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    हापुड़ में दुष्कर्म के प्रयास से त्रस्त किशोरी की मौत के बाद थानेदार और दारोगा सस्पेंड, आरोपी दोबारा गिरफ्तार

    Updated: Thu, 23 Oct 2025 06:09 PM (IST)

    हापुड़ में एक इंटर कॉलेज के हेड क्लर्क ने 15 वर्षीय किशोरी से दुष्कर्म का प्रयास किया और बाद में उसकी हत्या करने की कोशिश की। पुलिस की लापरवाही के कारण आरोपी को जमानत मिल गई, जिसके बाद किशोरी की मौत हो गई। डीआईजी की सख्ती के बाद थाना प्रभारी और चौकी प्रभारी को सस्पेंड कर दिया गया है और आरोपी को दोबारा गिरफ्तार कर लिया गया है।

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    15 वर्षीय किशोरी की मौत के बाद थानेदार और दारोगा सस्पेंड।

    जागरण संवाददाता, हापुड़। तीन अक्टूबर को इंटर कॉलेज के हेड क्लर्क ने थाना देहात क्षेत्र के एक गांव की 15 वर्षीय किशोरी से दुष्कर्म का प्रयास किया। स्वजन का आरोप है कि शाम को घर में घुसकर आरोपित ने किशोरी के फंदे पर लटकाकर उसकी हत्या का प्रयास किया। इस दौरान किशोरी की बड़ी बहन ने शोर मचाया तो आरोपित मौके से फरार हो गया।

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    गंभीर हालत में किशोरी को अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां 20 अक्टूबर को उसकी मौत हो गई। मामले में पुलिस ने हीलाहवाली करते हुए सात अक्टूबर को महज छेड़छाड़ की धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की थी। जिसका फायदा उठाकर आरोपित ने छात्रा व उसके स्वजन को धमकाया।

    हालांकि, बाद में पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार कर जेल भिजवाया। मगर, वह 17 अक्टूबर को जेल से जमानत पर छूट गया। मामले बृहस्पतिवार में मेरठ रेंज डीआईजी की सख्ती के बाद एसपी ने थाना देहात प्रभारी विजय गुप्ता व चौकी साइलो द्वितीय प्रभारी उपनिरीक्षक जसवंत सिंह को सस्पेंड कर दिया गया है। मुकदमे में अन्य संबंधित धाराएं बढाकर आरोपित को दोबारा गिरफ्तार कर जेल भिजवा दिया है।

    देहात थाना क्षेत्र के एक गांव की महिला ने बताया कि उसके पड़ोस में रहने वाला इंद्रपाल नगर स्थित दीवान इंटर कालेज में हेड क्लर्क है। पिछले 25 वर्षों से वह पीड़िता के घर दूध लेने के लिए आता है। तीन अक्टूबर की सुबह वह बड़ी पुत्री के साथ पशुओं के लिए चारा लेने गई थी। उसकी गैरमौजूदगी में 15 वर्षीय छोटी पुत्री घर में अकेली मौजूद थे।

    इसी बीच इंद्रपाल घर में घुसा आया। उसने छोटी पुत्री के साथ छेड़छाड़ की। शोर मचाने पर वह भाग निकला। घर पहुंचने पर पुत्री ने उसे आपबीती सुनाई। जिसके बाद पीड़िता ने आरोपित से फोन पर बात की। इस पर इंद्रपाल ने गलती मानकर माफी मांगी। इसी दिन शाम को उसकी दोनों पुत्रियां घर पर मौजूद थी।

    इसी बीच आरोपित घर आ गया। उसने पहले छोटी पुत्री को डराया धमकाया और पुलिस से शिकायत न करने का दबाव बनाया। विरोध पर आरोपित ने उसे फंदे से लटका दिया। उसे ऐसा करते हुए बड़ी पुत्री ने देख लिया। उसके शोर मचाने पर आरोपित वहां से फरार हो गया।

    स्वजन ने उसे गंभीर हालत में मेरठ के एक अस्पताल में भर्ती कराया। छह अक्टूबर को आरोपित ने फोन काल पर पुलिस से शिकायत करने पर जान से मारने की धमकी दी। मामले में पीड़िता ने सात अक्टूबर को थाने में तहरीर दी। जिसके बाद पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर आरोपित को गिरफ्तार कर उसे जेल भेजा था।

    हीलाहवाली पड़ी भारी

    मामले में पुलिस ने हीलाहवाली करते हुए महज छेड़छाड़ की धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की। जबकि, स्वजन का कहना है कि किशोरी के निजी अंगों से भी छेड़छाड़ की गई थी। उसकी हत्या का प्रयास करने की धाराएं भी मुकदमे में नहीं बढ़ाई गई। जिसके चलते 17 अक्टूबर को आरोपित जमानत पर छूटकर जेल से बाहर आ गया। जिसके बाद उसने पीड़ित पक्ष पर फैसले का दबाव बनाना शुरू कर दिया। 20 अक्टूबर को किशोरी की मौत के बाद पुलिस ने मामले में संबंधित धाराएं बढ़ाई। बृहस्पतिवार को पुलिस ने दोबारा से आरोपित को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।

    डीआईजी की सख्ती पर एसपी ने की कार्रवाई

    मेरठ रेंज डीआईजी कलानिधि नैथानी ने बताया कि घटना के बाद चौकी प्रभारी साइलो द्वितीय उपनिरीक्षक जसवंत सिंह अस्पताल पहुंचे थे। मगर, इस संबंध में उपनिरीक्षक व थाना प्रभारी विजय गुप्ता किसी ने भी उच्चाधिकारियों को सूचित नहीं किया और न ही तहरीर लेकर प्रकरण में तत्काल मुकदमा पंजीकृत कराया।

    लापरवाही बरतने के कारण मुकदमा दर्ज होने में चार दिन का विलंब हुआ। इसके साथ ही पुलिस की छवि भी धूमिल हुई है। एसपी ज्ञानंजय सिंह ने बताया कि मामले में डीआईजी के निर्देश पर थानेदार व चौकी प्रभारी को सस्पेंड कर दिया है। मामले की अधिकारिक स्तर से जांच कराकर दोनों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी होगी।