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    Hapur News: गन्ना भुगतान पर हाईकोर्ट का सख्त रुख, हलफनामा पेश करेंगे डीएम

    उच्च न्यायालय ने सिंभावली शुगर्स समूह पर गन्ना किसानों के 274 करोड़ रुपये के बकाया भुगतान के मामले में डीएम के जवाब पर असंतोष जताया है। अदालत ने डीएम को व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया है। किसान मजदूर संघर्ष समिति ने इस मामले में याचिका दायर की है। न्यायालय ने गन्ना बकाया की वसूली सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी मांगी है।

    By Dharampal Arya Edited By: Abhishek Tiwari Updated: Thu, 28 Aug 2025 08:57 AM (IST)
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    बकाया भुगतान को लेकर किसान मजदूर संघर्ष समिति ने अपील की है।

    जागरण संवाददाता, हापुड़। गन्ना किसानों का करीब 274 करोड़ रुपये का भुगतान बकाया होने पर उच्च न्यायालय ने डीएम को व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया है। यह मामला रिट याचिका संख्या 24689/2025 से संबंधित है, जिसमें सिंभावली शुगर्स समूह की मिल सिंभावली, ब्रजनाथपुर व चिलवरिया पर बकाया भुगतान को लेकर किसान मजदूर संघर्ष समिति ने अपील की है।

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    किसान मजदूर संघर्ष समिति के सचिव अधिवक्ता मजहर खान ने बताया कि गन्ना किसानों की आर्थिक स्थिति दयनीय हो चुकी है। सिंभावली शुगर्स समूह की जिले की दोनों मिल पर किसानों का लगभग 274 करोड़ रुपया बकाया है। गन्ना नियंत्रण आदेश, 1966 के अनुसार, गन्ना डिलीवरी के 14 दिनों के भीतर पूरा भुगतान करना अनिवार्य है। देरी होने पर 15 प्रतिशत वार्षिक ब्याज के साथ भुगतान करना होता है।

    इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने आठ अगस्त के आदेश में कहा है कि वह डीएम द्वारा दिए गए स्पष्टीकरण से संतुष्ट नहीं हैं। एक बार जब राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण ने गन्ना बकाया के वितरण की अनुमति दे दी है, तो बकाया भुगतान सुनिश्चित करने का कर्तव्य डीएम का है।

    मगर, डीएम द्वारा आवश्यक कदम नहीं उठाए गए हैं। वह एक व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करेंगे। जिसमें यह बताया जाए कि उन्होंने गन्ना बकाया की वसूली सुनिश्चित करने के लिए कानून के तहत आवश्यक सभी कदम क्यों नहीं उठाए। वह समय-सीमा भी बताएं जिसके भीतर वह गन्ना बकाया की वसूली सुनिश्चित करेंगे। यदि न्यायालय को पता चलता कि उचित कदम नहीं उठाए हैं तो स्पष्टीकरण मांगने के लिए डीएम को बुलाने पर विचार किया जाएगा।

    गन्ना भुगतान को लेकर कड़ी विधिक कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए सरकारी अधिवक्ता से भी बात की गई है। भुगतान को लेकर की गई कार्रवाई का विवरण न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। न्यायालय के आदेश का भी पालन किया जाएगा। किसी भी हाल में किसानों के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा। - अभिषेक पांडेय, डीएम