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    हापुड़ के युवक ने फर्जी कागजात पर पाई सीमा सुरक्षा बल में नौकरी, जांच में खुलासा होने पर जवान भगोड़ा घोषित

    By DHARAM PAL SINGH ARYAEdited By: Neeraj Tiwari
    Updated: Sun, 02 Nov 2025 08:40 PM (IST)

    हापुड़ के एक युवक ने सीमा सुरक्षा बल में फर्जी कागजात जमा करके नौकरी हासिल की। जांच में दस्तावेजों के फर्जी पाए जाने पर उसे भगोड़ा घोषित कर दिया गया। इस घटना ने सुरक्षा बलों में भर्ती प्रक्रिया पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

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    प्रतीकात्मक तस्वीर।

    ठाकुर डीपी आर्य, हापुड़। जिले के बाबूगढ़ थानाक्षेत्र के गांव बछलौता के युवक ने फर्जी कागजात के आधार पर एसएसबी (सीमा सुरक्षा बल ) में नौकरी पा ली। प्रारंभिक जांच में कागजात सही होने की रिपोर्ट भी शपथ-पत्र के साथ उपलब्ध करा दी। प्रशिक्षण के बाद अधिकारियों ने ड्यूटी पर भेजने से पहले गहनता से जांच कराई तो निवास प्रमाण पत्र फर्जी पाया गया। लगातार दो बार की जांच में स्थाई निवास प्रमाण-पत्र फर्जी मिलने पर नोटिस जारी कर आरोपित को एसएसबी के मजिस्ट्रेट के समक्ष उपस्थित होने को कहा गया।

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    इस दौरान आरोपित दिल्ली रेलवे स्टेशन पर साथी जवानों को धोखा देकर भाग गया। वह तब से उपस्थित नहीं हुआ है। तीन बार नोटिस जारी करने के बाद अब उसको भगोड़ा घोषित कर दिया गया है। वहीं, एसएसपी हापुड़ और मेघालय को रिपोर्ट दर्ज करने को पत्र भेजा गया है। मामला सुरक्षा बल की गोपनीयता से जुड़ा होने के चलते अधिकारी सजग हो गए हैं।

    क्षेत्र के गांव बछलौता के रहने वाले धर्मेंद्र पुत्र वीरपाल की नौकरी दो साल पहले एसएसबी में लगी थी। उसने आवेदन के साथ में लगाए गए डाॅक्यूमेंट में खुद को मेघालय का रहने वाला बताया था। मेघालय के गांव लुम्बसेह, पोस्ट टिनरिंग, जिला पूर्वी खासी हिल्स का निवास प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया था।

    उसके आधार पर आवेदन स्वीकार हुआ और 23 दिसंबर 2024 को आयोजित परीक्षा में उसका चयन हो गया। उसके बाद 21 जनवरी 2925 को राजस्थान के अलवर में मेडिकल होने के बाद उसको आरटीसी कमांडेंट ने पास कर दिया। उसको 20 मार्च 2025 को एसएसबी गेजिंग की 36 वीं बटालियन में ज्वाइन करा दिया गया। और प्रशिक्षण पर भेज दिया गया।

    इसी दौरान शिलांग जिले के पुलिस उपायुक्त को उसके कागजात की जांच भेजी गई। जांच में उन्होंने निवास प्रमाण पत्र (ई-आरईएस-2024-721563) को फर्जी पाया। सामने आया कि आरोपित धर्मेंद्र मेघालय का रहने वाला नहीं है। इस पर मेघालय सरकार की ओर से उपविभागीय मजिस्ट्रेट ने जांच में पाया कि आरोपित ने जो पता दिखाया है, वहां पर जीवन में कभी नहीं देखा गया है। उसका कोई परिचित-रिश्तेदार भी नहीं रहता है। वह कभी किराए पर भी नहीं रहा है।

    इसके चलते प्रमाण पत्र को फर्जी करार देकर धर्मेद्र को नोटिस जारी किया गया। इसकी भनक लगते ही आरोपित दिल्ली रेलवे स्टेशन पर साथियों को चकमा देकर भाग निकला। एसएसबी की स्पेशल टीम की जांच में सामने आया कि आरोपित हापुड़ का रहने वाला है। तीन नोटिस का उत्तर नहीं देने पर उसको भगोड़ा घोषित कर दिया गया है। वहीं मेघालय के जिला खासी हिल्स के एसएसपी, राजस्थान के जिला अलवर के एसएसपी और हापुड़ के पुलिस अधीक्षक को रिपोर्ट दर्ज करने को पत्र भेजा गया है।

    मेरा भाई भर्ती देखने के लिए उत्तराखंड गया था। वहां पर एक कमांडो सहित दो जवान मिले थे। उन्होंने धर्मेंद्र को भर्ती कराने का भरोसा दिया। कागजात उनके द्वारा ही जमा कराए गए हैं। एसएसबी के जवान दो बार हमारे घर पर आए हैं। मेरा भाई निर्दोष है।

    -सोनू, आरोपित धर्मेंद्र का भाई

    मामला सशस्त्र बल से जुड़ा होने के चलते अत्यंत गोपनीय है। इसकी जांच कर रिपोर्ट एसएसबी के विशेष अधिकारी से ही साझा की जाएगी। स्थानीय स्तर पर आन रिकार्ड जानकारी अभी साक्षा नहीं की जा सकती है। हापुड़ के साथ ही मेघालय, दिल्ली, उत्तराखंड व अलवर से भी जांच की जा रही है।

    -कुंवर ज्ञानंजय सिंह, पुलिस अधीक्षक

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