दुर्घटना होने पर अब क्लेम करने का झंझट का खत्म! i-RED बीमा कंपनियों को तुरंत करेगा अलर्ट
हापुड़ में, यातायात नियमों का उल्लंघन करने पर बीमा क्लेम लेना मुश्किल होगा। आई-आरएडी ऐप के माध्यम से बीमा कंपनियों के नोडल अधिकारियों को दुर्घटना की सूचना तुरंत मिलेगी। वे पुलिस के साथ मिलकर जांच करेंगे। नियमों का उल्लंघन करने पर कंपनियां क्लेम खारिज कर सकती हैं। इस नई व्यवस्था से दुर्घटनाओं पर नियंत्रण पाने में मदद मिलेगी और लोग सुरक्षा नियमों का पालन करेंगे।

हापुड़ में, यातायात नियमों का उल्लंघन करने पर बीमा क्लेम लेना मुश्किल होगा।
ठाकुर डीपी आर्य, हापुड़। यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों के लिए अब बीमा क्लेम लेना आसान नहीं होगा। सड़क दुर्घटना होते ही बीमा कंपनियों के नोडल अधिकारियों को इंटीग्रेटेड रोड एक्सीडेंट डेटाबेस (आई-आरएडी) ऐप पर इंटीग्रेशन कनेक्टिविटी के जरिए जानकारी मिल जाएगी।
वाहन और जीवन बीमा कंपनियों के प्रतिनिधि तुरंत घटनास्थल पर पहुँचकर जाँच कर सकेंगे। वे दुर्घटना के कारणों की जाँच में पुलिस के साथ भी रहेंगे। पहले, बीमा कंपनियों को पुलिस रिपोर्ट पर निर्भर रहना पड़ता था। अब, आई-आरएडी ऐप देश भर की बीमा कंपनियों के जिला समन्वयकों को जोड़ रहा है।
वाहन और दुर्घटना बीमा क्लेम तभी मिलते हैं जब यातायात नियमों का पालन किया जाए। यातायात उल्लंघन के कारण होने वाली दुर्घटनाओं में, कंपनियां अक्सर क्लेम खारिज कर देती हैं। पहले, बीमा कंपनियों को पुलिस जांच और पीड़ित परिवार द्वारा उपलब्ध कराए गए दस्तावेजों पर निर्भर रहना पड़ता था।
अक्सर, बड़ी दुर्घटनाओं में, बीमा कंपनियों के सर्वेक्षक बाद में जांच के लिए घटनास्थल पर पहुंचते थे, जहाँ अक्सर सही तथ्य उपलब्ध नहीं होते थे। पीड़ित की परेशानी को देखते हुए, पुलिस और पोस्टमॉर्टम करने वाले डॉक्टर अक्सर सकारात्मक रिपोर्ट देते थे, जिसके परिणामस्वरूप ज़्यादातर मामलों में बीमा क्लेम स्वीकृत हो जाता था।
यह है नई व्यवस्था
i-RED के जिला प्रबंधक निशांत राजपूत ने बताया कि अब परिवहन विभाग के i-RED ऐप के ज़रिए सड़क दुर्घटनाओं पर नज़र रखी जा रही है। अब तक पुलिस, स्वास्थ्य विभाग, एम्बुलेंस, निजी अस्पताल, नगर निकाय, लोक निर्माण विभाग और NHAI को इस ऐप से जोड़ा जा चुका है। बीमा कंपनियों को भी i-RED से जोड़ा जाएगा।
इसके लिए, वाहन और दुर्घटना बीमा कंपनियाँ प्रत्येक ज़िले में एक नोडल अधिकारी नियुक्त करेंगी। पुलिस ऐप में दुर्घटना की तस्वीर और विवरण दर्ज होते ही, सूचना कॉलम में बीमा नोडल अधिकारी जुड़ जाएँगे। यह जानकारी तुरंत उन्हें भेज दी जाएगी। बीमा कंपनी के प्रतिनिधि भी घटनास्थल पर पहुँचकर जाँच में शामिल हो सकेंगे।
क्लेम लेना आसान नहीं होगा
कंपनियां सीट बेल्ट या हेलमेट न पहनने, सड़क के गलत साइड पर गाड़ी चलाने, नशे में गाड़ी चलाने, नाबालिग द्वारा गाड़ी चलाने या क्षमता से अधिक यात्रियों और सामान को लादने पर बीमा क्लेम खारिज कर सकेंगी। वर्तमान में, हेलमेट न पहनने पर भी पुलिस अक्सर सहानुभूति दिखाती है और पुष्टि करती है कि उसने हेलमेट पहना हुआ है।
हालांकि, अगर कोई शराब के नशे में है, तो अक्सर पंचनामा, पोस्टमार्टम या मेडिकल रिपोर्ट में इसका ज़िक्र नहीं किया जाता। हाल ही में ऐसे कई मामले सामने आए हैं जिनमें मरीज़ों की मौत के बाद भी, दुर्घटना को दुर्घटना बताकर क्लेम हासिल किया गया है। अब ऐसा नहीं हो पाएगा।
दुर्घटनाओं की सही निगरानी करके ही हम उन पर नियंत्रण पा सकेंगे। इसलिए, दुर्घटना जाँच में शामिल होने वाले सभी लोगों को जोड़ा जा रहा है। पुलिस और अन्य विभागों को जोड़ने के बाद, अब बीमा कंपनियों को भी ऐप से जोड़ा जाएगा। लोगों में बीमा क्लेम खारिज होने का डर कम होगा, इसलिए वे सुरक्षा नियमों का पालन करेंगे और दुर्घटनाओं को कम करने की योजना सफल होगी।
- निशांत राजपूत, जिला प्रबंधक, आई-रेड।

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