल चुका है। प्रदूषण कम करने का अभियान केवल फाइलों में ही दौड़ रहा है। जिम्मेदार अधिकारी लंबी तानकर सो रहे हैं।
इसके चलते ग्रेप के प्रतिबंधों का खुला उल्लंघन किया जा रहा है। एनजीटी की रोक के बावजूद जगह-जगह कूड़ा जलाया जा रहा है। इससे हालात और खराब हो रहे हैं।
वायु गुणवत्ता सूचकांक
| समय | SPM मान |
|---|---|
| सुबह साढ़े चार बजे (4:30 AM) | 425 |
| सुबह साढ़े सात बजे (7:30 AM) | 702 |
| सुबह नौ बजे (9:00 AM) | 758 |
| शाम चार बजे (4:00 PM) | 463 |
| रात नौ बजे (9:00 PM) | 302 |
वर्तमान वायु प्रदूषण स्तर
| प्रदूषक | मौजूदा मान |
|---|---|
| पीएम-10 (PM10) | 434 SPM |
| पीएम-2.5 (PM2.5) | 408 SPM |
| कार्बन मोनोऑक्साइड (CO) | 102 SPM |
| सल्फर डाइऑक्साइड (SO₂) | 65 SPM |
यह है स्थिति
हवा में प्रदूषण की घनी परत छाई हुई है। धूल और धुआं के कणों की भरमार से हवा की दृश्यता भी कम हो गई है। वहीं सांस लेने में हवा के साथ में जहरीले पार्टीकल भी शरीर में जा रहे हैं। इससे लोगों को परेशानी हो रही है। जिले में सोमवार को प्रदूषण का स्तर इस साल का सबसे ज्यादा रहा है। वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर साढ़े सात सौ तक पहुंच गया था। इससे लोगों को आंखों में जलन के साथ ही सांस फूलने व त्वचा में संक्रमण होने की शिकायत होने लगी।
हवा की गति कम होने से हुआ थोड़ा सुधार
जिले में प्रदूषण की भयावह स्थिति हवा के प्रवाह के चलते हुई थी। हवा के साथ हरियाणा, दिल्ली व नोएडा की ओर से फाग की घनी परत जिले के ऊपर छा गई थी। इससे सोमवार को सूर्य की धूप भी दोपहर तक लोगों तक नहीं पहुंच पाई। रात को हवा का प्रवाह थोड़ा धीमा हो जाता है। इससे प्रदूषण की स्थिति में बिगाड़ आरंभ हो जाता है। जिससे दृश्यता प्रभावित होती है। इससे सफर में भी सावधानी बरतने की जरूरत है।
घातक हो सकता है खुली हवा में सांस लेना
विशेषज्ञों ने अलर्ट खुली हवा में सांस नहीं लेने के लिए अलर्ट जारी किया है। पीसीपीबी के एप पर भी चेतावनी जारी की हुई है। प्रदूषण की मौजूदा स्थिति में खुली हवा में सांस लेने को असुरक्षित बताया गया है। ऐसे में सांस लेने से फेफड़ों व स्वांस नली में सूजन, आंखों में जलन, त्वचा में खिंचाव व खुजली, हाई बीपी, चक्कर आने व जी मिचलाने की शिकायत हो सकती हैं।प्रदूषण में घातक गैंस व धूल-धुआं होने से फेफड़ों को पर्याप्त आक्सीजन नहीं मिल पाती है।
लापरवाह हुए जिम्मेदार
शहर में धड़ल्ले से कूड़ा जलाया जा रहा है। नगर पालिका के जिम्मेदार अधिकारी इसको लेकर गंभीर नहीं है। जिले में 67 से ज्यादा स्थानों से कूड़ा जलाने के चित्र आ चुके हैं। उसके बावजूद एक भी मामले में कार्रवाई नहीं की गई है। खुलेआम ग्रेप के प्रतिबंधों का उल्लंघन किया जा रहा है। एक भी मामले में कार्रवाई नहीं की गई है। शहर में जगह-जगह निर्माण कार्य चल रहा है। खुलेआम निर्माण सामग्री की बिक्री की जा रही है। बिना ढके कूड़े की गाड़ियां दौड़ रही हैं। उसके बावजूद कार्रवाई नहीं की जा रही है।
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प्रदूषण नियंत्रण के लिए सभी के सहयोग की जरूरत है। प्रदूषण की स्थिति जानलेवा बनी हुई है। ऐसे में खुली हवा में सांस लेने से बचें और मास्क का प्रयोग करें। पानी पर्याप्त मात्रा में लें और संतुलित भोजन करें। जहां पर ग्रेप के प्रतिबंधों का उल्लंघन होता पाया जाए, उसकी सूचना तत्काल सक्षम अधिकारी को दें। - अशोक कुमार, मौसम विज्ञानी, कृषि विज्ञान केंद्र

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