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    हापुड़ में डीएफओ का स्टेनों चोरी-छिपे करता था वसूली, वन मंत्री ने सबक सिखाने के लिए कर दिया ये काम

    Updated: Fri, 12 Sep 2025 03:49 AM (IST)

    हापुड़ में वन विभाग के एक स्टेनो पर आरा मशीन संचालकों से टीपी के नाम पर अवैध वसूली करने का आरोप लगा है। शिकायत मिलने पर विधायक ने नाराजगी जताई जिसके बाद प्रारंभिक जांच में आरोप सही पाए जाने पर स्टेनो का तबादला बुलंदशहर कर दिया गया है। आरोप है कि वसूली की रकम नए डीएफओ के आने के बाद दोगुनी हो गई थी।

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    डीएफओ का स्टेनों करता था वसूली, वन मंत्री ने बुलंदशहर किया ट्रांसफर

    ठाकुर डीपी आर्य, हापुड़। डीएफओ (जिला वन अधिकारी) का स्टेनो आरा मशीन संचालकों से वसूली कर रहा था। नए डीएफओ के आने के बाद टीपी (ट्रांजिट पास) के नाम पर वसूली लिपिक ने दोगुनी कर दी थी। विरोध करने पर लाइसेंस केंसिल करने की भी धमकी देता था।

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    इससे परेशान आरा मशीन संचालकों ने शहर विधायक से शिकायत की। विधायक ने डीएफओ व वन मंत्री से नाराजगी प्रकट की। प्रारंभिक जांच में आरोपित स्टेनो पर वसूली के आरोप सही पाए गए हैं। जिसके चलते वन संरक्षण ने स्टेनो का स्थानांतरण बुलंदशहर कर दिया है।

    वन विभाग में वसूली का खेल धड़ल्ले से चल रहा है। आरा मशीन संचालकों से वसूली के साथ ही पेड़ काटने वाले ठेकेदारों से भी रुपए लिए जाते हैं। विभाग के कर्मचारी मिलीभगत कर प्रतिबंधित श्रेणी के हरे पेड़ों को भी कटवा देते हैं। पिछले दिनों गढ़मुक्तेश्वर क्षेत्र में विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से हरे पेड़ों के काटे जाने का मामला जोरशोर से उठाया गया था।

    आरा मशीन संचालकों ने बृहस्पतिवार को शहर विधायक विजयपाल आढ़ती से मुलाकात की। नवीन कुमार, दीपक सिंह, राजीव कुमार, गोपाल सिंह, सचिन कुमार और मुकुल सिंह ने विधायक को बताया कि जिले से लकड़ी का बड़े स्तर पर निर्यात होता है। इसके लिए वन विभाग से टीपी (ट्रांजिट पास) की जरूरत होती है।

    पिछले दिनों तक टीपी के निर्धारित शुल्क के अलावा वन विभाग के अधिकारी दो से ढ़ाई हजार रुपया प्रति 30 टन पर लेते थे। उस समय नोएडा के डीएफओ पर हापुड़ का अतिरिक्त प्रभार था। पिछले दिनों हापुड़ में अर्शी मलिक को डीएफओ तैनात कर दिया गया।

    आरा मशीन संचालकों ने बताया कि तब से नए डीएफओ के नाम पर टीपी की वसूली बढ़ा दी गई है। अब टीपी की फीस के अलावा परमिशन देने के 400 रुपये टन लिए जा रहे हैं। ऐसे में 30 टन के जिस वाहन पर पहले 25 सौ रुपये लिए जाते थे, अब उसके 12 हजार रुपये लिए जा रहे हैं।

    इससे परेशान होकर दो दर्जन से ज्यादा लोगों ने लकड़ी का कारोबार पिछले दिनों बंद कर दिया है। वन विभाग के सूत्रों के अनुसार स्टेनो अजय कुमार की लगातार शिकायत अा रही थीं। उनको दर्जनाें बार समझाया गया, लेकिन वह नहीं माना।

    इस मामले में डीएफओ अर्शी मलिक पर भी अंगुली उठ रही हैं। संचालकों ने आरोप लगाया है कि लगातार शिकायत होने के बाद भी वह गंभीरता से सुनने को तैयार नहीं थीं। डीएफओ ने बताया कि हम कार्यालय से रोजाना टीपी जारी करा रहे हैं।

    केवल सही दस्तावेज देखकर टीपी दे दी जाती हैं, अन्य कोई शर्त नहीं होती है। वन मंत्री अरुण कुमार सक्सेना ने विधायक की शिकायत को गंभीरता से लिया। वन संरक्षक आदर्श कुमार ने बताया कि स्टेनो अजय कुमार काे तत्काल हापुड़ से हटकर बुलंदशहर ट्रांसफर कर दिया है। साथ ही गहनता से जांच को टीम गठित की जा रही है।

    आरा मशीन संचालकों ने टीपी के नाम पर वसूली की जा रही है। अब वसूली को कई गुना बढ़ा दिया गया है। संचालकों ने मुझसे आकर परेशानी बताई। मैने डीएफओ और वन मंत्री से बात की हैं। भ्रष्टाचार किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। वन विभाग के भ्रष्टाचार से परेशान कारोबारी अपना काम बंद करने को विवश हो रहे हैं। मैं भ्रष्टाचार के खिलाफ लखनऊ तक जाऊंगा। - विजयपाल आढ़ती- शहर विधायक।