CM योगी की सुरक्षा में गंभीर चूक, पत्रकार बनकर पूजा घाट तक पहुंचा शख्स; लखनऊ तक हरकत में अफसर
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सुरक्षा में बड़ी चूक हुई। एक व्यक्ति पत्रकार बनकर उनके पूजा घाट तक पहुंच गया। इस घटना के बाद लखनऊ तक के अधिकारी हरकत में आ गए हैं और तत्काल जांच के आदेश दिए गए हैं। सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की जा रही है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दौरे के दौरान सुरक्षा व्यवस्था में एक गंभीर चूक सामने आई है।
केशव त्यागी, हापुड़। तीर्थ नगरी गढ़मुक्तेश्वर के ब्रजघाट में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दौरे के दौरान सुरक्षा व्यवस्था में एक गंभीर चूक सामने आई है। रविवार को कार्तिक पूर्णिमा गंगा मेले की तैयारियों का निरीक्षण करने पहुंचे मुख्यमंत्री के पास पूजा स्थल तक कुछ संदिग्ध व्यक्ति पहुंच गए।
इनमें से कुछ लोग खुद को कथित पत्रकार बताकर लाइव कवरेज का हवाला देकर सुरक्षा घेरे को तोड़ने में सफल हो गए। इस घटना ने न केवल स्थानीय प्रशासन और पुलिस की नाकामी को उजागर किया है, बल्कि पूरे राज्य में सुरक्षा प्रोटोकाल पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
सूत्रों के अनुसार रविवार दोपहर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हेलीकाप्टर से गढ़मुक्तेश्वर पहुंचे थे। उनका मुख्य उद्देश्य ब्रजघाट पर कार्तिक मेले की तैयारियों का जायजा लेना था, जिसमें पूजा-अर्चना और सुरक्षा व्यवस्थाओं का विशेष ध्यान रखा गया। मेला परिसर पर बनाए गए थाना सदर बाजार के पास विशेष रूप से मुख्यमंत्री के लिए एक अस्थायी पूजा घाट तैयार किया गया था, जहां सीएम ने गंगा स्नान और पूजन किया।
हालांकि, इसी दौरान सुरक्षा घेरे में सेंध लगाने वाले कुछ व्यक्ति घाट तक पहुंच गए। इनमें से अधिकांश ने खुद को पत्रकार बताकर प्रवेश की अनुमति ली। लाइव कवरेज कर रहे हैं और खबर के लिए फुटेज लेनी है। जैसे बहाने बनाकर इन्होंने सुरक्षाकर्मियों को चकमा दिया।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक यह व्यक्ति न केवल घाट के करीब पहुंचे, बल्कि कुछ ने तो सीएम के नजदीक आने की कोशिश भी की। सतर्क सुरक्षाकर्मियों ने आखिरकार इन्हें रोका, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी। मेले की भारी भीड़ के बीच ऐसी चूक होना खतरनाक साबित हो सकता था। ऐसे में सवाल उठता है कि सुरक्षा इतनी ढीली थी कि कोई भी व्यक्ति आसानी से अंदर घुस गया। अगर कोई गंभीर खतरा होता तो क्या होता?
जांच के दायरे में लखनऊ, मांगी रिपोर्ट
इस घटना की जानकारी मिलते ही लखनऊ से उच्च स्तरीय जांच के आदेश जारी हो गए। मुख्यमंत्री कार्यालय और डीजीपी मुख्यालय ने तत्काल कार्रवाई करते हुए लोकल इंटेलिजेंस यूनिट एलआईयू से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। जांच का फोकस इस बात पर है कि कथित पत्रकारों की पहचान कैसे सत्यापित नहीं हुई और सुरक्षा प्रोटोकाल का पालन क्यों नहीं किया गया। पुलिस की चूक ने पूरे सिस्टम को झकझोर दिया है। विपक्षी दलों ने भी इसकी आलोचना शुरू कर दी है। इसे प्रशासन की लापरवाही बताते हुए। ऐसे आयोजनों में मीडिया की सख्त जांच की मांग की है।
आगे की कार्रवाई, सख्ती का ऐलान
सूत्रों के अनुसार कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, इस मामले में दोषी अधिकारियों के खिलाफ विभागीय जांच होगी। मामले में एलआईयू निरीक्षक ने बताया कि हमसे मामले की रिपोर्ट मांगी गई है। शासन स्तर पर मामले में कार्रवाई होगी।

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