दर्दनाक: फैक्ट्री में जर्जर मशीन गिरने से कामगार की मौत, परिवार में मचा कोहराम
पिलखुवा की एक सालासर फैक्ट्री में टीन शेड लगाते समय जर्जर मशीन गिरने से एक कामगार की मौत हो गई और चार घायल हो गए। मशीन वर्षों से जर्जर हालत में थी। घायलों में से दो की हालत गंभीर है। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है और फैक्ट्री प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप है। औद्योगिक क्षेत्र में सुरक्षा मानकों की कमी चिंता का विषय है।
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जागरण संवाददाता, पिलखुवा (हापुड़)। हापुड़ जनपद में थाना पिलखुवा क्षेत्र में बुधवार शाम एक दिल दहला देने वाले हादसे ने न केवल एक कामगार के स्वजन को गमगीन कर दिया, बल्कि पूरे औद्योगिक क्षेत्र में सुरक्षा मानकों की पोल खोल दी है।
धौलाना रोड पर स्थित सालासर (लोहे के पाइप) बनाने वाली फैक्ट्री में टीन शेड लगाने के दौरान एक पुरानी और जर्जर कैंची मशीन (लोहे की भारी कटिंग मशीन गिरने से 60 वर्षीय बुजुर्ग कामगार की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि चार अन्य कामगार गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों को तत्काल नजदीकी अस्पतालों में भेजा गया, जहां दो की हालत नाजुक बनी हुई है।
पिलखुवा के धौलाना रोड स्थित बुधवार शाम करीब पांच बजे सालासर फैक्ट्री में कामगार अपने कार्य कर रहे थे। फैक्ट्री में लोहे के पाइप उत्पादन का काम हो रहा था। 50-60 कामगार अपने कार्य में कार्यरत रहते हैं। इस दौरान पुराने टीन शेड को हटाकर नया शेड लगाने का कार्य चल रहा था। इसी बीच ऊंचाई पर रखी हुई भारी कैंची मशीन, जो वर्षों से जर्जर हालत में थी, अचानक संतुलन खो बैठी और नीचे काम कर रहे कामगारों पर आ गिर पड़ी। मशीन का वजन इतना अधिक था कि यह सीधे पांच मजदूरों को अपनी चपेट में ले लिया।
इस दौरान अफरा-तफरी मच गई। साथी कामगारों ने तुरंत डायल-112 पर काल कर पुलिस और एंबुलेंस कर्मियों की मदद मांगी। मौके पर पहुंची राहत टीम ने मलबे के नीचे दबे कामगारों को बाहर निकाला। मौके पर कामगार विजय शर्मा की मौत हो गई। विजय शर्मा पिलखुवा के रहने वाले थे। वह फैक्ट्री में लंबे समय से काम कर रहे थे। स्वजन के मुताबिक वह परिवार के एकमात्र कमाने वाले सदस्य थे। उनके परिवार में पत्नी, दो बेटे और एक बेटी हैं।
दो को वेंटिलेटर पर किया शिफ्ट
हादसे में घायल चार मजदूरों में से दो की हालत सबसे ज्यादा चिंताजनक है। 21 वर्षीय शादाब (पुत्र सोनी) और 28 वर्षीय अजहर को प्राथमिक उपचार के बाद गाजियाबाद के रेफरल अस्पताल भेज दिया गया। वहां चिकित्सकों ने उन्हें वेंटिलेटर पर रखा है। शादाब और अजहर दोनों ही युवा मजदूर हैं, जिन्होंने कुछ दिन पहले फैक्ट्री में काम शुरू किया था।
वहीं, तीसरे घायल 22 वर्षीय फैसल का खेड़ा के बांके बिहारी अस्पताल में भर्ती उपचार चल रहा है। जहां उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है। चिकित्सकों के अनुसार घायलों को सिर, सीना और पैरों में गंभीर चोटें लगी हैं।
जांच के आदेश, शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा
हादसे की खबर मिलते ही पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी तुरंत मौके पर पहुंचे। एसडीएम, सीओ और थाना प्रभारी ने बचाव कार्यों का नेतृत्व किया। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। प्रारंभिक जांच में पाया गया कि मशीन की जर्जर हालत और सुरक्षा उपायों की कमी इस हादसे का मुख्य कारण हो सकती है। फैक्ट्री प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लग रहा है। मामले में रिपोर्ट दर्ज की जा रही है। फैक्ट्री के मालिक व मैनेजर के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। श्रम विभाग की एक टीम भी जांच के लिए रवाना हो चुकी है।
बढ़ते हादसे, मजदूरों की चिंता
पिलखुवा और हापुड़ का औद्योगिक क्षेत्र लोहे के पाइप, स्टील और अन्य धातु उत्पादों के लिए जाना जाता है। यहां सैकड़ों छोटी-बड़ी फैक्टरियां संचालित हैं, लेकिन सुरक्षा उपकरणों और रखरखाव की कमी के कारण हादसे आम हो चुके हैं। पिछले एक साल में इस क्षेत्र में कम से कम पांच ऐसे हादसे हो चुके हैं, जिनमें मजदूरों की जान गई या वह घायल हुए। कुछ दिन पहले सालासर फैक्ट्री में टीन शेड गिरने के दौरान कामगारों की मौत हो गई थी। विशेषज्ञों का मानना है कि पुरानी मशीनों का उपयोग और अपर्याप्त ट्रेनिंग हादसों को न्योता दे रही है।
ऐसे हादसों को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे। फैक्ट्री का निरीक्षण कराया जाएगा और सुरक्षा मानकों का पालन न करने वालों पर कड़ी कार्रवाई होगी। - पटनीश कुमार, प्रभारी निरीक्षक, थाना पिलखुवा
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