यूपी में समिति का सदस्य बनाना और फार्मर रजिस्ट्री कराना जरूरी, वरना किसानों को नहीं मिलेगी खाद
उत्तर प्रदेश में किसानों को खाद प्राप्त करने के लिए सहकारी समिति का सदस्य बनना और फार्मर रजिस्ट्री कराना अनिवार्य कर दिया गया है। सरकार ने यह कदम खाद वितरण में पारदर्शिता लाने और सही किसानों तक खाद पहुंचाने के लिए उठाया है। किसानों को जल्द से जल्द यह प्रक्रिया पूरी करने की सलाह दी गई है।

खाद पाने के लिए पहले सदस्य बने या फिर कराएं फार्मर रजिस्ट्री।
जागरण टीम, हरदोई। सहकारी समितियों पर खाद की एक-एक बोरी के लिए किसान धक्के खा रहे हैं। किसानों को समिति का सदस्य बनने का दबाव बनाया जा रहा है, जो किसान समिति के सदस्य बन चुके हैं, वह भी सुबह से शाम तक लाइन में लग रहे हैं। वहीं, समिति का सदस्य बनने की बाध्यता बताकर सामान्य किसानों को लौटाया जा रहा है, जो किसानों के लिए मुसीबत बन गया है। फार्मर रजिस्ट्री न कराने वालों को भी खाद नहीं मिल पा रही है।
सहकारी समितियों का सदस्यता अभियान चलाया जा रहा है। किसानों को समिति से जोड़ने के लिए जिम्मेदारों ने नायाब तरीका निकाला है। प्रशासन का फरमान बताकर किसानों को समिति का सदस्य बनने के लिए मजबूर किया जा रहा है।
बताया जा रहा है कि जो किसान सदस्य नहीं बनेंगे, उन्हें खाद नहीं मिल पाएगी। इसे लेकर समिति संचालकों द्वारा पहले से किसानों को कोई जानकारी नहीं दी गई है और न ही कोई समिति के बाहर सूचना प्रकाशित की गई है। सहकारी समिति पर खाद लेने पहुंच रहे किसान प्रशासन का फरमान सुनकर परेशान हैं, जो किसान समिति के सदस्य नहीं है। वह मजबूरन समितियों से बैरंग लौट रहे है।
वहीं, जाे समितियों के सदस्य बन गए हैं, उन्हें भी समय से डीएपी नहीं मिल पा रही है। किसान सुबह से शाम तक लाइन में लगकर धक्के खा रहे हैं। किसान उमेश कुमार, अशेाक दीक्षित, रुपेश कुमार आदि ने बताया कि यूरिया के लिए काफी धक्के खाए थे। सोचा था डीएपी आसानी से मिल जाएगी, लेकिन वह भी नहीं मिल रही है।
प्राइवेट दुकानदार मनमानी कर रहे हैं, जिससे किसान परेशान हैं। इस संबंध में एआर कोऑपरेटिव आशीष मेहता ने सहकारी समितियों के सदस्यों या फिर फार्मर रजिस्ट्री कराने वाले किसानों को खाद दिए जाने का निर्देश दिया गया है, जिसका क्रियांवयन कराया जा रहा है।
बताया कि समिति पर सदस्य बन सकते हैं। इसके अलावा किसान जनसेवा केंद्र या फिर राजकीय कृषि बीज भंडार के माध्यम से फार्मर रजिस्ट्री करा सकते हैं। फार्मर रजिस्ट्री न कराने वाले या फिर सहकारी समितियों के सदस्य न बनने वाले किसानों को इस बार खाद नहीं मिल पाएगी।

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