हरदोई में 31 पंचायतों में विकास कार्यों की होगी जांच, 18 सचिवों के वेतन पर रोक
हरदोई जिले की 31 ग्राम पंचायतों में विकास कार्यों की जांच के आदेश दिए गए हैं। अनियमितताओं की शिकायत के बाद 18 सचिवों के वेतन पर रोक लगा दी गई है। मुख्य विकास अधिकारी ने जांच टीम गठित कर जल्द रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए हैं। दोषी पाए जाने पर सचिवों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। अन्य पंचायतों पर भी निगरानी रखी जा रही है।

हरदोई में 31 पंचायतों में विकास कार्यों की होगी पड़ताल।
जागरण संवाददाता, हरदोई। राष्ट्रीय ग्राम स्वराज योजना के तहत कार्ययोजना बनाए जाने के लिए जिले में हो रही तीन दिवसीय प्रशिक्षण में अनुपस्थित होना 31 प्रधानों व 18 सचिवों को उस समय महंगा साबित हुआ, जब डीपीआरओ ने प्रधानों की पंचायतों में कराए गए कार्यों का स्थलीय सत्यापन व सचिवों के वेतन पर रोक लगाने के निर्देश जारी कर दिए। डीपीआरओ ने कहा कि हीलाहवाली किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
जिला पंचायत राज अधिकारी विनय कुमार सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय ग्राम स्वराज योजना के तहत वर्ष 2025-26 के लिए कार्ययोजना बनाई जा रही है, इसी के तहत प्रधानों व सचिवों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
प्रशिक्षण बेलाताली के निकट लेक ब्लू होटल में 13, 14 व 15 नवंबर को दिया जा रहा है, जिसमें प्रधानों व सचिवों को बुलाया गया। 13 व 14 नवंबर को 31 प्रधान व 18 सचिव अनुपस्थित रहे। इसके बाद यह जाहिर है कि न तो प्रधान और न ही सचिव ग्राम पंचायत के विकास कार्य में कोई रुचि ले रहा है, जिसके बाद उन्होंने प्रधान जो अनुपस्थित हैं उनकी ग्राम पंचायत में जिन कार्यों में भुगतान कराया जा चुका है।
उनका निरीक्षण कर भौतिक सत्यापन के निर्देश एडीओ को दिए गए हैं और तीन दिनों में उनसे आख्या मांगी गई है। इसी तरह जो सचिव अनुपस्थित रहे हैं, उनके वेतन पर रोक लगाने के निर्देश दे दिए गए हैं।
इन ग्राम पंचायतों में होगा सत्यापन
बरसोहिया, बेहटागोकुल, बेहंदर कला, बेरुआ, गौररी कोथावां, जनिगांव, कल्यानमल, बालामऊ, दीननगर, गौसगंज, हथौड़ा, पतसेनी देहात, तेरवाकुल्ली, दुर्गागंज, हथौड़ा, हथौड़ा, रहुला, मंसूरनगर, जरेली, कुरसेली, मझिया, पिपरी नेवादा, हरपालपुर, खसौरा, कमालपुर, लखनौर, नई बस्ती, सवायजपुर, अतरौली, कौड़िया, छनोइया ग्राम पंचायतें शामिल हैं, जिनमें कराए गए कार्यों का सत्यापन होगा।
प्रधान भी पंचायत में नहीं करते निवास
ग्राम पंचायतों के कार्यों व प्रशिक्षण में अनुपस्थित रहना कहीं न कहीं यह दर्शाता है कि वह ग्राम पंचायत में न तो रहते हैं और न ही निवास करते हैं। इसी को लेकर सत्यापन कराया जाएगा ताकि पता लग सके कि राशि जो खर्च हो रही है वह विकास कार्यों में लग रही है या नहीं। -विनय कुमार सिंह, डीपीआरओ।

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